national-highway:सड़क-परियोजनाओं-के-क्रियान्वयन-की-समीक्षा
National highway: पीएम गति शक्ति के तहत नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप की बैठक में 18 सड़क परियोजनाओं की समीक्षा की गयी. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और बिहार में प्रस्तावित सड़क परियोजना को लेकर मंथन किया गया. डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड के अतिरिक्त सचिव राजीव सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में हुई बैठक में इन परियोजनाओं के लिए समग्र योजना बनाने पर चर्चा हुई. इन सड़क परियोजनाओं के साथ मल्टी मॉडल इंफ्रास्ट्रक्चर, दूरदराज के क्षेत्रों से कनेक्टिविटी बढ़ाकर आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने के साथ बेहतर क्रियान्वयन करना है. सरकार का मानना है कि इन सड़क परियोजनाओं से राष्ट्र निर्माण की गति तेज होगी और परिवहन के विभिन्न मोड के जुड़ने से क्षेत्र के लोगों को सामाजिक-आर्थिक लाभ मिलेगा.  बाकरपुर-मानिकपुर-साहेबगंज-अरेराज-बेतिया हाईवे की हुई समीक्षा बिहार में 162.95 किलोमीटर लंबे चार लेन के ग्रीनफील्ड सड़क परियोजना से धनी आबादी वाले क्षेत्र के लोगों को आर्थिक अवसर मुहैया कराना है. इसके निर्माण से क्षेत्र में आर्थिक विकास की गति तेज होगी और सामाजिक बदलाव लाने में सहायक होगा. इसके अलावा बिहार में कई राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना पर काम चल रहा है, उसकी भी समीक्षा की गयी. इसके अलावा ओडिशा में कटक-पारादीप कॉरिडोर, संबलपुर रिंग रोड की समीक्षा की गयी. साथ ही आंध्र प्रदेश के बदवेल-नेल्लोर कॉरिडोर की समीक्षा की गयी. यह चार लेन का कॉरिडोर 108 किलोमीटर लंबा है और यह राज्य के कृषि क्षेत्र को बाजार से जोड़ेगा. गौरतलब है कि मंत्रालय ने पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान के तहत कुछ क्राइटेरिया बनाया है, जिसके तहत समग्र एप्रोच अपनाकर इन योजनाओं के क्रियान्वयन की रूपरेखा तैयार की गयी है, साथ ही उसे नियत समय में पूरा करने का भी लक्ष्य रखा गया है. उस लक्ष्य को कितना जल्दी हासिल किया जा सकता है, उन सारी बातों पर भी आज की बैठक में समीक्षा की गयी.

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National highway: पीएम गति शक्ति के तहत नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप की बैठक में 18 सड़क परियोजनाओं की समीक्षा की गयी. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और बिहार में प्रस्तावित सड़क परियोजना को लेकर मंथन किया गया. डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड के अतिरिक्त सचिव राजीव सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में हुई बैठक में इन परियोजनाओं के लिए समग्र योजना बनाने पर चर्चा हुई. इन सड़क परियोजनाओं के साथ मल्टी मॉडल इंफ्रास्ट्रक्चर, दूरदराज के क्षेत्रों से कनेक्टिविटी बढ़ाकर आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने के साथ बेहतर क्रियान्वयन करना है. सरकार का मानना है कि इन सड़क परियोजनाओं से राष्ट्र निर्माण की गति तेज होगी और परिवहन के विभिन्न मोड के जुड़ने से क्षेत्र के लोगों को सामाजिक-आर्थिक लाभ मिलेगा. 

बाकरपुर-मानिकपुर-साहेबगंज-अरेराज-बेतिया हाईवे की हुई समीक्षा बिहार में 162.95 किलोमीटर लंबे चार लेन के ग्रीनफील्ड सड़क परियोजना से धनी आबादी वाले क्षेत्र के लोगों को आर्थिक अवसर मुहैया कराना है. इसके निर्माण से क्षेत्र में आर्थिक विकास की गति तेज होगी और सामाजिक बदलाव लाने में सहायक होगा. इसके अलावा बिहार में कई राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना पर काम चल रहा है, उसकी भी समीक्षा की गयी. इसके अलावा ओडिशा में कटक-पारादीप कॉरिडोर, संबलपुर रिंग रोड की समीक्षा की गयी. साथ ही आंध्र प्रदेश के बदवेल-नेल्लोर कॉरिडोर की समीक्षा की गयी. यह चार लेन का कॉरिडोर 108 किलोमीटर लंबा है और यह राज्य के कृषि क्षेत्र को बाजार से जोड़ेगा. गौरतलब है कि मंत्रालय ने पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान के तहत कुछ क्राइटेरिया बनाया है, जिसके तहत समग्र एप्रोच अपनाकर इन योजनाओं के क्रियान्वयन की रूपरेखा तैयार की गयी है, साथ ही उसे नियत समय में पूरा करने का भी लक्ष्य रखा गया है. उस लक्ष्य को कितना जल्दी हासिल किया जा सकता है, उन सारी बातों पर भी आज की बैठक में समीक्षा की गयी.