अदालत(सांकेतिक) - फोटो : अमर उजाला विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें एसटीएफ के विशेष न्यायाधीश सुनील मालवीय की अदालत ने मुन्ना भाई पुलिस आरक्षक आरोपी संतोष मीणा की अग्रिम जमानत अर्जी निरस्त कर दी है। आरोपी ने वर्ष 2013 में  व्यापमं द्वारा आयोजित पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में धोखाधड़ी करते हुए अपने स्थान पर अन्य व्यक्ति को सॉल्वर के रूप में बैठाकर परीक्षा दिलाई थी। इसके बाद से ही आरोपी रीवा नईगड़ी थाने में आरक्षक के रूप में पदस्थ है। जिसके खिलाफ एसटीएफ ने 420 सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया है। अदालत के समक्ष विशेष लोक अभियोजक अभिषेक दीक्षित ने पक्ष रखा। जिन्होंने अदालत को बताया कि वर्ष 2013 में व्यापमं द्वारा आयोजित पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में अभियुक्त संतोष मीणा द्वारा अपने स्थान पर अन्य व्यक्ति को सॉल्वर के रूप में बैठाकर परीक्षा दिलवाई गई थी। इसमें सफल होने के बाद आरोपी वर्ष 2014 से पुलिस आरक्षक के रूप में पुलिस विभाग मे नौकरी कर रहा है और वर्तमान में थाना नईगडी रीवा में पदस्थ था। मामला संज्ञान में आने के बाद एसटीएफ भोपाल ने धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया है, जिसकी विवेचना जारी है। आरोपी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए उक्त अग्रिम जमानत अर्जी पेश की है। सुनवाई पश्चात् अदालत ने आरोपी की जमानत अर्जी निरस्त कर दी। 

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एसटीएफ के विशेष न्यायाधीश सुनील मालवीय की अदालत ने मुन्ना भाई पुलिस आरक्षक आरोपी संतोष मीणा की अग्रिम जमानत अर्जी निरस्त कर दी है। आरोपी ने वर्ष 2013 में  व्यापमं द्वारा आयोजित पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में धोखाधड़ी करते हुए अपने स्थान पर अन्य व्यक्ति को सॉल्वर के रूप में बैठाकर परीक्षा दिलाई थी। इसके बाद से ही आरोपी रीवा नईगड़ी थाने में आरक्षक के रूप में पदस्थ है। जिसके खिलाफ एसटीएफ ने 420 सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया है।

अदालत के समक्ष विशेष लोक अभियोजक अभिषेक दीक्षित ने पक्ष रखा। जिन्होंने अदालत को बताया कि वर्ष 2013 में व्यापमं द्वारा आयोजित पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में अभियुक्त संतोष मीणा द्वारा अपने स्थान पर अन्य व्यक्ति को सॉल्वर के रूप में बैठाकर परीक्षा दिलवाई गई थी। इसमें सफल होने के बाद आरोपी वर्ष 2014 से पुलिस आरक्षक के रूप में पुलिस विभाग मे नौकरी कर रहा है और वर्तमान में थाना नईगडी रीवा में पदस्थ था। मामला संज्ञान में आने के बाद एसटीएफ भोपाल ने धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया है, जिसकी विवेचना जारी है। आरोपी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए उक्त अग्रिम जमानत अर्जी पेश की है। सुनवाई पश्चात् अदालत ने आरोपी की जमानत अर्जी निरस्त कर दी। 

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