ujjain-news:-माधव-नगर-अस्पताल-में-गूंजी-पहली-किलकारी,-खुशी-से-झूमे-माता-पिता,-नवजात-का-नाम-रख-दिया-'माधव'
सरकारी माधव नगर अस्पताल में हुई पहली सिजेरियन डिलीवरी। - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us नए शहर के फ्रीगंज क्षेत्र स्थित शासकीय माधव नगर अस्पताल में पहली बार सिजेरियन डिलीवरी होने की डॉक्टर और अस्पताल के स्टाफ को खुशी थी, लेकिन इस खुशी को प्रसूता के परिजनों ने और बढ़ा दिया। प्रसूता के परिजन सफल डिलीवरी होने पर इतने खुश थे कि उन्होंने माधव नगर अस्पताल में जन्में शिशु का नाम ही माधव रख दिया।  माधव नगर अस्पताल प्रभारी डॉ. विक्रम रघुवंशी ने बताया कि माधव नगर अस्पताल में नए सिविल सर्जन डॉ. अजय दिवाकर के मार्गदर्शन में डिलीवरी होनी शुरू हो चुकी हैं। अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर दीप्ति सिंह खेनवार और अन्य टीम के ने रुक्मणी सोलंकी की प्रथम सिजेरियन डिलेवरी करवाई। वैसे तो यह डिलीवरी नार्मल की जाने वाली थी, लेकिन बच्चे का वेट ज्यादा होने के कारण डॉक्टरों ने कोई रिस्क नहीं लिया। अस्पताल में पहली सिजेरियन डिलीवरी होने से डॉक्टर और स्टाफ वैसे ही खुश था, लेकिन उनकी खुशियां प्रसूता के परिवार ने उस समय और बढ़ा दीं, जब उन्होंने बच्चे के जन्म पर न सिर्फ मिठाइयां बांटी बल्कि नवजात बच्चे का नाम भी माधव नगर अस्पताल के नाम पर यानी कि माधव रख दिया। फ्रीगंज क्षेत्र मे भी सरकारी अस्पताल में शुरू हुई डिलीवरी अब तक पुराने शहर स्थित जिला चिकित्सालय में ही गर्भस्थ महिलाओं को अपनी डिलीवरी करवानी पड़ती थी। अब माधव नगर अस्पताल में भी यह सुविधा शुरू हो गई है। अब फ्रीगंज क्षेत्र के लोगों को भी डिलीवरी करवाने के लिए पुराने शहर नहीं जाना होगा। अब माधव नगर अस्पताल में ही सरकारी योजना का लाभ लेते हुए आसानी से डिलीवरी करवाई जा सकेगी। अस्पताल की की गई विशेष सजावट। पहली डिलिवरी थी इसीलिए सजाया अस्पताल अस्पताल में सिजेरियन से पहले डिलिवरी की जाने वाली थी इसीलिए इस अस्पताल को बैलून लगाकर आकर्षक रूप से सजाया गया था। अस्पताल के साथ ही ऑपरेशन थिएटर में भी आकर्षक सजावट की गई थी। वहीं नवजात शिशु के स्वागत में जहां फूलों की पंखुड़ियां बिछाकर उसका स्वागत भी किया गया। देखने वाली बात यह थी कि अस्पताल में इस डिलीवरी से जितने खुश प्रसूता के परिजन नजर आ रहे थे उतनी ही खुशी अस्पताल के स्टाफ और डॉक्टर को भी थी। प्रसूता के परिजनों के साथ ही अस्पताल के डॉक्टर और नर्स भी इतना उत्साहित थे कि शिशु को हाथों में लेकर दुलार करते नजर आ रहे थे।

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सरकारी माधव नगर अस्पताल में हुई पहली सिजेरियन डिलीवरी। – फोटो : अमर उजाला

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नए शहर के फ्रीगंज क्षेत्र स्थित शासकीय माधव नगर अस्पताल में पहली बार सिजेरियन डिलीवरी होने की डॉक्टर और अस्पताल के स्टाफ को खुशी थी, लेकिन इस खुशी को प्रसूता के परिजनों ने और बढ़ा दिया। प्रसूता के परिजन सफल डिलीवरी होने पर इतने खुश थे कि उन्होंने माधव नगर अस्पताल में जन्में शिशु का नाम ही माधव रख दिया। 

माधव नगर अस्पताल प्रभारी डॉ. विक्रम रघुवंशी ने बताया कि माधव नगर अस्पताल में नए सिविल सर्जन डॉ. अजय दिवाकर के मार्गदर्शन में डिलीवरी होनी शुरू हो चुकी हैं। अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर दीप्ति सिंह खेनवार और अन्य टीम के ने रुक्मणी सोलंकी की प्रथम सिजेरियन डिलेवरी करवाई। वैसे तो यह डिलीवरी नार्मल की जाने वाली थी, लेकिन बच्चे का वेट ज्यादा होने के कारण डॉक्टरों ने कोई रिस्क नहीं लिया। अस्पताल में पहली सिजेरियन डिलीवरी होने से डॉक्टर और स्टाफ वैसे ही खुश था, लेकिन उनकी खुशियां प्रसूता के परिवार ने उस समय और बढ़ा दीं, जब उन्होंने बच्चे के जन्म पर न सिर्फ मिठाइयां बांटी बल्कि नवजात बच्चे का नाम भी माधव नगर अस्पताल के नाम पर यानी कि माधव रख दिया।

फ्रीगंज क्षेत्र मे भी सरकारी अस्पताल में शुरू हुई डिलीवरी
अब तक पुराने शहर स्थित जिला चिकित्सालय में ही गर्भस्थ महिलाओं को अपनी डिलीवरी करवानी पड़ती थी। अब माधव नगर अस्पताल में भी यह सुविधा शुरू हो गई है। अब फ्रीगंज क्षेत्र के लोगों को भी डिलीवरी करवाने के लिए पुराने शहर नहीं जाना होगा। अब माधव नगर अस्पताल में ही सरकारी योजना का लाभ लेते हुए आसानी से डिलीवरी करवाई जा सकेगी।

अस्पताल की की गई विशेष सजावट।

पहली डिलिवरी थी इसीलिए सजाया अस्पताल
अस्पताल में सिजेरियन से पहले डिलिवरी की जाने वाली थी इसीलिए इस अस्पताल को बैलून लगाकर आकर्षक रूप से सजाया गया था। अस्पताल के साथ ही ऑपरेशन थिएटर में भी आकर्षक सजावट की गई थी। वहीं नवजात शिशु के स्वागत में जहां फूलों की पंखुड़ियां बिछाकर उसका स्वागत भी किया गया। देखने वाली बात यह थी कि अस्पताल में इस डिलीवरी से जितने खुश प्रसूता के परिजन नजर आ रहे थे उतनी ही खुशी अस्पताल के स्टाफ और डॉक्टर को भी थी। प्रसूता के परिजनों के साथ ही अस्पताल के डॉक्टर और नर्स भी इतना उत्साहित थे कि शिशु को हाथों में लेकर दुलार करते नजर आ रहे थे।

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