indore:-शिक्षक-दिवस-विशेष-:-बस्ती-के-60-बच्चों-को-शिक्षा,-बच्चे-पढ़-लिख-कर-बनना-चाहते-हैं-कलेक्टर,-पुलिस-अफसर
बस्ती के बच्चों को मु्फ्त में देते है कोचिंग। - फोटो : अमर उजाला विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें शिक्षक दिवस को कई युवा गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा देकर सार्थक कर रहे है। इंदौर की संस्था मातृभूमि एक बस्ती के 60 बच्चों को मुफ्त पढ़ाई करा रही है। उन्हें कोचिंग दिया जा रही है,ताकि बच्चों को सिलेबस में कोई परेशानी न हो। संस्था मातृभूमि ने परदेशीपुरा केशव कनक गार्डन के पीछे बस्ती के तकरीबन 60 बच्चों की 12 कक्षा तक पढ़ाई लिखाई की जिम्मेदारी ली। पहले इनमें से कई बच्चे स्कूल नहीं जाते थे, या फिर दाखिला लेने के बाद स्कूल जाने के बजाए मजदूरी करने चले जाते थे, लेकिन पढ़ाई के प्रति संस्था ने दिलचस्पी जगाई है और अब ये लगन के साथ पढ़ाई करते है। सभी बच्चे निजी व सरकारी स्कूलों में अलग-अलग कक्षाओं में पढ़ाई कर रहे हैं साथ ही शाम को पांच बजे से उनकी निशुल्क कोचिंग भी बस्ती में होती है। यह बच्चे बड़े होकर कलेक्टर पुलिस अधिकारी और डॉक्टर बनना चाहते हैं। संस्था मातृभूमि के अध्यक्ष सुरजीत सिंह वालिया बताते हैं कि संस्था द्वारा बच्चों को छात्रवृत्ति से लेकर यूनिफॉर्म बैग और कॉपी किताबों का वितरण भी किया जा रहा है। हम चाहते हैं कि बच्चे बड़े होकर सुनहरा भविष्य गढ़े। बस्ती के बच्चे पहले स्कूल नहीं जाते थे लेकिन संस्था को जैसे ही जानकारी लगी, संस्था ने बच्चों को शिक्षित करने का फैसला लिया। संस्था के अध्यक्ष कहते हैं कि अभी 15 और बच्चों को गोद लेंगे और उनकी शिक्षा की भी जिम्मेदारी उठाएंगे।

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बस्ती के बच्चों को मु्फ्त में देते है कोचिंग। – फोटो : अमर उजाला

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शिक्षक दिवस को कई युवा गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा देकर सार्थक कर रहे है। इंदौर की संस्था मातृभूमि एक बस्ती के 60 बच्चों को मुफ्त पढ़ाई करा रही है। उन्हें कोचिंग दिया जा रही है,ताकि बच्चों को सिलेबस में कोई परेशानी न हो।

संस्था मातृभूमि ने परदेशीपुरा केशव कनक गार्डन के पीछे बस्ती के तकरीबन 60 बच्चों की 12 कक्षा तक पढ़ाई लिखाई की जिम्मेदारी ली। पहले इनमें से कई बच्चे स्कूल नहीं जाते थे, या फिर दाखिला लेने के बाद स्कूल जाने के बजाए मजदूरी करने चले जाते थे, लेकिन पढ़ाई के प्रति संस्था ने दिलचस्पी जगाई है और अब ये लगन के साथ पढ़ाई करते है।

सभी बच्चे निजी व सरकारी स्कूलों में अलग-अलग कक्षाओं में पढ़ाई कर रहे हैं साथ ही शाम को पांच बजे से उनकी निशुल्क कोचिंग भी बस्ती में होती है। यह बच्चे बड़े होकर कलेक्टर पुलिस अधिकारी और डॉक्टर बनना चाहते हैं। संस्था मातृभूमि के अध्यक्ष सुरजीत सिंह वालिया बताते हैं कि संस्था द्वारा बच्चों को छात्रवृत्ति से लेकर यूनिफॉर्म बैग और कॉपी किताबों का वितरण भी किया जा रहा है। हम चाहते हैं कि बच्चे बड़े होकर सुनहरा भविष्य गढ़े।

बस्ती के बच्चे पहले स्कूल नहीं जाते थे लेकिन संस्था को जैसे ही जानकारी लगी, संस्था ने बच्चों को शिक्षित करने का फैसला लिया। संस्था के अध्यक्ष कहते हैं कि अभी 15 और बच्चों को गोद लेंगे और उनकी शिक्षा की भी जिम्मेदारी उठाएंगे।

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