कुर्सी पर बैठे सचिव – फोटो : अमर उजाला
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सतना में पंचायत सचिव की दंबगई देखने को मिली। यहां पंचायत भवन में सचिव उपसरपंच कुर्सी पर बैठे पैर हिलाते रहे और सरपंच को जमीन में बैठने की नसीहत दे रहे थे। हद ये है कि पंचायत की वो प्रथम नागरिक हैं और महिला हैं उसके बाद भी सचिव की ऐसे अफसरशाही कि जैसे वो पंचायत का सचिव नहीं जनपद का मुख्य कार्यपालन अधिकारी हो।
वहीं ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि ग्रामसभा के दौरान जब वो अपने काम की अर्जी लगाने सचिव विजय सिंह के पास पहुंचे तो उप सरपंच धर्मेंद्र सिंह के साथ दरबार में मशगूल सचिव को नगावार गुजर गया और झल्लाते हुुए कहा कि मैं तुम्हारा नौकर हूं क्या तो विजय सिंह को ये कौन बताए कि वो अदना सा पंचायत सचिव ही है मप्र का मुख्य सचिव नहीं है। हालांकि सचिव की शिकायत जिला पंचायत सचिव व कलेक्टर सतना से की गई है।
पीएम दिल्ली में सम्मान देते हैं और यहां अपमान
जहांं देश के प्रधानमंत्री महिला सरपंच को दिल्ली बुलाकर सम्मान करते हैं वहीं एक सरकारी मुलाजिम महिला सरपंच का अपमान करता है और जनता से कहते हैं हम तुम्हारे नौकर नहीं। कुल मिलाकर सरकार बड़ी बड़ी घोषणा करती है, महिलाओं को बढ़ावा देने महिला शस्क्तिकरण को लेकर, लेकिन जमीनी हकीकत देखिए महिला प्रधान के सामने सचिव-उपसरपंच कुर्सी पर बैठे पैर हिलाते रहे और सरपंच को जमीन में बैठने की नसीहत दे रहे थे।
सचिव ने कर दिया ध्वजारोहण
अकौना ग्राम पंंचायत तो रामपुर जनपद में है, वहांं के सचिव को नौकरी कम नेता बनने की चाहत ज्यादा है। ग्राम पंचायत से लेकर सरकारी स्कूलों में भी सरपंच की बजाए सचिव विजय सिंह ने खुद ही ध्वजारोहण कर दिया, जबकि नियमन कम से कम ग्राम पंचायत भवन में तो सरपंच का ही अधिकार है। हालांकि विजय सिंह के खिलाफ जांंच व कार्रवाई की बात ग्रामीण विकास के आला अफसरों ने कही है।
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