damoh-news:-रेलवे-ट्रैक-पर-घायल-मिले-मासूम-को-छिंदवाड़ा-से-लेने-पहुंचे-माता-पिता,-उन्हें-देख-बच्चा-भी-रो-पड़ा
बच्चे के पिता जसवंत ने बताया 20-21 अगस्त को वह रेलवे स्टेशन पर बेटे को ले गया था। वहां उसकी नींद लग गई। नींद खुली तो बेटा नहीं मिला। 27 अगस्त को जीआरपी में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। उसके बाद पता चला कि बेटा दमोह में है। मासूम की चोट देखता पिता विस्तार Follow Us दमोह जिले के असलाना स्टेशन के पास एक सप्ताह पहले रेलवे ट्रैक पर घायल अवस्था में मिले चार वर्षीय मासूम लकी के माता-पिता बुधवार देर रात छिंदवाड़ा से दमोह पहुंचे। जैसे ही मासूम ने अपने माता-पिता को देखा, उसका चेहरा खुशी से खिल उठा। उसकी आंखों में आंसू आ गए। यह देख वहां मौजूद महिला पुलिसकर्मी भी भावुक हो गईं, क्योंकि मासूम अपने माता-पिता को बहुत याद कर रहा था। 27 अगस्त को लकी रेलवे ट्रैक पर घायल अवस्था में मिला था। उसके सिर में गंभीर चोट थी और रात से सुबह तक वह वहीं पड़ा रहा। किसी राहगीर ने आरपीएफ को इसकी सूचना दी, जिसके बाद उसे दमोह जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। उस समय उसकी हालत नाजुक थी, लेकिन अस्पताल के स्टाफ ने उसकी देखभाल की और अब वह पूरी तरह से स्वस्थ है। मासूम को घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसके परिजनों की कोई जानकारी नहीं मिल रही थी। बच्चा केवल चार साल का था, वह ठीक से कुछ बता नहीं पा रहा था। इसके बाद पुलिस ने सभी थानों में सूचना भेजी और सोशल मीडिया पर भी बच्चे की तस्वीरें वायरल कर दी गईं, ताकि परिजनों से संपर्क हो सके। एक युवा अंकित दीक्षित ने मंडला जिले के व्हाट्सएप ग्रुप में लकी की फोटो भेजी। उसके दमोह में होने की जानकारी दी। तीन सितंबर को लकी के छिंदवाड़ा जिले के गुड़ी गांव में रहने वाले बड़े मामा-मामी से संपर्क हुआ। कोतवाली टीआई आनंद सिंह ने वीडियो कॉल के जरिए बच्चे का चेहरा दिखाया, जिससे परिजनों ने उसे पहचान लिया।  पिता को नहीं था बेटे के गायब होने का पता  लकी के पिता जसवंत ने बताया कि 20-21 अगस्त को वह रेलवे स्टेशन पर बेटे के साथ गया था, जहां उसकी नींद लग गई। जब नींद खुली, तो बेटा नहीं मिला। जसवंत को लगा कि शायद बच्चा किसी परिचित के साथ खेलते-खेलते चला गया है। उन्होंने छह दिन तक बच्चे को ढूंढा और फिर 27 अगस्त को जीआरपी में रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके बाद उन्हें बेटे के दमोह में होने की जानकारी मिली। गुरुवार सुबह कागजी कार्यवाही पूरी होने के बाद लकी अपने माता-पिता के साथ घर रवाना हो गया। शराब की लत बनी चिंता इस मामले में सबसे चिंताजनक बात यह है कि लकी के माता-पिता दोनों शराब के आदी हैं। जसवंत की भाभी राजकुमारी ने बताया कि दंपती तभी मजदूरी करने जाते हैं, जब उन्हें पैसों की आवश्यकता होती है। उनके दो बेटे हैं, जिसमें लकी बड़ा बेटा है। अब भी सवाल यह है कि मासूम सैकड़ों किलोमीटर दूर दमोह कैसे पहुंचा और रेलवे ट्रैक पर कैसे गिरा। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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बच्चे के पिता जसवंत ने बताया 20-21 अगस्त को वह रेलवे स्टेशन पर बेटे को ले गया था। वहां उसकी नींद लग गई। नींद खुली तो बेटा नहीं मिला। 27 अगस्त को जीआरपी में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। उसके बाद पता चला कि बेटा दमोह में है। मासूम की चोट देखता पिता

विस्तार Follow Us

दमोह जिले के असलाना स्टेशन के पास एक सप्ताह पहले रेलवे ट्रैक पर घायल अवस्था में मिले चार वर्षीय मासूम लकी के माता-पिता बुधवार देर रात छिंदवाड़ा से दमोह पहुंचे। जैसे ही मासूम ने अपने माता-पिता को देखा, उसका चेहरा खुशी से खिल उठा। उसकी आंखों में आंसू आ गए। यह देख वहां मौजूद महिला पुलिसकर्मी भी भावुक हो गईं, क्योंकि मासूम अपने माता-पिता को बहुत याद कर रहा था।

27 अगस्त को लकी रेलवे ट्रैक पर घायल अवस्था में मिला था। उसके सिर में गंभीर चोट थी और रात से सुबह तक वह वहीं पड़ा रहा। किसी राहगीर ने आरपीएफ को इसकी सूचना दी, जिसके बाद उसे दमोह जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। उस समय उसकी हालत नाजुक थी, लेकिन अस्पताल के स्टाफ ने उसकी देखभाल की और अब वह पूरी तरह से स्वस्थ है। मासूम को घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसके परिजनों की कोई जानकारी नहीं मिल रही थी। बच्चा केवल चार साल का था, वह ठीक से कुछ बता नहीं पा रहा था। इसके बाद पुलिस ने सभी थानों में सूचना भेजी और सोशल मीडिया पर भी बच्चे की तस्वीरें वायरल कर दी गईं, ताकि परिजनों से संपर्क हो सके। एक युवा अंकित दीक्षित ने मंडला जिले के व्हाट्सएप ग्रुप में लकी की फोटो भेजी। उसके दमोह में होने की जानकारी दी। तीन सितंबर को लकी के छिंदवाड़ा जिले के गुड़ी गांव में रहने वाले बड़े मामा-मामी से संपर्क हुआ। कोतवाली टीआई आनंद सिंह ने वीडियो कॉल के जरिए बच्चे का चेहरा दिखाया, जिससे परिजनों ने उसे पहचान लिया। 

पिता को नहीं था बेटे के गायब होने का पता 
लकी के पिता जसवंत ने बताया कि 20-21 अगस्त को वह रेलवे स्टेशन पर बेटे के साथ गया था, जहां उसकी नींद लग गई। जब नींद खुली, तो बेटा नहीं मिला। जसवंत को लगा कि शायद बच्चा किसी परिचित के साथ खेलते-खेलते चला गया है। उन्होंने छह दिन तक बच्चे को ढूंढा और फिर 27 अगस्त को जीआरपी में रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके बाद उन्हें बेटे के दमोह में होने की जानकारी मिली। गुरुवार सुबह कागजी कार्यवाही पूरी होने के बाद लकी अपने माता-पिता के साथ घर रवाना हो गया।

शराब की लत बनी चिंता
इस मामले में सबसे चिंताजनक बात यह है कि लकी के माता-पिता दोनों शराब के आदी हैं। जसवंत की भाभी राजकुमारी ने बताया कि दंपती तभी मजदूरी करने जाते हैं, जब उन्हें पैसों की आवश्यकता होती है। उनके दो बेटे हैं, जिसमें लकी बड़ा बेटा है। अब भी सवाल यह है कि मासूम सैकड़ों किलोमीटर दूर दमोह कैसे पहुंचा और रेलवे ट्रैक पर कैसे गिरा।

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