न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: संदीप तिवारी Updated Sat, 07 Sep 2024 06: 04 PM IST
एम्स भोपाल के फीजियोलॉजी विभाग के छः डॉक्टरों की टीम के द्वारा विकसित मोबाइल फोन आधारित योगा एप को भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के औद्योगिक नीति और संवर्द्धन विभाग द्वारा कॉपीराइट प्रदान किया गया है। एम्स भोपाल – फोटो : अमर उजाला
विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें
राजधानी भोपाल स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेदिक विज्ञान संस्थान (एम्स) जहां एलोपैथी इलाज में नए-नए कीर्तिमान रच रहा है, वहीं आयुर्वेद और योग पर भी नए-नए प्रयोग यहां किए जा रहे हैं। हालही में एम्स के चिकित्सकों ने एक मोबाइल मोबाइल एप बनाया है जो घर बैठे व्यक्ति के मानसिक स्थिति का आकलन कर योग के स्टेप सिखाएगा और उन्हें बताया गया कि कौन सा स्टेप में करना है कौन से नहीं करना है। एम्स के डॉक्टरों के इस ऐप को भारत सरकार से कॉपीराइट भी मिल गया है।
फीजियोलॉजी विभाग 6 चिकित्सकों की टीम ने बनाया एप
एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक डॉ. अजय सिंह ने बताया कि संकाय और छात्रों के बीच अकादमिक उत्कृष्टता, ज्ञान-साझा करण और नवाचार की संस्कृति को एम्स में बढ़ावा दिया जा रहा हैं। एम्स भोपाल ने विभिन्न मंचों पर उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने बताया कि एम्स भोपाल के फीजियोलॉजी विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ वरुण मल्होत्रा सहित छः डॉक्टरों की टीम के द्वारा विकसित मोबाइल फोन आधारित योगा एप को भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के औद्योगिक नीति और संवर्द्धन विभाग द्वारा कॉपीराइट प्रदान किया गया है।
डिप्रेशन, एन्जाइटी जैसी समस्याओं से मिलेगी निजात
यह मोबाइल एप घर बैठे व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य का सटीक आंकलन कर योग एवं ध्यान की विभिन्न तकनीकों को स्टेप बाई स्टेप सिखाता है। जिससे व्यक्ति न केवल घर बैठे प्रशिक्षित योग टीचर की मदद से अपने शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रख सकता है, बल्कि डिप्रेशन, एन्जाइटी जैसी समस्याओं से निजात भी पा सकता है। इस टीम में डॉ मल्होत्रा के साथ मनोरोग विभागाध्यक्ष डॉ विजेंदर सिंह, आयुष विभाग के डॉ दानिश जावेद, योग प्रशिक्षक श्वेता मिश्र, शरीर क्रिया विभाग के डॉ रजय भारशंकर, सामुदायिक चिकित्सा विभाग के डॉ अनिंदों मजूमदार शामिल हैं। एम्स के डायरेक्टर डॉ अजय सिंह ने पूरी टीम को इस सफलता के लिए बधाई दी है। डॉ मल्होत्रा ने बताया कि जो पॉजिटिव माहौल पिछले दो वर्षों में एम्स में बना है और एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो अजय सिंह ने यहां की फैकल्टी को रिसर्च करने के लिए जो बढ़ावा दिया है, ये उसी का नतीजा है कि आज एम्स भोपाल में नित नए कीर्तिमान स्थापित हो रहे हैं।
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
Comments