न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, छतरपुुर Published by: अरविंद कुमार Updated Wed, 31 Jul 2024 06: 52 PM IST
मध्यप्रदेश में इन दिनों बारिश अपना रौद्र रूप दिखा रही है। ऐसे में छतरपुर से आई इन तस्वीरों को देखकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। बीच नदी में मछलियों का शिकार कर रहे हैं। साथ में मासूम भी हैं और ऐसे में अगर अचानक पानी बढ़ा तो कई जिंदगियों की जान जा सकती है। नजारा छतरपुर जिले का है, जहां मछलियों का शिकार करते ये लोग उस आने वाले खतरे से बेखौफ नजर आ रहे हैं। जो पल भर में इनकी जान ले सकता है। देखने में तो यह भले बड़ी चट्टान पर बैठे हों पर जब पानी अपने रौद्र रूप में पहाड़ों को भी समा लेता है।
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कहीं भी जब किसी बांध से पानी छोड़ा जाता है तो पानी पल भर में अपना रौद्र रूप ले लेता है और नदी में चारों ओर से पानी आता है तो हालात जलजले वाले और भयावह होते हैं। उक्त तस्वीरें छतरपुर जिले से गुजरने वली धसान नदी की हैं, जहां ये लोग जान की बाजी लगाकर मछलियों का शिकार कर रहे हैं। इतना ही नहीं इनके साथ मासूम नाबालिग बच्चे भी नजर आ रहे हैं।
बता दें कि धसान नदी में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। बान सुजारा बांध से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है और नदी में पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। नदियों के रौद्र और बाढ़ रूपी इन हालातों के बावजूद मछली का शिकार करने वालों की कमी नहीं है। यहां पचेर घाट पर अपनी जान की परवाह किए बिना मछुआरे बीच नदी में जाकर मछलियों को पकड़ रहे हैं, इतना ही नहीं इसमें कई मासूम बच्चे भी शामिल हैं।
धसान नदी में तेज बहाव के बीचों-बीच चट्टानों पर बैठकर स्थानीय लोग अपने छोटे-छोटे बच्चों सहित मछलियां पकड़ रहे हैं। नदी में जलस्तर बढ़ने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है और कई जिंदगियां खतरे में पड़ सकती हैं। यहां कुछ दिनों पहले ही बान सुजारा बांध के दो गेट खोले गए थे, जिस वजह धसान नदी में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। नदी में तेज बहाव है, लेकिन इसके बाद भी स्थानीय मछुआरे जान का जोखिम उठाकर मछलियों को पकड़ रहे हैं।
बता दें कि मामले में स्थानीय और जिला प्रशासन भी बेखबर बना हुआ है। इस ओर अभी तक किसी ने कोई ध्यान ही नहीं दिया और न ही दिया जा रहा है। इसे लेकर न तो मुनादी की गई है और न ही एलान किया गया है। हालांकि, जिले में आपदा प्रबंधन को लेकर दो दिन पहले एक बड़ी मीटिंग की गई, जिसमें जिले के तमाम अधिकारी मौजूद थे। पूरे मामले पर अधिकारियों से इस मुद्दे पर बात कर उनका पक्ष जानना चाहा, लेकिन अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।
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