न्यूज डेस्क, अमर उजाला, ओंकारेश्वर Published by: दिनेश शर्मा Updated Thu, 08 Aug 2024 07: 31 PM IST 8 अगस्त 2024 को ओंकारेश्वर बांध के 23 गेटों में से 18 गेट खोल दिए गए, जिससे नर्मदा नदी में जलस्तर में भारी वृद्धि हुई है। खंडवा, खरगोन, बड़वानी, धार, धामनोद, महेश्वर, मंडलेश्वर, सनावद, बड़वाह में नर्मदा का जल स्तर काफी बढ़ गया। केंद्रीय जल आयोग मोरटक्का के अनुसार, शाम 6: 00 बजे तक नर्मदा नदी का जलस्तर समुद्र तल से 162.130 मीटर तक पहुंच गया, जो खतरे के निशान 163.980 मीटर से लगभग 2 मीटर नीचे है। ओंकारेश्वर बांध परियोजना के तहत गेटों की मात्रा को बढ़ाकर बुधवार को 9 और गुरुवार को 18 गेट खोलने का निर्णय लिया गया। इससे नर्मदा नदी के निचले हिस्से में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। खंडवा कलेक्टर अनूप कुमार सिंह और एसपी मनोज राय के अनुसार, दोनों बांधों के गेट खोलने से नदी का जलस्तर बढ़ गया है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से, प्रशासन ने नर्मदा नदी में 200 से अधिक नावों पर प्रतिबंध लगा दिया है और नगर के सभी घाटों पर सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है। किसी भी व्यक्ति को ओंकारेश्वर बांध के पास जाने नहीं दिया जा रहा।  Trending Videos घाटों से दुकानदारों को हटाया  ओंकारेश्वर बांध के प्रमुख धीरेंद्र त्रिवेदी और जीडीएम संजय कुमार के मुताबिक, 18 गेटों से 8324 क्यूमेक्स पानी और विद्युत गृह से 2088 क्यूमेक्स के साथ मिलाकर कुल 10412 क्यूमेक्स पानी छोड़ा गया। इसके कारण निचले क्षेत्रों में जल बहाव तेजी से बढ़ गया। पुनासा एसडीएम शिवम प्रजापति और थाना प्रभारी अनोखा सिंधिया के अनुसार, ओंकारेश्वर में सभी प्रमुख घाटों पर दुकानदारों को हटा दिया गया है और एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और होमगार्ड के जवान तैनात किए गए हैं। दोनों बांध पूरी क्षमता तक भरे  सागर बांध परियोजना के तहत भी 12 गेटों से 2 मीटर पानी छोड़ा गया और गेटों की ऊंचाई बढ़ाकर 3 मीटर कर दी गई। इससे निचले क्षेत्रों में जलस्तर का डिस्चार्ज 10408 क्यूमेक्स हो गया। बता दें कि नर्मदा नदी पर इंदिरा सागर बांध, जो भारत का सबसे बड़ा बांध है, और ओंकारेश्वर बांध दोनों ही अपनी पूरी क्षमता से भरे हुए हैं। इंदिरा सागर बांध से 1000 मेगावॉट और ओंकारेश्वर बांध से 500 मेगावॉट बिजली का उत्पादन जारी है। बांधों में लगातार पानी के आगमन के कारण गेट खोलकर जलस्तर को नियंत्रित किया जा रहा है। इस स्थिति को देखते हुए, प्रशासन और राहत एजेंसियां पूरी तत्परता से काम कर रही हैं और जनता से सुरक्षित रहने की अपील की जा रही है। 

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, ओंकारेश्वर Published by: दिनेश शर्मा Updated Thu, 08 Aug 2024 07: 31 PM IST

8 अगस्त 2024 को ओंकारेश्वर बांध के 23 गेटों में से 18 गेट खोल दिए गए, जिससे नर्मदा नदी में जलस्तर में भारी वृद्धि हुई है। खंडवा, खरगोन, बड़वानी, धार, धामनोद, महेश्वर, मंडलेश्वर, सनावद, बड़वाह में नर्मदा का जल स्तर काफी बढ़ गया। केंद्रीय जल आयोग मोरटक्का के अनुसार, शाम 6: 00 बजे तक नर्मदा नदी का जलस्तर समुद्र तल से 162.130 मीटर तक पहुंच गया, जो खतरे के निशान 163.980 मीटर से लगभग 2 मीटर नीचे है।

ओंकारेश्वर बांध परियोजना के तहत गेटों की मात्रा को बढ़ाकर बुधवार को 9 और गुरुवार को 18 गेट खोलने का निर्णय लिया गया। इससे नर्मदा नदी के निचले हिस्से में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। खंडवा कलेक्टर अनूप कुमार सिंह और एसपी मनोज राय के अनुसार, दोनों बांधों के गेट खोलने से नदी का जलस्तर बढ़ गया है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से, प्रशासन ने नर्मदा नदी में 200 से अधिक नावों पर प्रतिबंध लगा दिया है और नगर के सभी घाटों पर सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है। किसी भी व्यक्ति को ओंकारेश्वर बांध के पास जाने नहीं दिया जा रहा। 

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घाटों से दुकानदारों को हटाया 
ओंकारेश्वर बांध के प्रमुख धीरेंद्र त्रिवेदी और जीडीएम संजय कुमार के मुताबिक, 18 गेटों से 8324 क्यूमेक्स पानी और विद्युत गृह से 2088 क्यूमेक्स के साथ मिलाकर कुल 10412 क्यूमेक्स पानी छोड़ा गया। इसके कारण निचले क्षेत्रों में जल बहाव तेजी से बढ़ गया। पुनासा एसडीएम शिवम प्रजापति और थाना प्रभारी अनोखा सिंधिया के अनुसार, ओंकारेश्वर में सभी प्रमुख घाटों पर दुकानदारों को हटा दिया गया है और एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और होमगार्ड के जवान तैनात किए गए हैं।

दोनों बांध पूरी क्षमता तक भरे 
सागर बांध परियोजना के तहत भी 12 गेटों से 2 मीटर पानी छोड़ा गया और गेटों की ऊंचाई बढ़ाकर 3 मीटर कर दी गई। इससे निचले क्षेत्रों में जलस्तर का डिस्चार्ज 10408 क्यूमेक्स हो गया। बता दें कि नर्मदा नदी पर इंदिरा सागर बांध, जो भारत का सबसे बड़ा बांध है, और ओंकारेश्वर बांध दोनों ही अपनी पूरी क्षमता से भरे हुए हैं। इंदिरा सागर बांध से 1000 मेगावॉट और ओंकारेश्वर बांध से 500 मेगावॉट बिजली का उत्पादन जारी है। बांधों में लगातार पानी के आगमन के कारण गेट खोलकर जलस्तर को नियंत्रित किया जा रहा है। इस स्थिति को देखते हुए, प्रशासन और राहत एजेंसियां पूरी तत्परता से काम कर रही हैं और जनता से सुरक्षित रहने की अपील की जा रही है। 

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