mp-news:-तांडव-मुद्रा-में-‘शिवराज’,-बोले-मुझे-छेड़ोगे-तो-छोडूंगा-नहीं…दिग्विजय-सिंह-पर-भी-साधा-जमकर-निशाना
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: शबाहत हुसैन Updated Tue, 06 Aug 2024 01: 26 PM IST MP: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का संसद में रौद्र रूप देखने को मिला। राज्यसभा में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों की आत्महत्या को लेकर कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा। शिवराज सिंह चौहान - फोटो : अमर उजाला विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष पर भड़कते हुए कहा कि मैंने कहा था कि मुझे छेड़ोगे तो छोडूंगा नहीं। जब कांग्रेस अलग-अलग राज्यों में सत्ता में थी, तब किसान मारे गए थे। इनके सामने दिग्विजय सिंह बैठे हैं, इनके हाथ खून से सने हैं। 24-24 किसानों को मारा गया। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सदन में कांग्रेस शासन के दौरान हुए गोलीकांड को गिनाते हुए कहा कि साल 1986 में जब कांग्रेस की सरकार बिहार में थी, तब गोलीबारी में 23 किसान मारे गए थे। 1988 में दिल्ली में इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर गोली चलाई गई थी, उसमें दो किसान मारे गए थे। 1988 में ही मेरठ में किसानों पर गोलीबारी हुई थी और 5 किसान मारे गए थे। 23 अगस्त 1995 में हरियाणा में उनकी सरकार ने गोली चलाई थी, जिसमें 6 किसान मारे गए थे। 19 जनवरी 1998 को मुलताई में एमपी के किसानों पर गोली चली, तब भी कांग्रेस की सरकार थी। इस गोलीकांड में 24 किसान मारे गए थे। उन्होंने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि हम किसान सम्मान निधि पर चर्चा कर रहे थे। कांग्रेस ने किसानों को सीधी मदद की बात की, लेकिन कांग्रेस ने कभी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी योजना नहीं बनाई। यह योजना हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनाई। उन्हें (विपक्ष) समझ में नहीं आएगा, लेकिन छोटे किसानों के लिए 6,000 रुपये की राशि मायने रखती है। इस किसान सम्मान निधि के कारण किसान आत्मनिर्भर बने हैं। किसान सशक्त भी हुए हैं और किसानों का सम्मान भी बढ़ा है। उन्हें (विपक्ष) किसानों का सम्मान नहीं दिख रहा है।     उन्होंने कहा कि जब मैं कृषि मंत्री बना, तो मुझे लगा कि जितने भी प्रधानमंत्री देश में आज तक बने हैं, मुझे उन सभी के भाषण पढ़ना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण भाषण होता है 15 अगस्त का लालकिले की प्राचीर से। मैंने सुना किसानों के लिए किस प्रधानमंत्री ने क्या कहा। उन्होंने कहा कि आज मैं दुख के साथ ये तथ्य उद्घाटित कर रहा हूं कि जब मैंने वो भाषण पढ़े, तो मैं हैरान हो गया। कांग्रेस की प्राथमिकता किसान नहीं है। शिवराज ने कहा कि स्वर्गीय पंडित जवाहर लाल नेहरू का मैं आदर करता हूं, लेकिन उनके मैंने 15 अगस्त के सारे भाषण पढ़े। 1947 में एक भी बार किसान का नाम नहीं लिया। 1948 में एक बार 1949 में एक बार 1950, 1951, 1952, 1953, 1954, 1955, 1956, 1957, 1958, 1959, 1960 में एक भी बार किसान शब्द उनके भाषण में नहीं आया। ये आपकी (कांग्रेस की) प्राथमिकता है। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: शबाहत हुसैन Updated Tue, 06 Aug 2024 01: 26 PM IST

MP: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का संसद में रौद्र रूप देखने को मिला। राज्यसभा में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों की आत्महत्या को लेकर कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा। शिवराज सिंह चौहान – फोटो : अमर उजाला

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केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष पर भड़कते हुए कहा कि मैंने कहा था कि मुझे छेड़ोगे तो छोडूंगा नहीं। जब कांग्रेस अलग-अलग राज्यों में सत्ता में थी, तब किसान मारे गए थे। इनके सामने दिग्विजय सिंह बैठे हैं, इनके हाथ खून से सने हैं। 24-24 किसानों को मारा गया।

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सदन में कांग्रेस शासन के दौरान हुए गोलीकांड को गिनाते हुए कहा कि साल 1986 में जब कांग्रेस की सरकार बिहार में थी, तब गोलीबारी में 23 किसान मारे गए थे। 1988 में दिल्ली में इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर गोली चलाई गई थी, उसमें दो किसान मारे गए थे।

1988 में ही मेरठ में किसानों पर गोलीबारी हुई थी और 5 किसान मारे गए थे। 23 अगस्त 1995 में हरियाणा में उनकी सरकार ने गोली चलाई थी, जिसमें 6 किसान मारे गए थे। 19 जनवरी 1998 को मुलताई में एमपी के किसानों पर गोली चली, तब भी कांग्रेस की सरकार थी। इस गोलीकांड में 24 किसान मारे गए थे।

उन्होंने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि हम किसान सम्मान निधि पर चर्चा कर रहे थे। कांग्रेस ने किसानों को सीधी मदद की बात की, लेकिन कांग्रेस ने कभी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी योजना नहीं बनाई। यह योजना हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनाई। उन्हें (विपक्ष) समझ में नहीं आएगा, लेकिन छोटे किसानों के लिए 6,000 रुपये की राशि मायने रखती है। इस किसान सम्मान निधि के कारण किसान आत्मनिर्भर बने हैं। किसान सशक्त भी हुए हैं और किसानों का सम्मान भी बढ़ा है। उन्हें (विपक्ष) किसानों का सम्मान नहीं दिख रहा है।    

उन्होंने कहा कि जब मैं कृषि मंत्री बना, तो मुझे लगा कि जितने भी प्रधानमंत्री देश में आज तक बने हैं, मुझे उन सभी के भाषण पढ़ना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण भाषण होता है 15 अगस्त का लालकिले की प्राचीर से। मैंने सुना किसानों के लिए किस प्रधानमंत्री ने क्या कहा। उन्होंने कहा कि आज मैं दुख के साथ ये तथ्य उद्घाटित कर रहा हूं कि जब मैंने वो भाषण पढ़े, तो मैं हैरान हो गया। कांग्रेस की प्राथमिकता किसान नहीं है। शिवराज ने कहा कि स्वर्गीय पंडित जवाहर लाल नेहरू का मैं आदर करता हूं, लेकिन उनके मैंने 15 अगस्त के सारे भाषण पढ़े। 1947 में एक भी बार किसान का नाम नहीं लिया। 1948 में एक बार 1949 में एक बार 1950, 1951, 1952, 1953, 1954, 1955, 1956, 1957, 1958, 1959, 1960 में एक भी बार किसान शब्द उनके भाषण में नहीं आया। ये आपकी (कांग्रेस की) प्राथमिकता है।

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