न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: अरविंद कुमार Updated Thu, 29 Aug 2024 05: 14 PM IST
जिला शिक्षा अधिकारियों को एक पत्र भेजकर उन शिक्षकों की सूची मांगी है, जिनकी नियुक्ति मानकों के अनुरूप नहीं है। डीपीआई ने निर्देश दिया है कि इन शिक्षकों की नियुक्ति निरस्त की जाए। लोक शिक्षण संचालनालय, भोपाल – फोटो : अमर उजाला
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मध्यप्रदेश में प्राथमिक शिक्षक वर्ग 3 (पहली से पांचवीं कक्षा) की नौकरी पर बड़ा संकट मंडरा रहा है। मध्यप्रदेश लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) ने 25 जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों को एक पत्र भेजकर उन शिक्षकों की सूची मांगी है, जिनकी नियुक्ति मानकों के अनुरूप नहीं है। डीपीआई ने निर्देश दिया है कि इन शिक्षकों की नियुक्ति निरस्त की जाए।
बता दें कि जिन शिक्षकों ने बीएड किया है और जिनकी नियुक्ति 11 अगस्त 2023 के बाद हुई है, उन सभी शिक्षकों को बाहर किया जाएगा। डीपीआई के संचालक ने आगर-मालवा, आलीराजपुर, अशोकनगर, छतरपुर, दमोह, डिंडोरी, गुना, कटनी, खंडवा, मंदसौर, मुरैना, नरसिंहपुर, नीमच, निवाड़ी, पन्ना, रायसेन, रतलाम, सागर, श्योपुर, शिवपुरी, सीधी, सिंगरौली, टीकमगढ़, उज्जैन, विदिशा सहित सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में पत्र भेज दिया है। हालांकि, 11 अगस्त 2023 से पहले नियुक्त हुए शिक्षक अपनी नौकरी बनाए रखेंगे।
क्यों लिया जा रहा है यह कदम?
यह फैसला केंद्र सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय के जून 2018 के आदेश के पालन में लिया जा रहा है, जिसमें कहा गया था कि प्राथमिक शिक्षक के पदों पर अब बीएड धारकों की भर्ती होगी। इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर किया गया था, जिसमें डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन (डीएलएड) धारकों का तर्क था कि बीएड धारक उनके हक की नौकरी ले रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त 2023 को केंद्र सरकार के आदेश को शून्य कर दिया। इसके बाद जबलपुर हाईकोर्ट ने भी 3 मई 2024 को मध्य प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने का निर्देश दिया। अब डीपीआई ने यह आदेश जारी किया है।
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