mobile-फोन-से-मैसेज-डिलीट-करना-गुनाह!-जानें-शराब-नीति-घोटाले-केस-सुप्रीम-कोर्ट-ने-क्या-कहा? 
Mobile Phone: दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में भारत राष्ट्र समिति की नेता के कविता को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. मंगलवार को, लगभग 5 महीने के बाद, वह तिहाड़ जेल से बाहर आईं. सुनवाई के दौरान, अदालत ने जांच एजेंसियों के काम करने के तरीकों पर सवाल उठाए. विशेष रूप से, सुप्रीम कोर्ट ने फोन से मैसेज डिलीट करने की बात को ‘सामान्य’ बताते हुए इसे कोई अपराध नहीं माना. इससे पहले, दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था. इसे भी पढ़ें: Railway: इंडियन रेलवे ट्रेन में सफर के दौरान यात्रियों को क्यों देता है सफेद चादर? वजह जान हो जाएंगे हैरान  सीबीआई और ईडी ने कविता पर सबूतों से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था, जिसमें मैसेज डिलीट करना और फोन फॉर्मेट करना शामिल था. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मैसेज डिलीट करना एक ‘सामान्य व्यवहार’ है और इसे तब तक अपराध नहीं माना जा सकता जब तक अन्य सबूत इसे समर्थन नहीं देते. इसे भी पढ़ें: Indian Railway: भारतीय रेलवे बोर्ड के नए चेयरमैन और सीईओ बने सतीश कुमार  जस्टिस बीआर गवाई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही थी. एएसजी एसवी राजू ने कहा कि कविता का आचरण सबूतों से छेड़छाड़ के समान है, जिसका विरोध करते हुए कविता के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि लोग अक्सर फोन बदलते रहते हैं और फोन फॉर्मेट करना कोई असामान्य बात नहीं है. उन्होंने कहा कि उनकी मुवक्किल ने नया फोन खरीदने के बाद पुराने फोन को फॉर्मेट कर नौकर को दे दिया था. इसे भी पढ़ें: Muslim: क्या आपको पता है भारत के किन 5 राज्यों में सबसे कम मुस्लिम आबादी? तीसरे नंबर पर हिमाचल तो पहले पर कौन?    सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसियों की ‘निष्पक्षता’ पर सवाल उठाते हुए उनकी तीखी आलोचना की. पीठ ने कहा, “यह स्थिति देखकर दुख हुआ,” और एजेंसियों को फटकार लगाते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष को निष्पक्ष होना चाहिए. पीठ ने यह भी कहा कि किसी को चुनकर कार्रवाई करना उचित नहीं है और यह निष्पक्षता नहीं है. रोहतगी ने जमानत की मांग करते हुए कहा कि उनकी मुवक्किल के खिलाफ दोनों एजेंसियों की जांच पूरी हो चुकी है. उन्होंने कहा कि कविता ईडी के मामले में पांच महीने और सीबीआई के मामले में चार महीने से अधिक समय से हिरासत में हैं. उन्होंने मनीष सिसोदिया को मिली जमानत का भी हवाला दिया. इसे भी पढ़ें: Muslim: भारत के किन 5 राज्यों में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी? चौथे नंबर पर UP तो पहले पर कौन?    ईडी ने 15 मार्च को हैदराबाद में कविता को उनके घर से गिरफ्तार किया था, जबकि सीबीआई ने 11 अप्रैल को उन्हें घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया. तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी कविता पर ‘साउथ ग्रुप’ का हिस्सा होने का आरोप है, जो व्यापारियों और राजनेताओं का एक कथित गिरोह है. इस गिरोह ने कथित तौर पर शराब लाइसेंस के बदले दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी को 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी. कविता ने इन आरोपों को लगातार खारिज किया है. इसे भी पढ़ें: Emergency Movie: कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी पर बवाल, SGPC ने भेजा नोटिस, जानें क्या है पूरा मामला?

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Mobile Phone: दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में भारत राष्ट्र समिति की नेता के कविता को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. मंगलवार को, लगभग 5 महीने के बाद, वह तिहाड़ जेल से बाहर आईं. सुनवाई के दौरान, अदालत ने जांच एजेंसियों के काम करने के तरीकों पर सवाल उठाए. विशेष रूप से, सुप्रीम कोर्ट ने फोन से मैसेज डिलीट करने की बात को ‘सामान्य’ बताते हुए इसे कोई अपराध नहीं माना. इससे पहले, दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था.

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सीबीआई और ईडी ने कविता पर सबूतों से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था, जिसमें मैसेज डिलीट करना और फोन फॉर्मेट करना शामिल था. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मैसेज डिलीट करना एक ‘सामान्य व्यवहार’ है और इसे तब तक अपराध नहीं माना जा सकता जब तक अन्य सबूत इसे समर्थन नहीं देते.

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जस्टिस बीआर गवाई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही थी. एएसजी एसवी राजू ने कहा कि कविता का आचरण सबूतों से छेड़छाड़ के समान है, जिसका विरोध करते हुए कविता के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि लोग अक्सर फोन बदलते रहते हैं और फोन फॉर्मेट करना कोई असामान्य बात नहीं है. उन्होंने कहा कि उनकी मुवक्किल ने नया फोन खरीदने के बाद पुराने फोन को फॉर्मेट कर नौकर को दे दिया था.

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सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसियों की ‘निष्पक्षता’ पर सवाल उठाते हुए उनकी तीखी आलोचना की. पीठ ने कहा, “यह स्थिति देखकर दुख हुआ,” और एजेंसियों को फटकार लगाते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष को निष्पक्ष होना चाहिए. पीठ ने यह भी कहा कि किसी को चुनकर कार्रवाई करना उचित नहीं है और यह निष्पक्षता नहीं है. रोहतगी ने जमानत की मांग करते हुए कहा कि उनकी मुवक्किल के खिलाफ दोनों एजेंसियों की जांच पूरी हो चुकी है. उन्होंने कहा कि कविता ईडी के मामले में पांच महीने और सीबीआई के मामले में चार महीने से अधिक समय से हिरासत में हैं. उन्होंने मनीष सिसोदिया को मिली जमानत का भी हवाला दिया.

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ईडी ने 15 मार्च को हैदराबाद में कविता को उनके घर से गिरफ्तार किया था, जबकि सीबीआई ने 11 अप्रैल को उन्हें घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया. तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी कविता पर ‘साउथ ग्रुप’ का हिस्सा होने का आरोप है, जो व्यापारियों और राजनेताओं का एक कथित गिरोह है. इस गिरोह ने कथित तौर पर शराब लाइसेंस के बदले दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी को 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी. कविता ने इन आरोपों को लगातार खारिज किया है.

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