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मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगाई गई है। इसमें आरोप लगाया गया है कि दामाद ने अपनी मौसी के साथ मिलकर बेटी तथा नातिनों को बेच दिया है। मामले में हाईकोर्ट ने पुलिस को कार्यवाही के संबंध में फ्रेश स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं।
जबलपुर के शहपुरा थानान्तर्गत रायताखेडा निवासी सिम्मी बाई की तरफ से याचिका दायर की गई थी। इसमें कहा गया था कि उसकी बेटी शीला का विवाह दिलीप चौधरी से हुआ था। उसकी बेटी की दो बेटियों भी थीं। बेटी और दोनों नाबालिग नातिन अप्रैल 2023 से लापता हैं। इसकी रिपोर्ट शहपुरा थाने में दर्ज करवाई थी। याचिका में कहा गया था कि उसके दामाद ने अपनी मौसी कविता चौधरी के साथ मिलकर उसकी बेटी तथा नाबालिग नातिनों को बेच दिया है। शिकायत दर्ज करवाने के बावजूद भी पुलिस अभी तक उनके संबंध में कोई सुराग नहीं लगा पाई है।
याचिकाकर्ता की सुनवाई के दौरान पुलिस ने बताया कि गायब महिला तथा उसकी बच्चियों के संबंध में कोई सुराग नहीं मिला है और उनके संबंध में पतासारी जारी है। हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा तथा जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने सुनवाई के दौरान पाया कि एक साल से अधिक का समय गुजर जाने के बावजूद भी पुलिस अभी तक लापता मां-बेटियों की तलाश नहीं कर पाई है। युगलपीठ ने पुलिस कार्यवाही पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कार्यवाही के संबंध में फ्रेश स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के आदेश जारी किए हैं।
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