mp-news:-मेपकॉस्ट-की-बायोटेक-लैब-बदहाल,-इंटर्नशिप-कार्यक्रम-बंद,-पर-डीजी-का-चेंबर-चमकाने-पर-30-लाख-रुपये-खर्च
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Mon, 09 Sep 2024 10: 10 PM IST लैब के पूर्व प्रमुख डॉ. राजेश सक्सेना, सेवानिवृत वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक ने तो लैब की दुर्दशा को देखकर यहां तक लिखा है कि बाहर से विजिटर आने पर काफी शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ता है लैब का सुधार कार्य तत्काल कराएं। मेपकास्ट स्थित बायोटेक लैब की स्थिति - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (मेपकॉस्ट) में अनियमितताओं और कुप्रबंधन का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। नया मामला बायोटेक लैब का सामने आया है, जो पिछले दो साल से बदहाल स्थिति में है। जहां एक ओर बायोटेक लैब बदहाल स्थिति में पड़ी है, वहीं दूसरी ओर मेपकॉस्ट के महानिदेशक के चेंबर की साज-सज्जा और चमक-दमक पर 30 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। इसलिए लैब के स्थान पर चेंबर पर गैर जरूरी खर्च करने पर सवाल खड़े हो रहे हैं। मेपकॉस्ट की बायोटेक लैब लंबे समय से बदहाल है। इसकी मरम्मत और सुधार के लिए लैब के एचओडी की तरफ से दो साल पहले प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया। इसका नतीजा है कि यहां संचालित होने वाले डिर्जटेशन और इंटर्नशिप कार्यक्रमों को पहली बार बंद करना पड़ा है। इसके हालत कितने खराब है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस लैब के पूर्व प्रमुख डॉ. राजेश सक्सेना, सेवानिवृत वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक ने तो लैब की दुर्दशा को देखकर यहां तक लिखा है कि बाहर से विजिटर आने पर काफी शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ता है लैब का सुधार कार्य तत्काल कराएं। यह है लैब की स्थिति  लैब की फॉल्स सीलिंग पर नमी के कारण फंगस उग चुकी है, जिससे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। लैब में मौजूद सभी एसी पिछले कई सालों से खराब पड़े हैं और अधिकांश लाइट्स भी काम नहीं कर रही हैं। लैब के पावर स्विच टूटे हुए हैं और दराज एवं कैबिनेट काम नहीं कर रहे हैं। लैब में फायर फाइटिंग सिस्टम का रखरखाव नहीं किया गया है, जिससे सुरक्षा की चिंता भी बढ़ गई है। लैब के पर्दे भी खराब हो चुके हैं, जिससे वहां काम करने वाले लोगों को असुविधा होती है। 400 कॉलेज छात्र कर चुके अपना रिसर्च कार्य वर्ष 2008 में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस लैब का उदघाटन किया था। इसके बाद इस लैब में लगभग 400 कॉलेज छात्रों ने अपना रिसर्च कार्य किया है। लगभग 30 अंतर्राष्ट्रीय रिसर्च पेपर प्रकाशित हुए हैं। लगभग 30 प्रजातियों के डीएनए बारकोड विकसित किए गए हैं। इस लैब में लगभग 50 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं। भोपाल में इस लैब के समकक्ष केंद्र सरकार के आईसर, एम्स, निरहे (नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च इन इनवायरमेंट हेल्थ) बीएमएचआरसी, आईसीएआर की लैब हैं, जिनमें पूरे देश के छात्रों को रिसर्च कार्य का मौका दिया जाता है। इसमें प्रदेश के छात्रों की संख्या बहुत कम होती है, परंतु मेपकॉस्ट की लैब प्रदेश की इकलौती लैब है, जहां केवल मध्य प्रदेश के छात्रों को मौका दिया जाता था। लैब की दुर्दशा के कारण इस वर्ष पदस्थ स्टाफ ने भी शोध छात्रों को डिजर्टेशन और इंटर्नशिप करवाने से हाथ खड़े कर दिए हैं। धूल खा रहे उपकरण  बायोटेक लैब एक हाईटेक लैब है इसके रख-रखाव की कमी का सीधा असर इसमें रखे हुए हाईटेक उपकरणों पर पड़ रहा है, जो धूल खा रहे हैं। यह राज्य सरकार की इकलौती लैब है, जिसमें डीएनए सिक्वेंसर, एचपीटीएलसी जैसे उपकरण मौजूद हैं जिनका वर्तमान में कोई उपयोग नहीं हो रहा है। यह रखे रखे खराब हो रहे है। नाम न छापने की शर्त पर कुछ छात्रों ने बताया कि शोध कार्य करने के लिए केमिकल तक नहीं मिलते हैं, जबकि आर एंड डी मद में लगभग 15 करोड़ प्रति वर्ष बजट मिलता है। इसे अनुदान बांटने में खर्च कर दिया जाता है।  पिछले एक वर्ष में दो करोड़ के मरम्मत और रिनोवेशन के कार्य हुए मैपकॉस्ट की तरफ से मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम को पिछले एक वर्ष में लगभग दो करोड़ के आर्डर दिए गए हैं, जिसमें परिषद के मुख्य द्वार के रिनोवेशन एवं मरम्मत पर 26 लाख, डायरेक्टर बंगला को गेस्ट हाउस बनाने के लिए 30 लाख, एसी के रिपेयरिंग पर ही लगभग 15 लाख के आर्डर दिए हैं। गौतम नगर आवासीय परिसर की रिपेयरिंग पर 48 लाख, ऑप्टिकल स्टिम्युलेटेड लुमेंस डेटिंग लैब के विस्तार के नाम पर 52 लाख के आर्डर दिए हैं जबकि इस लैब के विस्तार की कोई आवश्यकता नहीं है। मैं बात करने को अधिकृत नहीं हूं बायोटक लैब के इंचार्ज निपुन सिलावट ने कहा कि वह मीडिया से बातचीत करने के लिए अधिकृत नहीं हैं।   कार्यवाही की जा रही है  मैपकॉस्ट के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी ने कहा कि बायोटेक लैब के रिनोवेशन के लिए कार्यवाही की जा रही है। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Mon, 09 Sep 2024 10: 10 PM IST

लैब के पूर्व प्रमुख डॉ. राजेश सक्सेना, सेवानिवृत वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक ने तो लैब की दुर्दशा को देखकर यहां तक लिखा है कि बाहर से विजिटर आने पर काफी शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ता है लैब का सुधार कार्य तत्काल कराएं। मेपकास्ट स्थित बायोटेक लैब की स्थिति – फोटो : अमर उजाला

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मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (मेपकॉस्ट) में अनियमितताओं और कुप्रबंधन का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। नया मामला बायोटेक लैब का सामने आया है, जो पिछले दो साल से बदहाल स्थिति में है। जहां एक ओर बायोटेक लैब बदहाल स्थिति में पड़ी है, वहीं दूसरी ओर मेपकॉस्ट के महानिदेशक के चेंबर की साज-सज्जा और चमक-दमक पर 30 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। इसलिए लैब के स्थान पर चेंबर पर गैर जरूरी खर्च करने पर सवाल खड़े हो रहे हैं। मेपकॉस्ट की बायोटेक लैब लंबे समय से बदहाल है। इसकी मरम्मत और सुधार के लिए लैब के एचओडी की तरफ से दो साल पहले प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया। इसका नतीजा है कि यहां संचालित होने वाले डिर्जटेशन और इंटर्नशिप कार्यक्रमों को पहली बार बंद करना पड़ा है। इसके हालत कितने खराब है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस लैब के पूर्व प्रमुख डॉ. राजेश सक्सेना, सेवानिवृत वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक ने तो लैब की दुर्दशा को देखकर यहां तक लिखा है कि बाहर से विजिटर आने पर काफी शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ता है लैब का सुधार कार्य तत्काल कराएं।

यह है लैब की स्थिति 
लैब की फॉल्स सीलिंग पर नमी के कारण फंगस उग चुकी है, जिससे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। लैब में मौजूद सभी एसी पिछले कई सालों से खराब पड़े हैं और अधिकांश लाइट्स भी काम नहीं कर रही हैं। लैब के पावर स्विच टूटे हुए हैं और दराज एवं कैबिनेट काम नहीं कर रहे हैं। लैब में फायर फाइटिंग सिस्टम का रखरखाव नहीं किया गया है, जिससे सुरक्षा की चिंता भी बढ़ गई है। लैब के पर्दे भी खराब हो चुके हैं, जिससे वहां काम करने वाले लोगों को असुविधा होती है।

400 कॉलेज छात्र कर चुके अपना रिसर्च कार्य
वर्ष 2008 में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस लैब का उदघाटन किया था। इसके बाद इस लैब में लगभग 400 कॉलेज छात्रों ने अपना रिसर्च कार्य किया है। लगभग 30 अंतर्राष्ट्रीय रिसर्च पेपर प्रकाशित हुए हैं। लगभग 30 प्रजातियों के डीएनए बारकोड विकसित किए गए हैं। इस लैब में लगभग 50 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं। भोपाल में इस लैब के समकक्ष केंद्र सरकार के आईसर, एम्स, निरहे (नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च इन इनवायरमेंट हेल्थ) बीएमएचआरसी, आईसीएआर की लैब हैं, जिनमें पूरे देश के छात्रों को रिसर्च कार्य का मौका दिया जाता है। इसमें प्रदेश के छात्रों की संख्या बहुत कम होती है, परंतु मेपकॉस्ट की लैब प्रदेश की इकलौती लैब है, जहां केवल मध्य प्रदेश के छात्रों को मौका दिया जाता था। लैब की दुर्दशा के कारण इस वर्ष पदस्थ स्टाफ ने भी शोध छात्रों को डिजर्टेशन और इंटर्नशिप करवाने से हाथ खड़े कर दिए हैं।

धूल खा रहे उपकरण 
बायोटेक लैब एक हाईटेक लैब है इसके रख-रखाव की कमी का सीधा असर इसमें रखे हुए हाईटेक उपकरणों पर पड़ रहा है, जो धूल खा रहे हैं। यह राज्य सरकार की इकलौती लैब है, जिसमें डीएनए सिक्वेंसर, एचपीटीएलसी जैसे उपकरण मौजूद हैं जिनका वर्तमान में कोई उपयोग नहीं हो रहा है। यह रखे रखे खराब हो रहे है। नाम न छापने की शर्त पर कुछ छात्रों ने बताया कि शोध कार्य करने के लिए केमिकल तक नहीं मिलते हैं, जबकि आर एंड डी मद में लगभग 15 करोड़ प्रति वर्ष बजट मिलता है। इसे अनुदान बांटने में खर्च कर दिया जाता है। 

पिछले एक वर्ष में दो करोड़ के मरम्मत और रिनोवेशन के कार्य हुए
मैपकॉस्ट की तरफ से मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम को पिछले एक वर्ष में लगभग दो करोड़ के आर्डर दिए गए हैं, जिसमें परिषद के मुख्य द्वार के रिनोवेशन एवं मरम्मत पर 26 लाख, डायरेक्टर बंगला को गेस्ट हाउस बनाने के लिए 30 लाख, एसी के रिपेयरिंग पर ही लगभग 15 लाख के आर्डर दिए हैं। गौतम नगर आवासीय परिसर की रिपेयरिंग पर 48 लाख, ऑप्टिकल स्टिम्युलेटेड लुमेंस डेटिंग लैब के विस्तार के नाम पर 52 लाख के आर्डर दिए हैं जबकि इस लैब के विस्तार की कोई आवश्यकता नहीं है।

मैं बात करने को अधिकृत नहीं हूं
बायोटक लैब के इंचार्ज निपुन सिलावट ने कहा कि वह मीडिया से बातचीत करने के लिए अधिकृत नहीं हैं।
 
कार्यवाही की जा रही है 
मैपकॉस्ट के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी ने कहा कि बायोटेक लैब के रिनोवेशन के लिए कार्यवाही की जा रही है।

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