bhopal-news:-भारत-बंद-का-भोपाल-में-नहीं-दिखा-असर,-खुले-रहे-सभी-संस्थान,-एसटी,-एससी-आरक्षण-के-फैसले-का-विरोध
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: संदीप तिवारी Updated Wed, 21 Aug 2024 09: 48 PM IST अनुसूचित जाति और जनजाति आरक्षण में क्रीमी लेयर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ देशभर के विभिन्न संगठनों ने बुधवार को भारत बंद का आह्वान था। राजधानी भोपाल में  बंद का असर बिल्कुल भी नहीं दिखा सभी संस्थान अपने नियत समय पर खोले गए। बोर्ड ऑफिस चौराहे पर विरोध करते बसपा कार्यकर्ता - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us अनुसूचित जाति और जनजाति आरक्षण में क्रीमी लेयर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ देशभर के विभिन्न संगठनों ने बुधवार को भारत बंद का आह्वान था। राजधानी भोपाल में इस बंद का असर बिल्कुल भी नहीं दिखा सुबह से ही दुकान खुलने लगी और सभी संस्थान अपने नियत समय पर खोले गए। व्यावसायिक प्रतिष्ठान सहित अन्य संस्थान खुले रहे और बंद कराने के लिए कोई भी यहां नहीं पहुंचा। राजधानी भोपाल बोर्ड ऑफिस चौराहे में बहुजन समाज पार्टी के कुछ कार्यकर्ता पहुंचकर विरोध प्रदर्शन करते रहे। भोपाल में पुलिस ने बंद को लेकर विशेष तैयारी की थी हालांकि पुलिस को किसी प्रकार की मसक्कत नहीं करनी पड़ी। सपा के प्रदेश अध्यक्ष, विधायक  अलावा और बरैया ने दिया था समर्थन इधर समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मनोज यादव ने भी वीडियो जारी कर बंद को समर्थन देने का ऐलान किया किया था लेकिन विरोध प्रदर्शन में एक भी कार्यकर्ता सामने नहीं आए । धार जिले की मनावर सीट से कांग्रेस विधायक और जयस के राष्ट्रीय संरक्षक डॉ. हीरालाल अलावा और भांडेर से कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया इस बंद के समर्थन में थे। वहीं, कांग्रेसी नेता इस बंद को कुछ भी कहने से बचते नजर आए  इधर, पुलिस-प्रशासन बंद को लेकर अलर्ट पर थे। गृह विभाग ने कानून व्यवस्था को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए थे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ विरोध दर्ज कराने बंद जानकारी के लिए बतादें कि सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए देश भर के दलित और आदिवासी संगठनों बुधवार को भारत बंद का आह्वान किया था। नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन्स (एनएसीडीएओआर) ने मांगों की एक सूची जारी की है जिसमें अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए न्याय और समानता की मांग शामिल थी। एनएसीडीएओआर ने सरकार से अनुरोध किया है कि इस फैसले को खारिज किया जाए क्योंकि यह अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के संवैधानिक अधिकारों के लिए खतरा है। संगठन एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण पर संसद द्वारा एक नए कानून को पारित करने की भी मांग कर रहा है, जिसे संविधान की नौवीं सूची में समावेश के साथ संरक्षित किया जाए। बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने 6 -1 की दरअसल बहुमत से एक बड़ा फैसला दिया था। इसमें एससी-एसटी समुदाय में उप कोटा लागू करने को सही ठहराया गया था। इसके साथ ही पीठ ने एससी-एसटी आरक्षण में ओबीसी आरक्षण की तरह क्रीमी लेयर का फॉर्मूला लागू करने का सुझाव दिया था। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: संदीप तिवारी Updated Wed, 21 Aug 2024 09: 48 PM IST

अनुसूचित जाति और जनजाति आरक्षण में क्रीमी लेयर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ देशभर के विभिन्न संगठनों ने बुधवार को भारत बंद का आह्वान था। राजधानी भोपाल में  बंद का असर बिल्कुल भी नहीं दिखा सभी संस्थान अपने नियत समय पर खोले गए। बोर्ड ऑफिस चौराहे पर विरोध करते बसपा कार्यकर्ता – फोटो : अमर उजाला

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अनुसूचित जाति और जनजाति आरक्षण में क्रीमी लेयर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ देशभर के विभिन्न संगठनों ने बुधवार को भारत बंद का आह्वान था। राजधानी भोपाल में इस बंद का असर बिल्कुल भी नहीं दिखा सुबह से ही दुकान खुलने लगी और सभी संस्थान अपने नियत समय पर खोले गए। व्यावसायिक प्रतिष्ठान सहित अन्य संस्थान खुले रहे और बंद कराने के लिए कोई भी यहां नहीं पहुंचा। राजधानी भोपाल बोर्ड ऑफिस चौराहे में बहुजन समाज पार्टी के कुछ कार्यकर्ता पहुंचकर विरोध प्रदर्शन करते रहे। भोपाल में पुलिस ने बंद को लेकर विशेष तैयारी की थी हालांकि पुलिस को किसी प्रकार की मसक्कत नहीं करनी पड़ी।

सपा के प्रदेश अध्यक्ष, विधायक  अलावा और बरैया ने दिया था समर्थन
इधर समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मनोज यादव ने भी वीडियो जारी कर बंद को समर्थन देने का ऐलान किया किया था लेकिन विरोध प्रदर्शन में एक भी कार्यकर्ता सामने नहीं आए । धार जिले की मनावर सीट से कांग्रेस विधायक और जयस के राष्ट्रीय संरक्षक डॉ. हीरालाल अलावा और भांडेर से कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया इस बंद के समर्थन में थे। वहीं, कांग्रेसी नेता इस बंद को कुछ भी कहने से बचते नजर आए  इधर, पुलिस-प्रशासन बंद को लेकर अलर्ट पर थे। गृह विभाग ने कानून व्यवस्था को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए थे।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ विरोध दर्ज कराने बंद
जानकारी के लिए बतादें कि सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए देश भर के दलित और आदिवासी संगठनों बुधवार को भारत बंद का आह्वान किया था। नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन्स (एनएसीडीएओआर) ने मांगों की एक सूची जारी की है जिसमें अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए न्याय और समानता की मांग शामिल थी। एनएसीडीएओआर ने सरकार से अनुरोध किया है कि इस फैसले को खारिज किया जाए क्योंकि यह अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के संवैधानिक अधिकारों के लिए खतरा है। संगठन एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण पर संसद द्वारा एक नए कानून को पारित करने की भी मांग कर रहा है, जिसे संविधान की नौवीं सूची में समावेश के साथ संरक्षित किया जाए। बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने 6 -1 की दरअसल बहुमत से एक बड़ा फैसला दिया था। इसमें एससी-एसटी समुदाय में उप कोटा लागू करने को सही ठहराया गया था। इसके साथ ही पीठ ने एससी-एसटी आरक्षण में ओबीसी आरक्षण की तरह क्रीमी लेयर का फॉर्मूला लागू करने का सुझाव दिया था।

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