न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, दमोह Published by: दमोह ब्यूरो Updated Tue, 06 Aug 2024 03: 36 PM IST
कंपनी ने पूरे जिले में करीब 400 एजेंट बनाए थे और करीब 5,000 खाताधारक थे। इन खाता धारकों से करीब 10 करोड़ रुपये जमा कराया गया, जो कंपनी लेकर भाग गई है। इसी कंपनी का एक कर्मचारी आलोक जैन ललितपुर में गिरफ्तार किया गया है। एसपी ऑफिस में खड़े पीड़ित – फोटो : अमर उजाला
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दमोह में एलजेसीसी नाम की एक चिटफंड कंपनी ने जिले के करीब 5,000 उपभोक्ताओं से 10 करोड़ रुपये की ठगी कर ली। पीड़ित उपभोक्ताओं को जब पता चला कंपनी भाग गई तो उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। एक अप्रैल को कंपनी के कर्मचारी ऑफिस में ताला लगाकर गायब हो गए।
बता दें कि इस कंपनी ने एजेंटों के माध्यम से लोगों के खाते खोलकर एफडी और बॉन्ड में कनवर्ट कर दिया। लेकिन अब कंपनी बंद हो चुकी है और उसके कर्मचारी यहां से भाग चुके हैं। सोमवार शाम परेशान उपभोक्ताओं के साथ कंपनी के एजेंटों ने एसपी से शिकायत कर कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने और खाता धारकों का पैसा वापस दिलाने की मांग की है।
अधिवक्ता श्याम सुंदर विश्वकर्मा ने बताया कि 2016 से ये कंपनी संचालित है। जो एफडी और बॉन्ड बनाकर लोगों का पैसा जमा कर रहे थे। पूरा पैसा एजेंटों के माध्यम से लिया गया। दिल्ली, ललितपुर और झांसी में बैठे लोगों के खातों में ट्रांसफर किया गया। एजेंट खाता धारकों के घर जाकर पैसा लेते थे। एक अप्रैल को कंपनी बंद हो गई है, जिन लोगों ने इस कंपनी में पैसा जमा किया था, अब वह एजेंट से पैसे मांग रहे हैं और इसलिए मैं एजेंटों की तरफ से एसपी के पास शिकायत करने आया हूं। ताकि मामले में कंपनी के खिलाफ कार्रवाई हो और लोगों का पैसा वापस मिले।
कंपनी ने पूरे जिले में करीब 400 एजेंट बनाए थे और करीब 5,000 खाताधारक थे। इन खाता धारकों से करीब 10 करोड़ रुपये जमा कराया गया, जो कंपनी लेकर भाग गई है। इसी कंपनी का एक कर्मचारी आलोक जैन ललितपुर में गिरफ्तार किया गया है। जो इसी तरह फ्रॉड कर रहा था।
एसपी श्रुत कीर्ति सोमवंशी ने कोतवाली में इसकी एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा है।
महिला के डूब गए 12 लाख
दमोह निवासी वर्षा राय ने बताया कि ये कंपनी पहले स्वामी विवेकानंद के नाम से संचालित थी। बाद में इसका नाम एलजेसीसी हो गया। यहां के मैनेजर राहुल असाटी ने उनकी दो लाख रुपये की पॉलिसी की थी, जो 31 मार्च 2024 को पूरी हो गई। भुगतान लेने के लिए जब पहुंची तो उन्हें नए नए बहाने बताए गए और इसी क्रम में पांच महीने बीत गए। 30 अगस्त 24 को मेरी एक और पॉलिसी जो 10 लाख रुपये की थी, वह भी मेच्योर्ड हो गई और मुझे भुगतान नहीं किया गया। अब कंपनी और मैनेजर राहुल असाटी फरार हो चुके हैं। इसलिए मैंने भी एसपी से शिकायत की है, ताकि मेरा पैसा वापस मिल सके। कोतवाली टीआई आनंद सिंह ने इस मामले में कंपनी के एजेंटो और पीड़ित महिला के बयान दर्ज किए हैं। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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