mp:-पथरगुवा-गांव-में-डायरिया-फैलने-से-36-से-ज्यादा-लोग-बीमार,-एक-मासूम-की-हुई-मौत;-स्वास्थ्य-विभाग-अलर्ट-पर
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, टीकमगढ़ Published by: शबाहत हुसैन Updated Mon, 05 Aug 2024 02: 12 PM IST MP: टीकमगढ़ जिले के पथरगुवा गांव में दूषित पानी पीने से डायरिया फैल गया है, जिसमें अब तक करीब 36 से ज्यादा लोग बीमार हो गए हैं, जिनका स्वास्थ्य विभाग द्वारा गांव में इलाज किया जा रहा है।   डायरिया फैलने से 36 से ज्यादा लोग बीमार - फोटो : अमर उजाला विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें टीकमगढ़ जिले के पुलिस थाना खरगापुर के अंतर्गत आने वाले गांव में पिछले 6 दिनों से डायरिया लगातार पैर पसार रहा है। स्थानीय ग्रामीण में बताया कि पहले दिन करीब सात लोग बीमार हुए थे, इसके बाद लगातार उनकी संख्या बढ़ती जा रही है। स्वास्थ्य विभाग का अमला गांव में डायरिया रोकने के लिए अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। रविवार को बल्देवगढ़ एसडीएम ने भी मौके का दौरा किया था और स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए थे, लेकिन लगातार मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। पहले दिन दो बच्चे हुए थे बीमार, एक की हुई मौत  ग्रामीणों ने बताया कि पहले दिन गांव में दो जुड़वा बच्चे पानी पीने से बीमार हुए थे, जिनमें से एक बच्चे की मौत हो गई है, जबकि दूसरा भाई अब स्वास्थ्य है। वहीं बच्चों की मां राजकुमारी यादव भी उल्टी दस्त से बीमार है, जिनका इलाज गांव में किया जा रहा है। पंचायत भवन को बनाया अस्थाई स्वास्थ्य केंद्र  टीकमगढ़ जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि सूचना मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में डेरा डाला हुआ है और पंचायत भवन को अस्थाई स्वास्थ्य केंद्र बना दिया गया है, जहां पर डायरिया से पीड़ित मरीजों का इलाज किया जा रहा है। गांव में अब तक करीब 36 लोग उल्टी दस्त के शिकार हो चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि गांव के कुआं और हैंडपंप का पानी दूषित है। गांव के ही रहने वाले अमर सिंह यादव ने बताया कि बेरिया मोहल्ले में जगन्नाथ के खेत में बने कुएं में आज तक विभाग के लोगों ने दावा नहीं डलवाई, जैसे ही डायरिया फैला तब जलस्रोतों में दवा डलवा दी गई है। समय रहते है अगर जल स्रोतों का शुद्धिकरण किया जाता तो इस तरह के हालात गांव में पैदा नहीं होती। तीसरा गांव डायरिया की चपेट में और दूसरे बच्चे की मौत टीकमगढ़ जिले में पिछले माह नगारा गांव में भी डायरिया फैलने से एक बच्चे की मौत हो गई थी और वहीं 800 लोग बीमार हो गए थे। इसके बाद मिनोरा गांव में भी डायरीया फैला था, जिसमें करीब 900 लोग बीमार हुए थे और स्वास्थ्य विभाग को एक माह का समय लग गया था, लेकिन स्वास्थ्य विभाग और पीएचई विभाग ने ध्यान नहीं दिया, जिसके चलते हालात बिगड़े। दोनों पीएचई विभाग द्वारा टीकमगढ़ जिले में जो दवा सप्लाई की गई है, ग्रामीण अंचलों में वह एक्सपायरी डेट की डाल दी गई है, लेकिन इसके बाद भी टीकमगढ़ कलेक्टर द्वारा इस मामले में कोई संज्ञान नहीं लिया गया। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, टीकमगढ़ Published by: शबाहत हुसैन Updated Mon, 05 Aug 2024 02: 12 PM IST

MP: टीकमगढ़ जिले के पथरगुवा गांव में दूषित पानी पीने से डायरिया फैल गया है, जिसमें अब तक करीब 36 से ज्यादा लोग बीमार हो गए हैं, जिनका स्वास्थ्य विभाग द्वारा गांव में इलाज किया जा रहा है।
  डायरिया फैलने से 36 से ज्यादा लोग बीमार – फोटो : अमर उजाला

विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें

टीकमगढ़ जिले के पुलिस थाना खरगापुर के अंतर्गत आने वाले गांव में पिछले 6 दिनों से डायरिया लगातार पैर पसार रहा है। स्थानीय ग्रामीण में बताया कि पहले दिन करीब सात लोग बीमार हुए थे, इसके बाद लगातार उनकी संख्या बढ़ती जा रही है। स्वास्थ्य विभाग का अमला गांव में डायरिया रोकने के लिए अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। रविवार को बल्देवगढ़ एसडीएम ने भी मौके का दौरा किया था और स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए थे, लेकिन लगातार मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है।

पहले दिन दो बच्चे हुए थे बीमार, एक की हुई मौत 
ग्रामीणों ने बताया कि पहले दिन गांव में दो जुड़वा बच्चे पानी पीने से बीमार हुए थे, जिनमें से एक बच्चे की मौत हो गई है, जबकि दूसरा भाई अब स्वास्थ्य है। वहीं बच्चों की मां राजकुमारी यादव भी उल्टी दस्त से बीमार है, जिनका इलाज गांव में किया जा रहा है।

पंचायत भवन को बनाया अस्थाई स्वास्थ्य केंद्र 
टीकमगढ़ जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि सूचना मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में डेरा डाला हुआ है और पंचायत भवन को अस्थाई स्वास्थ्य केंद्र बना दिया गया है, जहां पर डायरिया से पीड़ित मरीजों का इलाज किया जा रहा है। गांव में अब तक करीब 36 लोग उल्टी दस्त के शिकार हो चुके हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि गांव के कुआं और हैंडपंप का पानी दूषित है। गांव के ही रहने वाले अमर सिंह यादव ने बताया कि बेरिया मोहल्ले में जगन्नाथ के खेत में बने कुएं में आज तक विभाग के लोगों ने दावा नहीं डलवाई, जैसे ही डायरिया फैला तब जलस्रोतों में दवा डलवा दी गई है। समय रहते है अगर जल स्रोतों का शुद्धिकरण किया जाता तो इस तरह के हालात गांव में पैदा नहीं होती।

तीसरा गांव डायरिया की चपेट में और दूसरे बच्चे की मौत
टीकमगढ़ जिले में पिछले माह नगारा गांव में भी डायरिया फैलने से एक बच्चे की मौत हो गई थी और वहीं 800 लोग बीमार हो गए थे। इसके बाद मिनोरा गांव में भी डायरीया फैला था, जिसमें करीब 900 लोग बीमार हुए थे और स्वास्थ्य विभाग को एक माह का समय लग गया था, लेकिन स्वास्थ्य विभाग और पीएचई विभाग ने ध्यान नहीं दिया, जिसके चलते हालात बिगड़े। दोनों पीएचई विभाग द्वारा टीकमगढ़ जिले में जो दवा सप्लाई की गई है, ग्रामीण अंचलों में वह एक्सपायरी डेट की डाल दी गई है, लेकिन इसके बाद भी टीकमगढ़ कलेक्टर द्वारा इस मामले में कोई संज्ञान नहीं लिया गया।

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