mp-news:-कूनो-नेशनल-पार्क-में-चीते-पवन-की-संदिग्ध-मौत-पर-उठे-सवाल,-एनटीसीए-से-एसआईटी-जांच-की-मांग
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Mon, 02 Sep 2024 07: 29 PM IST अजय दुबे ने एनटीसीए से अनुरोध किया है कि वे कूनो नेशनल पार्क के जिम्मेदार अफसरों को तत्काल प्रभाव से हटाएं और इस मामले की गहन जांच के लिए एसआईटी का गठन करें। चीता - फोटो : अमर उजाला विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें कूनो नेशनल पार्क में चीते पवन की हाल ही में हुई  संदेहास्पद मौत के बाद वन्यजीव कार्यकर्ता अजय दुबे ने नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) से इस मामले की गहन जांच की मांग की है। उन्होंने इस घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए उन्हें तत्काल हटाने और स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) गठित करने की मांग की है। अजय दुबे ने एनटीसीए से अनुरोध किया है कि वे कूनो नेशनल पार्क के जिम्मेदार अफसरों को तत्काल प्रभाव से हटाएं और इस मामले की गहन जांच के लिए एसआईटी का गठन करें। उन्होंने एनटीसीए से इस पर त्वरित कार्रवाई की अपेक्षा जताई है और कार्यवाही की जानकारी देने का अनुरोध किया है। अजय दुबे ने एनटीसीए को संबोधित अपने पत्र में बताया कि कूनो नेशनल पार्क में चीते की हाल ही में हुई मौत कई गंभीर अनियमितताओं की ओर संकेत करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि चीता प्रबंधन से जुड़े अधिकारी, विशेष रूप से उत्तम शर्मा (एपीसीसीएफ) और डीएफओ कूनो, अपने कर्तव्यों का सही ढंग से निर्वहन नहीं कर रहे हैं। दुबे का दावा है कि चीते के लापता होने की सूचना उन्हें 17 अगस्त 2024 को मिली थी, जिसे उन्होंने मध्य प्रदेश फॉरेस्ट विभाग को सूचित किया था, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। पूर्व में भी हुई थीं लापरवाहियां दुबे ने आरोप लगाया कि उत्तम शर्मा की मॉनिटरिंग में पहले भी लापरवाही देखने को मिली है। 2021 में, जब वे पन्ना टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर थे, तब सैटेलाइट कॉलर पहने एक बाघ के शिकार की घटना हुई थी, जिसकी जानकारी एक महीने बाद सार्वजनिक हुई थी। उन्होंने इस घटना की भी जानकारी 2022 में एनटीसीए को दी थी, लेकिन उस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। गाइड लाइन्स के उल्लंघन का आरोप अजय दुबे ने यह भी आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हॉफ) असीम श्रीवास्तव ने चीता प्रोजेक्ट की संवेदनशीलता और गाइडलाइन्स का उल्लंघन किया है। उन्होंने 6 अगस्त 2024 को भोपाल में मध्यप्रदेश वन विभाग की टेंडर प्रक्रिया के शर्तों का ड्रॉफ्ट बनाने की जिम्मेदारी दी, जिस समय उत्तम शर्मा इस कार्य में व्यस्त थे और उसी दौरान चीता पवन लापता होकर मारा गया। मौत की जांच समिति पर भी उठाए सवाल दुबे ने कूनो नेशनल पार्क में पवन चीते की मौत की जांच के लिए वन विभाग द्वारा गठित समिति पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि समिति के सदस्य अन्नागिरी और रितेश सिरोठिया, पूर्व में जांच प्रक्रियाओं में त्रुटियों के लिए जिम्मेदार रहे हैं, इसलिए यह समिति निष्पक्ष जांच नहीं कर पाएगी। अफसरों पर भी लगे आरोप दुबे ने 2023 में मध्य प्रदेश के तत्कालीन प्रधान मुख्य वन संरक्षक जे एस चौहान के आदेश का भी जिक्र किया, जिसमें मृत चीते की त्वचा और कंकाल  को भोपाल के नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम में रखने का निर्देश था, लेकिन इसे जल्दबाजी में जलाने की कार्रवाई की गई। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Mon, 02 Sep 2024 07: 29 PM IST

अजय दुबे ने एनटीसीए से अनुरोध किया है कि वे कूनो नेशनल पार्क के जिम्मेदार अफसरों को तत्काल प्रभाव से हटाएं और इस मामले की गहन जांच के लिए एसआईटी का गठन करें। चीता – फोटो : अमर उजाला

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कूनो नेशनल पार्क में चीते पवन की हाल ही में हुई  संदेहास्पद मौत के बाद वन्यजीव कार्यकर्ता अजय दुबे ने नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) से इस मामले की गहन जांच की मांग की है। उन्होंने इस घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए उन्हें तत्काल हटाने और स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) गठित करने की मांग की है। अजय दुबे ने एनटीसीए से अनुरोध किया है कि वे कूनो नेशनल पार्क के जिम्मेदार अफसरों को तत्काल प्रभाव से हटाएं और इस मामले की गहन जांच के लिए एसआईटी का गठन करें। उन्होंने एनटीसीए से इस पर त्वरित कार्रवाई की अपेक्षा जताई है और कार्यवाही की जानकारी देने का अनुरोध किया है।

अजय दुबे ने एनटीसीए को संबोधित अपने पत्र में बताया कि कूनो नेशनल पार्क में चीते की हाल ही में हुई मौत कई गंभीर अनियमितताओं की ओर संकेत करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि चीता प्रबंधन से जुड़े अधिकारी, विशेष रूप से उत्तम शर्मा (एपीसीसीएफ) और डीएफओ कूनो, अपने कर्तव्यों का सही ढंग से निर्वहन नहीं कर रहे हैं। दुबे का दावा है कि चीते के लापता होने की सूचना उन्हें 17 अगस्त 2024 को मिली थी, जिसे उन्होंने मध्य प्रदेश फॉरेस्ट विभाग को सूचित किया था, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

पूर्व में भी हुई थीं लापरवाहियां
दुबे ने आरोप लगाया कि उत्तम शर्मा की मॉनिटरिंग में पहले भी लापरवाही देखने को मिली है। 2021 में, जब वे पन्ना टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर थे, तब सैटेलाइट कॉलर पहने एक बाघ के शिकार की घटना हुई थी, जिसकी जानकारी एक महीने बाद सार्वजनिक हुई थी। उन्होंने इस घटना की भी जानकारी 2022 में एनटीसीए को दी थी, लेकिन उस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

गाइड लाइन्स के उल्लंघन का आरोप
अजय दुबे ने यह भी आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हॉफ) असीम श्रीवास्तव ने चीता प्रोजेक्ट की संवेदनशीलता और गाइडलाइन्स का उल्लंघन किया है। उन्होंने 6 अगस्त 2024 को भोपाल में मध्यप्रदेश वन विभाग की टेंडर प्रक्रिया के शर्तों का ड्रॉफ्ट बनाने की जिम्मेदारी दी, जिस समय उत्तम शर्मा इस कार्य में व्यस्त थे और उसी दौरान चीता पवन लापता होकर मारा गया।

मौत की जांच समिति पर भी उठाए सवाल
दुबे ने कूनो नेशनल पार्क में पवन चीते की मौत की जांच के लिए वन विभाग द्वारा गठित समिति पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि समिति के सदस्य अन्नागिरी और रितेश सिरोठिया, पूर्व में जांच प्रक्रियाओं में त्रुटियों के लिए जिम्मेदार रहे हैं, इसलिए यह समिति निष्पक्ष जांच नहीं कर पाएगी।

अफसरों पर भी लगे आरोप
दुबे ने 2023 में मध्य प्रदेश के तत्कालीन प्रधान मुख्य वन संरक्षक जे एस चौहान के आदेश का भी जिक्र किया, जिसमें मृत चीते की त्वचा और कंकाल  को भोपाल के नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम में रखने का निर्देश था, लेकिन इसे जल्दबाजी में जलाने की कार्रवाई की गई।

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