न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: संदीप तिवारी Updated Mon, 26 Aug 2024 07: 52 PM IST
भोपाल एम्स में लैमेलर केराटोप्लास्टी से कॉर्निया ट्रांसप्लांट में केवल प्रभावित कॉर्नियल परत को बदला जाता है। यह सुविधा सभी सरकारी अस्पतालों में नहीं है। एम्स में नेत्र बैंक भी शुरू किया गया है। एम्स के निदेशक डॉ. अजय सिंह – फोटो : अमर उजाला
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राजधानी स्थित एम्स में स्वास्थ्य सेवाओं का लगातार विस्तार किया जा रहा है। यहां नेत्र संबंधित बीमारियों का भी राष्ट्रीय स्तर का इलाज शुरू हो गया है। एम्स में कॉर्नियल ट्रांसप्लांट सेवाएं और एक पूरी तरह से कार्यशील नेत्र बैंक मौजूद है। जहां लैमेलर केराटोप्लास्टी कॉर्नियल ट्रांसप्लांट जैसी उन्नत प्रक्रियाएं की जाती हैं, जिसमें केवल प्रभावित कॉर्नियल परत को बदला जाता है, जिससे बेहतर चिकित्सीय परिणाम प्राप्त होते हैं।
एम्स में मना रहे नेत्रदान पखवाड़ा
एम्स भोपाल में 25 अगस्त से 8 सितंबर 2024 तक राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जा रहा है। यह वार्षिक अभियान नेत्रदान के महत्त्व के बारे में जागरूकता फैलाने और लोगों को मृत्यु के बाद अपनी आंखें दान करने को प्रेरित करता है। एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक, प्रोफेसर (डॉ.) अजय सिंह ने कहा है कि नेत्रदान सबसे बड़ा दान है। ये किसी दूसरे व्यक्ति के जीवन को रौशनी से भर देता है, एक नया उजाला देता है। एम्स भोपाल में, हम न केवल विश्व-स्तरीय नेत्र चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, बल्कि जनता को नेत्रदान के महत्त्व के बारे में शिक्षित करने के लिए भी समर्पित हैं। मैं सभी से आग्रह करता हूं कि वे अपनी आंखें दान करने का संकल्प लें और इस जीवन-परिवर्तनकारी कार्य में योगदान दें। साथ मिलकर, हम अंधत्व के खिलाफ इस संघर्ष में महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं। उन्होंने बताया कि एम्स भोपाल में कॉर्नियल ट्रांसप्लांट सेवाएं और एक पूरी तरह से कार्यशील नेत्र बैंक मौजूद है, जहां लेमेलर कॉर्नियल ट्रांसप्लांट जैसी उन्नत प्रक्रिया की जाती हैं, जिसमें केवल प्रभावित कॉर्नियल परत को बदला जाता है, जिससे बेहतर चिकित्सीय परिणाम प्राप्त होते हैं।
कॉर्नियल रोग दृष्टिहीनता और अंधत्व का प्रमुख कारण
डॉ अजय सिंह ने बताया कि अंधत्व एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, कॉर्नियल रोग दृष्टिहीनता और अंधत्व के प्रमुख कारणों में से एक हैं। एम्स भोपाल के नेत्र विज्ञान विभाग की प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, डॉ. भावना शर्मा ने नेत्रदान के महत्त्व पर जोर देते हुए कहा कि हमें सभी को आगे आकर नेत्रदान के इस महत्वपूर्ण कार्य को पूर्ण समर्थन देना चाहिए और इसके बारे में जागरूकता फैलानी चाहिए। AIIMS भोपाल में, हम सुपर-स्पेशलिटी नेत्र चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो सभी वर्गों के मरीजों के लिए सुलभ और किफायती होंगी। डॉ. शर्मा ने राष्ट्रीय अंधत्व एवं दृष्टि विकार नियंत्रण कार्यक्रम के तहत निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि हम ‘नेत्रदान पखवाड़ा’ के दौरान
नेत्रदान के प्रति जागरूकता फैलाने और समाज में व्याप्त मिथकों को दूर करने की उम्मीद करते हैं, जो आज की जरूरत है।
एम्स भोपाल में आंखों के इन बीमारियों का किया जाता है इलाज
एम्स भोपाल में मोतियाबिंद, बचपन के नेत्र रोग, ट्रॉमा, रेटिनोपैथी ऑफ प्रीमेच्योरिटी (ROP), डायबिटिक रेटिनोपैथी, और जटिल रेटिनल विकारों जैसी समस्याओं का इलाज किया जाता है। पखवाड़े के दौरान, नेत्रदान को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं जिनमे, नेत्रदान पर पोस्टर और बैनर का प्रदर्शन, स्वास्थ्य वार्ताएं, नेत्रदान की शपथ दिलवाना, ग्रामीण इलाकों में में नेत्र जांच और नेत्रदान जागरूकता कार्यक्रम शामिल हैं।
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