jabalpur-news:-कूटरचित-अंकसूची-से-प्राप्त-की-थी-तीस-साल-पहले-नौकरी,-आरोपी-महिला-के-खिलाफ-धोखाधड़ी-का-केस-दर्ज
Fir demo - फोटो : फाइल फोटो भृत्य के पद पर एक महिला ने कूटरचित दस्तावेज के आधार पर शिक्षा विभाग में नौकरी प्राप्त की थी। बेलबाग पुलिस ने जांच के बाद आरोपी महिला के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है। आरोपी महिला विगत तीन सालों से विभाग में कार्यरत थी।   बेलबाग थाने के अनुसार जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी ने लिखित शिकायत प्रस्तुत की थी। शिकायत में कहा गया था कि आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय को मिली एक शिकायत में कहा गया था कि संयुक्त संचालक लोक शिक्षण कार्यालय जबलपुर में भृत्य के पद पर पदस्थ अनीसा बेगम ने फर्जी अंकसूची के आधार पर नौकरी पाई है। शिकायत की जांच के लिए निर्देश जारी किए गए थे। शिकायत की जांच जिला शिक्षा अधिकारी कटनी से कराई गई थी। जिला शिक्षा अधिकारी कटनी द्वारा अपने जांच प्रतिवेदन में बताया गया कि प्राचार्य शासकीय उमा विद्याल बिलहरी को कक्षा 8वीं तथा संकुल प्राचार्य शास. कन्या उमा विद्याल ब्यौहार बाग को महिला द्वारा प्रस्तुत अंकसूची सत्यापन के लिए पत्र जारी किए गए थे। संकुल प्राचार्य शासकीय कन्या. उमा विद्यालय व्यौहार भाई ने कक्षा 5वीं की अंकसूची से संबंधित अभिलेख विद्यालय में नहीं होना तथा प्राचार्य शास.उमा विद्यालय बिलहरी के पत्र द्वारा कक्षा 8वीं परीक्षा संबंधी अभिलेख विद्यालय में नहीं होने की जानकारी दी गई। उपरोक्त तथ्यों के आधार पर एवं अंकसूची के अवलोकन परं जन्मतिथि एवं लिखावट मे भिन्नता तथा कांट-छांट पाए जाने पर कूटरचित अकसूचियां होना पाई गई हैं। जांच के दौरान अनीसा बेगम ने भी स्वयं द्वारा लिखने-पढ़ने में असमर्थता जताई थी। अनीसा बेगम की अंकसूची का सत्यापन कार्यालय शिक्षा अधिकारी जबलपुर से भी करवाया गया। इनके द्वारा लेख किया गया है कि प्राथमिक प्रमाण पत्र परीक्षा की अंकसूची मे जन्मतिथि 11-06-64 (ग्यारह जून सन चौसठ) अंकित है जबकि संभागीय पूर्व माध्यमिक परीक्षा 1997 में जन्मतिथि 07-07-65 (सात जुलाई पैसठ) अंकित है। इसके साथ ही प्राथमिक प्रमाण पत्र परीक्षा की अंकसूची में उत्तीर्ण का वर्ष 1997 अंकित है, एवं अध्ययनरत शाला का नाम एवं परीक्षा केन्द्र का नाम रिजर्व पुलिस लाइन अंकित है। स्वाध्यायी पर सही टिक का निशान दर्शित है, जबकि स्वाध्यायी परीक्षार्थी की अंकसूची में संस्था का नाम नहीं लिखा होता है। यह भी लेख किया गया है कि संभागीय पूर्व माध्यमिक परीक्षा वर्ष 1997 की अंकसूची में केन्द्राध्यक्ष के स्थान पर प्राचार्य जनता स्कूल पसियाना जबलपुर की पद मुद्रा सहित हस्ताक्षर अंकित है। संस्था प्रधान के स्थान पर केन्द्राध्यक्ष के हस्ताक्षर एवं संभागीय पूर्व माध्यमिक परीक्षा की पद मुद्रा अंकित है। सेवा पुस्तिका का अवलोकन किया गया तो उसमें केवल पांचवीं पास होना लेख किया था। शेष अन्य जानकारी के लेख नहीं है जबकि कक्षा आठवीं के संबंध में आठवी पास 1997 स.पू.मा. परीक्षा जबलपुर तृतीय सभी विषय अंकित है। कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत करने पर उसे नियुक्ति आदेश 08.05.95 को जारी किया गया था। अनीसा बेगम ने कार्यालय में वर्ष 1997 की कक्षा 5 वीं की अंकसूची वर्ष 1995 मे प्रस्तुत कर नौकरी प्राप्त की है। उपरोक्त जांच के आधार पर आरोपी महिला के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। 

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Fir demo – फोटो : फाइल फोटो

भृत्य के पद पर एक महिला ने कूटरचित दस्तावेज के आधार पर शिक्षा विभाग में नौकरी प्राप्त की थी। बेलबाग पुलिस ने जांच के बाद आरोपी महिला के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है। आरोपी महिला विगत तीन सालों से विभाग में कार्यरत थी।

 
बेलबाग थाने के अनुसार जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी ने लिखित शिकायत प्रस्तुत की थी। शिकायत में कहा गया था कि आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय को मिली एक शिकायत में कहा गया था कि संयुक्त संचालक लोक शिक्षण कार्यालय जबलपुर में भृत्य के पद पर पदस्थ अनीसा बेगम ने फर्जी अंकसूची के आधार पर नौकरी पाई है। शिकायत की जांच के लिए निर्देश जारी किए गए थे। शिकायत की जांच जिला शिक्षा अधिकारी कटनी से कराई गई थी।

जिला शिक्षा अधिकारी कटनी द्वारा अपने जांच प्रतिवेदन में बताया गया कि प्राचार्य शासकीय उमा विद्याल बिलहरी को कक्षा 8वीं तथा संकुल प्राचार्य शास. कन्या उमा विद्याल ब्यौहार बाग को महिला द्वारा प्रस्तुत अंकसूची सत्यापन के लिए पत्र जारी किए गए थे। संकुल प्राचार्य शासकीय कन्या. उमा विद्यालय व्यौहार भाई ने कक्षा 5वीं की अंकसूची से संबंधित अभिलेख विद्यालय में नहीं होना तथा प्राचार्य शास.उमा विद्यालय बिलहरी के पत्र द्वारा कक्षा 8वीं परीक्षा संबंधी अभिलेख विद्यालय में नहीं होने की जानकारी दी गई। उपरोक्त तथ्यों के आधार पर एवं अंकसूची के अवलोकन परं जन्मतिथि एवं लिखावट मे भिन्नता तथा कांट-छांट पाए जाने पर कूटरचित अकसूचियां होना पाई गई हैं।

जांच के दौरान अनीसा बेगम ने भी स्वयं द्वारा लिखने-पढ़ने में असमर्थता जताई थी। अनीसा बेगम की अंकसूची का सत्यापन कार्यालय शिक्षा अधिकारी जबलपुर से भी करवाया गया। इनके द्वारा लेख किया गया है कि प्राथमिक प्रमाण पत्र परीक्षा की अंकसूची मे जन्मतिथि 11-06-64 (ग्यारह जून सन चौसठ) अंकित है जबकि संभागीय पूर्व माध्यमिक परीक्षा 1997 में जन्मतिथि 07-07-65 (सात जुलाई पैसठ) अंकित है। इसके साथ ही प्राथमिक प्रमाण पत्र परीक्षा की अंकसूची में उत्तीर्ण का वर्ष 1997 अंकित है, एवं अध्ययनरत शाला का नाम एवं परीक्षा केन्द्र का नाम रिजर्व पुलिस लाइन अंकित है। स्वाध्यायी पर सही टिक का निशान दर्शित है, जबकि स्वाध्यायी परीक्षार्थी की अंकसूची में संस्था का नाम नहीं लिखा होता है।

यह भी लेख किया गया है कि संभागीय पूर्व माध्यमिक परीक्षा वर्ष 1997 की अंकसूची में केन्द्राध्यक्ष के स्थान पर प्राचार्य जनता स्कूल पसियाना जबलपुर की पद मुद्रा सहित हस्ताक्षर अंकित है। संस्था प्रधान के स्थान पर केन्द्राध्यक्ष के हस्ताक्षर एवं संभागीय पूर्व माध्यमिक परीक्षा की पद मुद्रा अंकित है। सेवा पुस्तिका का अवलोकन किया गया तो उसमें केवल पांचवीं पास होना लेख किया था। शेष अन्य जानकारी के लेख नहीं है जबकि कक्षा आठवीं के संबंध में आठवी पास 1997 स.पू.मा. परीक्षा जबलपुर तृतीय सभी विषय अंकित है। कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत करने पर उसे नियुक्ति आदेश 08.05.95 को जारी किया गया था। अनीसा बेगम ने कार्यालय में वर्ष 1997 की कक्षा 5 वीं की अंकसूची वर्ष 1995 मे प्रस्तुत कर नौकरी प्राप्त की है। उपरोक्त जांच के आधार पर आरोपी महिला के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। 

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