नगर पालिक निगम भोपाल – फोटो : अमर उजाला
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भोपाल नगर निगम माली हालत सुधारने अलग-अलग स्कीम चल रहा है। एक दिन पहले हुई निगम परिषद की बैठक में तय किया गया है कि निगम अपने 400 से ज्यादा प्रॉपर्टी के छतों को किराए पर देगा। इसे लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा भी किया लेकिन सत्ता पक्ष ने प्रस्ताव को पास करवा दिया। जानकारी के अनुसार निगम के इन छतों को किराए पर देने से पहले मैनिट (मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान) से जांच करवाएगा। निगम हर वार्ड और जोन ऑफिस की छतों को किराए पर देगा। मैनिट से जांच के बाद जो किराए पर देने लायक होंगे उन्हें नहीं दिया जाएगा।
सिर्फ टीन शेड ही बना सकेंगे, कोई स्थाई निर्माण नहीं
निगम के छतों को किराए में देने के लिए बनाए गए नियम के अनुसार छतों पर सिर्फ टीन शेड ही बना सकेंगे। कोई स्थाई निर्माण नहीं हो सकेगा। यह लीज या किराए पर लेने वाले की जिम्मेदारी रहेगी। कोचिंग या कैफे चला सकेंगे। शराब, भांग या अन्य कोई आपत्तिजनक गतिविधि नहीं हो सकेगी। जिन दुकानों की छतें उपयोग लायक है, उन्हें भी किराए पर दिया जा सकेगा। यदि छत के लिए रास्ता नहीं है तो वह बनाकर दिया जाएगा। कोचिंग की पहली प्राथमिकता रहेगी। फिर ऑफिस और कैफे संचालन के लिए दे सकेंगे। 11 महीने के लिए किराए या लीज पर देंगे। इसके बाद रिन्यू करेंगे।
400 प्रॉपर्टी को किया गया लिस्टेट
भोपाल नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने बताया कि निगम के करीब 400 से ज्यादा छातों को लिस्टेड कर लिया गया है। भोपाल में निगम के 19 जोन और 85 वार्ड ऑफिस है। दुकानें भी हैं। इनकी छतों को किराए पर देने का प्रस्ताव परिषद की मीटिंग में पास हुआ हैं। इसकी सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। अगली मीटिंग में पूरा खाका रखा जाएगा। गौरतलब है कि भोपाल निगम की अधिकतर संपत्ति ऐसी लोकेशन पर है, जहां प्रतिमाह किराया 20 से 25 हजार रुपए या इससे अधिक भी मिल सकता है। ऐसे में निगम की माली हालत सुधरेगी।
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