संस्था के एक कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कृष्णा गुरुजी – फोटो : अमर उजाला, डिजिटल, इंदौर
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दस दिवसीय गणेश उत्सव सात सितंबर से शुरू होने वाला है। इंदौर में गणेशोत्सव अपने खास आयोजनों के लिए पहचान रखता है। सभी इस आयोजन में कुछ न कुछ नया करने की कोशिश करते हैं। शहर के आध्यात्मिक गुरु कृष्णा मिश्रा गुरुजी इस बार गणेशोत्सव को अलग अंदाज में मना रहे हैं। वे भगवान गणेशजी की आरती में दिए संदेशों के अनुसार अलग-अलग क्षेत्रों में मानव सेवा कर रहे लोगों का सम्मान करेंगे।
कृष्णा गुरुजी सोशल वेलफेयर सोसायटी के सौजन्य से आयोजित कार्यक्रम में 7 से 17 सितंबर तक भारत के सभी प्रमुख शहरों के गणेश दर्शन ऑनलाइन करवाए जाएंगे। ऑनलाइन जूम सेशन में विध्नहर्ता 2024 से रूबरू करवाकर गणेश ज्ञान, गणेश गान, गणेश ध्यान करवाएंगे। इसके साथ ही शहर के समाजसेवा में कार्यरत 10 समाजसेवकों को विघ्नहर्ता-2024 से सम्मानित करेंगे। अपने अंतरराष्ट्रीय साधकों के साथ जूम पर “बने किसी के जीवन के विघ्नहर्ता” का संदेश देकर सेवा कार्यों से जोड़ेंगे। इस मुहिम में इनके साथ भारत के कई प्रमुख शहर एवं दुबई, अमेरिका, कनाडा के लोग भी शामिल होंगे।
कृष्णा मिश्रा गुरुजी अपने गणेश उत्सव की स्थापना कुष्ठ आश्रम बीमा हॉस्पिटल से शुरू करेंगे। जैसे की गणेशजी की आरती में कहा गया है- अंधन को आंख देत कोढ़न को काया, बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया….के अनुकूल 7 सितंबर को कुष्ठ आश्रम में जाकर गणेश स्थापना कर कुष्ठ रोगियों के साथ उत्सव की शुरुआत करेंगे। इसी तरह बांझन को पुत्र देत… के तहत गर्भ के लिए इलाज करवा रही महिलाओं को हॉस्पिटल में संबोधित करेंगे। कृष्णा गुरुजी ने कहा जिन लोगों ने साक्षात गणेश बनकर जरूरतमंद लोगों के विघ्न दूर किए और विघ्नहर्ता बने उनका सम्मान कर हम गणेशोत्सव को सार्थक करेंगे।
इनका होगा विघ्नहर्ता 2024 सम्मान
1. अंधन को आंख
उमा झवर : EYE BANK (नेत्र दान सेवा )
2. कोढ़न को काया
गंगा राम : स्वयं कुष्ठ रोगी होकर अन्य कुष्ठ रोगियों का ख्याल
3. बांझन को पुत्र देत
डॉ. आशा बक्षी: अपने चिकत्सिक ज्ञान से सैकड़ों महिला को मां का सुख (बांझन को गर्भ देत)
4. निर्धन को माया
रूपाली जैन : शहर को भिक्षुक मुक्त करने में अहम भूमिका (संस्था प्रवेश)
5. दीनन की लाज रखो
अर्जुन रिछारिया : बस्तियों में जाकर बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं (बस्ती फाउंडेशन)
6. बुल बुल पांजरे : मूक बधिर् नर्स (बीमार सेवा)
7. साधना शर्मा : अपना निजी समय दे स्ट्रीट डॉग को स्नेह (जीव प्रेम)
8. अनिल रांका : 100 से अधिक बार रक्त दान (रक्त दान)
9. चंद्रेश धरमसी : पौधारोपण और वर्षों से समाजसेवा (पर्यावरण)
10. बलबीर सिंह छाबड़ा (वीरजी) : (जीवन राष्ट्र भक्ति को समर्पित नेत्रहीन बच्चों को शिक्षित किया, योग दिवस पर राष्ट्र गान गाते-गाते प्राण त्यागे, दर्शक ताली बजाते रहे) (मरणोपरांत) राष्ट्र भक्ति
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