न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Fri, 02 Aug 2024 07: 14 PM IST
मध्यप्रदेश कांग्रेस ने दल बदल के बाद विधायकों के विधायक निधि के उपयोग के नैतिकता के विरुद्ध बताया है। कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष को दलबदल करने वाले विधायकों के विधायक निधि के उपयोग पर रोक लगाने की मांग की है। मध्य प्रदेश विधानसभा – फोटो : सोशल मीडिया
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मध्य प्रदेश कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर मांग की है कि दल बदल के बाद विधायक निधि के उपयोग पर रोक लगाई जाए। कांग्रेस ने कहा है कि यह नैतिकता के विरुद्ध है कि दल बदल के बाद विधायक निधि का उपयोग किया जाए। कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने पत्र में कहा है कि बीना और विजयपुर क्षेत्र के विधायकों ने सार्वजनिक रूप से भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है, जो कि दल बदल कानून की वैधानिक परिधि में आती है और विधायक पद के लिए अयोग्यता की परिधि में भी आती है। गुप्ता ने कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष से विधि के प्रदेश में सबसे बड़े रक्षक के रूप में और विधायिका के पालक के रूप में नैतिकता और शुचिता को संरक्षण देने की अपेक्षा है। उन्होंने कहा है कि ऐसे विधायक जब तक पुनः चुनकर विधायक नहीं बन जाते, तब तक उनके विधायक निधि के उपयोग पर रोक लगाई जानी चाहिए।
बता दें विजयपपुर से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक रामनिवास रावत और सागर विधायक निर्मला सप्रे ने लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा की सदस्यता ले ली थी। रामनिवास रावत को भाजपा ने मोहन कैबिनेट में मंत्री बना दिया है। उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा भी दे दिया है। अब उनको 6 माह में विजयपुर से चुनाव लड़ कर आना होगा। वहीं, बीना विधायक निर्मला सप्रे ने अभी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है। कांग्रेस की तरफ से निर्मला सप्रे की सदस्यता समाप्त करने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष को शिकायत भी की गई है।
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