हाईकोर्ट – फोटो : अमर उजाला डिजिटल
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प्रदेश में बढ़ते डेंगू के प्रकोप को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी। याचिका में आरोप लगाते हुए कहा गया था कि डेंगू के रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग तथा नगर निगम कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा तथा जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने प्रदेश के सभी नगर निगम को नोटिस जारी कर कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने के आदेश जारी किये है।
हरदा निवासी आरटीआई कार्यकर्ता डॉ विजय बजाज की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि प्रदेश के शासकीय तथा निजी अस्पताल डेंगू पीड़ित मरीजों से भरे हुए है। प्रदेश में डेंगू के प्रकोप से पीड़ित मरीजों की संख्या में प्रतिदिन बढोतरी हो रही है। इस बार डेंगू वायरस पिछले वर्षो की तुलना में अधिक शक्तिशाली होने के कारण लोगों की मौत हो रही है। राष्ट्रीय जनित रोग नियंत्रण केंद्र की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि वर्ष 2022 की तुलना में वर्ष 2023 में डेंगू पीड़ितों की संख्या में 50 प्रतिशत से अधिक का इजाफा हुआ था।
याचिकाकर्ता की तरफ से पैरवी करते हुए अधिवक्ता आदित्य संघी ने युगलपीठ को बताया कि स्थिति बद से बदतर हो रही है। नगर निगम सिर्फ वीआईपी क्षेत्र में फॉगिंग मशीन का उपयोग कर छिड़काव कर रही है। मध्यम वर्ग का उपयोग सिर्फ कर संग्रह के लिए किया जा रहा है। अनुच्छेद 21 प्रत्येक नागरिक को जीवन का अधिकार देता है। वीआईपी इलाकों के अलावा दूसरे क्षेत्र में सिर्फ डीजल डालकर छिड़काव किया जाता है, कीटनाशक का उपयोग नहीं किया जाता है। याचिका में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य विभाग, भोपाल व जबलपुर के निगमायुक्त को अनावेदक बनाया गया था। याचिका पर अगली सुनवाई 19 सितम्बर को निर्धारित की गयी है।
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