shahdol:-शहडोल-के-जिला-अस्पताल-में-असुरक्षित-हैं-महिला-डॉक्टर!-कहा-जांच-हो-तो-बड़ा-स्कैंडल-आएगा-सामने
शहडोल जिला अस्पताल - फोटो : सोशल मीडिया विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें एक ओर जहां बंगाल की घटना के बाद मध्यप्रदेश में महिला स्वास्थ्य कर्मचारियों को लेकर सरकार अलर्ट मोड पर है, वहीं आदिवासी बाहुल्य शहडोल के जिला अस्पताल में महिला डॉक्टर और महिला रेडियोग्राफर ने सिविल सर्जन से ही खुद को असुरक्षित बताकर पुलिस और प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाई है।  एक महिला कर्मचारी तो थाना कोतवाली पहुंचकर ड्यूटी के दौरान पुलिस सुरक्षा की मांग करने लगी तो दूसरी महिला डॉक्टर ने अपनी शिकायत में कहा है कि सिविल सर्जन हमसे क्या चाहते हैं हमें खुद नहीं पता। दोनों महिला कर्मचारियों की शिकायत के बाद जिला अस्पताल में हड़कंप की स्थिति है। अपनी-अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर दोनों महिलाएं लगातार कलेक्ट्रेट और एसपी ऑफिस के चक्कर काट रही हैं। दोनों ही महिला कर्मचारियों का आरोप है कि प्रशासन सिविल सर्जन के दबाव में उनकी समस्याओं को नजर अंदाज कर रहा है। उनकी बात राज्य सरकार तक पहुंच नहीं पा रही है। महिला कर्मचारियों का आरोप है कि प्रशासन की यह लापरवाही शहडोल में बंगाल की घटना को दोहरा सकती है।      दोनों महिला कर्मचारियों ने अपनी अपनी शिकायत में एक कॉमन बात लिखी है जो जिला अस्पताल प्रबंधन पर कई सवालिया निशान लगा रहा है। दोनों महिला कर्मचारी मुखर होकर कह रही हैं कि जिला अस्पताल में हम लोगों के अलावा ऐसी कई महिला कर्मचारी हैं जो प्रताड़ित हैं, शोषण का शिकार हो रही हैं, लेकिन कोई डर के कारण आवाज नहीं उठा पा रहा है। यदि इस मामले की स्वतंत्र जांच की जाए तो पूरे देश के सामने एक बहुत बड़ा स्कैंडल सामने आ जाएगा। दरअसल शहडोल जिला अस्पताल में सिविल सर्जन के तौर पर डॉक्टर जीएस परिहार पदस्थ हैं। अपने रसूख के चलते वो अक्सर विवादों में रहते हैं। इस बार जिला अस्पताल की महिला कर्मचारियों के मोर्चा खोलने से अस्पताल प्रबंधन कटघरे में हैं। महिला कर्मचारियों का आरोप है कि अस्पताल के कमरों में में आपत्तिजनक वस्तुओं के मिलने जैसी गंभीर बात को सिविल सर्जन सामान्य बात कहकर नजर अंदाज कर रहे हैं।  इस पूरे मामले में सिविल सर्जन डा जीएस परिहार का कहना है कि उनके ऊपर लगाए गए सभी आरोप निर्राधार पूर्णतः गलत है। जांच एजेंसियां है वो जांच करेंगी उन्हें उन मामलों में कुछ नहीं कहना।

You can share this post!

Related News

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

शहडोल जिला अस्पताल – फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें

एक ओर जहां बंगाल की घटना के बाद मध्यप्रदेश में महिला स्वास्थ्य कर्मचारियों को लेकर सरकार अलर्ट मोड पर है, वहीं आदिवासी बाहुल्य शहडोल के जिला अस्पताल में महिला डॉक्टर और महिला रेडियोग्राफर ने सिविल सर्जन से ही खुद को असुरक्षित बताकर पुलिस और प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाई है। 

एक महिला कर्मचारी तो थाना कोतवाली पहुंचकर ड्यूटी के दौरान पुलिस सुरक्षा की मांग करने लगी तो दूसरी महिला डॉक्टर ने अपनी शिकायत में कहा है कि सिविल सर्जन हमसे क्या चाहते हैं हमें खुद नहीं पता। दोनों महिला कर्मचारियों की शिकायत के बाद जिला अस्पताल में हड़कंप की स्थिति है। अपनी-अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर दोनों महिलाएं लगातार कलेक्ट्रेट और एसपी ऑफिस के चक्कर काट रही हैं। दोनों ही महिला कर्मचारियों का आरोप है कि प्रशासन सिविल सर्जन के दबाव में उनकी समस्याओं को नजर अंदाज कर रहा है। उनकी बात राज्य सरकार तक पहुंच नहीं पा रही है। महिला कर्मचारियों का आरोप है कि प्रशासन की यह लापरवाही शहडोल में बंगाल की घटना को दोहरा सकती है। 

   
दोनों महिला कर्मचारियों ने अपनी अपनी शिकायत में एक कॉमन बात लिखी है जो जिला अस्पताल प्रबंधन पर कई सवालिया निशान लगा रहा है। दोनों महिला कर्मचारी मुखर होकर कह रही हैं कि जिला अस्पताल में हम लोगों के अलावा ऐसी कई महिला कर्मचारी हैं जो प्रताड़ित हैं, शोषण का शिकार हो रही हैं, लेकिन कोई डर के कारण आवाज नहीं उठा पा रहा है। यदि इस मामले की स्वतंत्र जांच की जाए तो पूरे देश के सामने एक बहुत बड़ा स्कैंडल सामने आ जाएगा।

दरअसल शहडोल जिला अस्पताल में सिविल सर्जन के तौर पर डॉक्टर जीएस परिहार पदस्थ हैं। अपने रसूख के चलते वो अक्सर विवादों में रहते हैं। इस बार जिला अस्पताल की महिला कर्मचारियों के मोर्चा खोलने से अस्पताल प्रबंधन कटघरे में हैं। महिला कर्मचारियों का आरोप है कि अस्पताल के कमरों में में आपत्तिजनक वस्तुओं के मिलने जैसी गंभीर बात को सिविल सर्जन सामान्य बात कहकर नजर अंदाज कर रहे हैं। 

इस पूरे मामले में सिविल सर्जन डा जीएस परिहार का कहना है कि उनके ऊपर लगाए गए सभी आरोप निर्राधार पूर्णतः गलत है। जांच एजेंसियां है वो जांच करेंगी उन्हें उन मामलों में कुछ नहीं कहना।

Posted in MP