न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, खंडवा Published by: अरविंद कुमार Updated Tue, 13 Aug 2024 09: 51 PM IST
मध्यप्रदेश के खंडवा जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट सभागार में मंगलवार को चल रही जनसुनवाई के दौरान एक अजीब नजारा देखने को मिला। यहां एक पीड़ित किसान सिविल लाइन स्थित एसडीम कार्यालय से सड़क पर बारिश के पानी से फैले कीचड़ के बीच लोट लगाते हुए कलेक्टर कार्यालय तक अपनी पीड़ा सुनाने जनसुनवाई में पहुंचा था।
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किसान का कहना था कि उसकी जमीन पर कुछ दबंगों ने कब्जा कर अतिक्रमण कर लिया है, जिसको लेकर उसने कई बार आवेदन भी दिया है। लेकिन अब तक उसकी कहीं भी सुनवाई नहीं हुई है। उसने एसडीम के सामने भी गुहार लगाई थी। लेकिन वहां से भी उसकी समस्या का जब कोई हल नहीं निकला तो उसने विरोध स्वरूप यह तरीका अपनाने का सोचा। उसके बाद किसान अपने दिव्यांग पिता के साथ जिला कलेक्टर से मिला। वहीं, जिला कलेक्टर ने उसकी पीड़ा सुन सात दिन के अंदर एसडीएम को उसकी समस्या का हल करने के निर्देश दिए हैं।
खंडवा जिला मुख्यालय के ग्राम सेहजला का रहने वाला एक किसान श्याम, मंगलवार को जनसुनवाई में कीचड़ से सनी हालत में पहुंचा था। वहीं, यह किसान जनसुनवाई में पहुंचने से पहले एसडीएम कार्यालय भी गया था। लेकिन उसका कहना था कि वहां उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। इसलिए वह एसडीएम कार्यालय से कीचड़ से पटी सड़क पर लेटते हुए कलेक्टर कार्यालय में चल रही जनसुनवाई में पहुंचा है।
बता दें कि किसान खंडवा के ग्राम सहेजला का रहने वाला है और उसका कहना था कि उसकी जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर अतिक्रमण कर रखा है। यही नहीं, उन दबंगों ने उसकी जमीन पर अवैध निर्माण भी कर लिया है, जिसको लेकर उसने कई जगह आवेदन भी दिए। लेकिन अब तक उसकी कहीं सुनवाई नहीं हुई है। इसलिए उसने विरोध का यह तरीका अपनाया और कीचड़ में सनी सड़क पर लोट लगाता हुआ वह एसडीएम कार्यालय से कलेक्टर कार्यालय तक जनसुनवाई में पहुंचा। जहां अपनी समस्या जिला कलेक्टर के सामने रखी।
वहीं, इस मामले में जब जिला कलेक्टर अनूप कुमार सिंह से पूछा गया कि एक किसान लेटते हुए जनसुनवाई में पहुंचा था। तब उन्होंने बताया कि एक किसान आए थे, जिनका कहना था कि उनकी जमीन के रकबे का सीमांकन नहीं हो रहा था। दरअसल, उनका कहना था कि उनकी जमीन पर किसी ने अतिक्रमण कर लिया है। इसलिए वह सीमांकन कराना चाहते हैं। तब उस पर मैंने एसडीएम को इसको लेकर बता दिया है और अगले सात से 10 दिनों में उनकी जमीन का सीमांकन हो जाएगा।
वहीं जब उनसे पूछा गया कि किसान के द्वारा कहा जा रहा है कि पहले भी कई बार वह यहां आ चुका है। तब जिला कलेक्टर ने कहा कि उनके संज्ञान में यह मामला पहली बार आया है, उस किसान का ऐसा कहना था। लेकिन क्योंकि जनसुनवाई में वे खुद भी बैठते हैं तो उनके सामने तो यह मामला पहली बार ही आया है। उसका जो भी सीमांकन का मामला है, उसका निराकरण करवा दिया जाएगा। वहीं, किसान के जमीन पर अतिक्रमण के आरोपों को लेकर जिला कलेक्टर ने कहा कि जब तक जमीन का सीमांकन नहीं होगा, तब तक अतिक्रमण को लेकर भी कुछ नहीं कहा जा सकता है।
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