mp-news:-सीएम-डॉ.-मोहन-यादव-बोले-प्रधानमंत्री-के-नेतृत्व-में-चल-रहा-महिला-सशक्तिकरण-का-राष्ट्रव्यापी-अभियान
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारतीय संस्कृति में धन से अधिक मन का महत्व है। धन की अभिलाषा के साथ वर्ष में सिर्फ एक दिन दीपावली पर लक्ष्मी पूजन होता है, जबकि हम वर्ष भर अन्य देवी-देवताओं का मन से सम्मान करते हुए कई त्यौहार मनाते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जन्माष्टमी पर्व मनाने का कुछ संस्कृति विरोधी लोग विरोध कर रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us राज्य सरकार द्वारा बीते एक पखवाड़े से रक्षाबंधन और श्रावण उत्सव का कार्यक्रम आयोजित कर रही है। इसी कड़ी में भाजपा विधायकों ने भी अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में महिला और लाड़ली बहना योजना की हितग्राहियों से राखी बंधवाने का आयोजन कर रहे हैं। शनिवार को भोपाल हुजूर से भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा के क्षेत्र में बिलखिरिया मंडल में रक्षाबंधन उत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शामिल होकर राखी बंधवाई और बहनों को उपहार दिए। मुख्यमंत्री यादव और विधायक शर्मा को हजारों बहनों ने राखी बांधी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार बहनों के सशक्तिकरण के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नारी सशक्तिकरण का राष्ट्रव्यापी अभियान चल रहा है। प्रदेश में भी नारी कल्याण की अनेक योजनाएं संचालित हैं। समाज के साथ ही सरकार के स्तर पर विभिन्न स्थानों पर रक्षाबंधन उत्सव के सामूहिक आयोजन बहनों के सम्मान और सशक्तिकरण के लिए किए जा रहे हैं। आने वाले समय में स्थानीय निकायों के साथ ही लोकसभा और राज्य सभा में भी बहनों का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा। जन्माष्टमी पर्व का कुछ संस्कृति विरोधी कर रहे विरोध  मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारतीय संस्कृति में धन से अधिक मन का महत्व है। धन की अभिलाषा के साथ वर्ष में सिर्फ एक दिन दीपावली पर लक्ष्मी पूजन होता है, जबकि हम वर्ष भर अन्य देवी-देवताओं का मन से सम्मान करते हुए कई त्यौहार मनाते हैं। रक्षाबंधन के बाद भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का पर्व जन्माष्टमी आ रहा है। लगभग पांच हजार वर्ष पहले भगवान श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को बहन बनाया और भाई-बहन के पावन संबंध के महत्व को स्थापित किया। हमारे प्रत्येक पर्व और त्यौहार का विशेष महत्व है। रक्षाबंधन उत्सव भी बहनों के प्रति सम्मान भाव व्यक्त करने का अवसर है, जो जन्माष्टमी पर्व तक निरंतर चलता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जन्माष्टमी पर्व मनाने का कुछ संस्कृति विरोधी लोग विरोध कर रहे हैं। उद्योगों में भी देंगे बहनों को प्राथमिकता मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित हो रही हैं। इनका उद्देश्य उद्योगों के माध्यम से भाई-बहनों को रोजगार उपलब्ध करवाना है। जबलपुर में पिछले महीने इंडस्ट्री कॉन्क्लेव हुई थी। आगामी 28 अगस्त को ग्वालियर में कॉन्क्लेव हो रही है। इसके बाद सागर और रीवा में भी ऐसी ही होने वाली हैं। टेक्सटाइल सहित कई तरह के उद्योगों में बहनों की सहभागिता को बढ़ाया जाएगा। बहनों के लिए रोजगार की दृष्टि से नई औद्योगिक इकाइयां उपयोगी होंगी, इनमें बहनों को प्राथमिकता दी जाएगी।

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मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारतीय संस्कृति में धन से अधिक मन का महत्व है। धन की अभिलाषा के साथ वर्ष में सिर्फ एक दिन दीपावली पर लक्ष्मी पूजन होता है, जबकि हम वर्ष भर अन्य देवी-देवताओं का मन से सम्मान करते हुए कई त्यौहार मनाते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जन्माष्टमी पर्व मनाने का कुछ संस्कृति विरोधी लोग विरोध कर रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव – फोटो : अमर उजाला

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राज्य सरकार द्वारा बीते एक पखवाड़े से रक्षाबंधन और श्रावण उत्सव का कार्यक्रम आयोजित कर रही है। इसी कड़ी में भाजपा विधायकों ने भी अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में महिला और लाड़ली बहना योजना की हितग्राहियों से राखी बंधवाने का आयोजन कर रहे हैं। शनिवार को भोपाल हुजूर से भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा के क्षेत्र में बिलखिरिया मंडल में रक्षाबंधन उत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शामिल होकर राखी बंधवाई और बहनों को उपहार दिए। मुख्यमंत्री यादव और विधायक शर्मा को हजारों बहनों ने राखी बांधी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार बहनों के सशक्तिकरण के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नारी सशक्तिकरण का राष्ट्रव्यापी अभियान चल रहा है। प्रदेश में भी नारी कल्याण की अनेक योजनाएं संचालित हैं। समाज के साथ ही सरकार के स्तर पर विभिन्न स्थानों पर रक्षाबंधन उत्सव के सामूहिक आयोजन बहनों के सम्मान और सशक्तिकरण के लिए किए जा रहे हैं। आने वाले समय में स्थानीय निकायों के साथ ही लोकसभा और राज्य सभा में भी बहनों का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा।

जन्माष्टमी पर्व का कुछ संस्कृति विरोधी कर रहे विरोध 
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारतीय संस्कृति में धन से अधिक मन का महत्व है। धन की अभिलाषा के साथ वर्ष में सिर्फ एक दिन दीपावली पर लक्ष्मी पूजन होता है, जबकि हम वर्ष भर अन्य देवी-देवताओं का मन से सम्मान करते हुए कई त्यौहार मनाते हैं। रक्षाबंधन के बाद भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का पर्व जन्माष्टमी आ रहा है। लगभग पांच हजार वर्ष पहले भगवान श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को बहन बनाया और भाई-बहन के पावन संबंध के महत्व को स्थापित किया। हमारे प्रत्येक पर्व और त्यौहार का विशेष महत्व है। रक्षाबंधन उत्सव भी बहनों के प्रति सम्मान भाव व्यक्त करने का अवसर है, जो जन्माष्टमी पर्व तक निरंतर चलता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जन्माष्टमी पर्व मनाने का कुछ संस्कृति विरोधी लोग विरोध कर रहे हैं।

उद्योगों में भी देंगे बहनों को प्राथमिकता
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित हो रही हैं। इनका उद्देश्य उद्योगों के माध्यम से भाई-बहनों को रोजगार उपलब्ध करवाना है। जबलपुर में पिछले महीने इंडस्ट्री कॉन्क्लेव हुई थी। आगामी 28 अगस्त को ग्वालियर में कॉन्क्लेव हो रही है। इसके बाद सागर और रीवा में भी ऐसी ही होने वाली हैं। टेक्सटाइल सहित कई तरह के उद्योगों में बहनों की सहभागिता को बढ़ाया जाएगा। बहनों के लिए रोजगार की दृष्टि से नई औद्योगिक इकाइयां उपयोगी होंगी, इनमें बहनों को प्राथमिकता दी जाएगी।

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