राऊ चौराहे पर तैयार ब्रिज। – फोटो : अमर उजाला
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दस साल पहले इंदौर शहर के लिए एक ब्रिज मंजूर होने में एक दो साल लग जाते थे और उसके निर्माण में तीन से चार साल का समय लग जाता था।। राजकुमार और केसरबाग ब्रिज सात साल में बनकर पूरे हुए, लेकिन अब शहर में एक साथ दस ब्रिजों का काम चल रहा है। आने वाले दिनों बायपास, बीआरटीएस, इंदौर-उज्जैन मार्ग और रिंग रोड की राह आसान हो जाएगी।
फ्लायअेावर और रेलवे ब्रिज ट्रैफिक की राह आसान बनाते हैै। इंदौर में पूर्वी रिंग रोड के चौराहों पर पहले काफी ट्रैफिक रहता था, लेकिन अब खजराना से आईटी चौराहे तक 25 मिनट से ज्यादा का समय नहीं लगता है। खजराना ब्रिज और मूसाखेड़ी ब्रिज बनने के बाद समय और कम लगेगा। बांबे अस्पताल अौर रेडिसन चौराहे के अलावा अाईटी चौराहे तक रिंग रोड के सभी जंक्शनों पर ब्रिज बन चुके है।
बीआरटीएस पर दो ब्रिज, एलिवेटेड काॅरिडोर अटका
बीआरटीएस पर निरंजनपुर चौराहा पर लोक निर्माण विभाग ब्रिज बना रहा हैै। इसके अलावा भंवरकुआ चौराहा पर इंदौर विकास प्राधिकरण ब्रिज तैयार कर रहा हैै। छह किलोमीटर हिस्से में एलिवेटेड काॅरिडोर की योजना तैयार की गई, लेकिन इस काॅरिडोर का मामला अधर में है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस ब्रिज का भूमिपूजन छह माह पहले किया था, लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है।
इन स्थानों पर आकार ले रहे ब्रिज
राजेंद्र नगर क्षेत्र के रेलवे क्रासिंग पर ब्रिज का काम शुरू है। इसके अलावा फुटीकोठी चौराह पर 70 प्रतिशत ब्रिज बन चुका है।लवकुश चौराहा पर डबल डेकर ब्रिज बन रहा है। बायपास पर एमआर-10 जंक्शन के अलावा रालामंडल और राऊ सर्कल पर ब्रिज बन रहे है। सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि आने वाले वर्षों में शहर के अन्य प्रमुख चौराहों पर भी ब्रिज बनाए जाएंगे।
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