khandwa:-apcr-संस्था-की-जिला-इकाई-का-गठन,-समाज-के-दबे-कुचले-और-मजलूमों-के-हक-के-लिए-लड़ेंगे-कानूनी-लड़ाई
खंडवा में हुआ एपीसीआर संस्था की जिला इकाई का गठन - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us समाज के शोषित और वंचित लोगों को आवश्यकता पड़ने पर कानूनी सहायता मुहैया कराने के साथ ही आम लोगों में कानून के प्रति जागरुकता लाने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश के खंडवा नगर में एपीसीआर संस्था की जिला इकाई का गठन किया गया। दरअसल, एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ़ सिविल राइट्स के नाम से मशहूर यह संस्था मुख्य रूप से देश की राजधानी दिल्ली से संचालित होती है। वहीं, देश भर के कई राज्यों और कई जिलों में इसके कार्यालय मौजूद हैं। जहां से आम लोगों को उनके कानूनी अधिकारों के लिए जागरुक किया जाता है। इसके साथ ही गरीब और मजलूमों के कानूनी अधिकारों की रक्षा के लिए जिला कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक में उनके मुकदमों की पैरवी भी की जाती है। Trending Videos खंडवा नगर के खानशाह वली कॉलोनी क्षेत्र स्थित शहनाई पैलेस में हुए एक कार्यक्रम के दौरान कानून के क्षेत्र में काम करने वाले सामाजिक संगठन एपीसीआर की जिला इकाई का गठन किया गया। जहां संस्था के नव नियुक्त खंडवा जिला अध्यक्ष सैयद अशफाक काजी के साथ ही करीब 15 सदस्यीय स्थानीय टीम मौजूद रही। वहीं, इस दौरान संस्था के भोपाल से आए स्टेट सेक्रेटरी सैयद जावेद अख्तर और इंदौर से आए संस्था के स्टेट कोऑर्डिनेटर जैद पठान के साथ ही भोपाल से आए स्टेट कमेटी के सदस्य तारिक अहमद और अनवर पठान भी मौजूद रहे। इस दौरान बड़ी संख्या में स्टेट टीम से आए सदस्यों को सुनने के लिए आम लोग भी मौजूद रहे। वहीं, इस दौरान शहर के कई गणमान्य नागरिक और जनप्रतिनिधि भी इस कार्यक्रम में श्रोता के रूप में उपस्थित रहे, जिनमें जय नागड़ा, लव जोशी, सलीम पटेल, रियाज हुसैन, अहमद पटेल शामिल रहे। प्रोग्राम की शुरुआत में बोलते हुए एपीसीआर टीम के तारीख अहमद ने बताया कि भारत में नागरिकों को किस तरह के अधिकार दिए गए हैं। इसके साथ ही कानून के बारे में आम लोगों को जानकारी देते हुए उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को आईपीसी और सीआरपीसी की धाराओं के बारे में समझाया। नए कानून में नागरिकों को क्या सुविधाएं मिलेंगी तो वहीं पुलिस को इस कानून के बाद किस तरह से अधिकार दिए गए हैं, इसको लेकर उन्होंने बताया कि अब नए कानून में पुलिस को और अधिक मजबूत किया गया है। उन्होंने बताया कि यदि आपकी एफआईआर दर्ज नहीं होती है तो आप बड़े अधिकारियों के साथ ही न्यायालय का दरवाजा भी खटखटा सकते हैं। वहीं, नए कानून के तहत गलत रिपोर्ट लिखने पर पुलिसकर्मियों पर भी मामला दर्ज कर उन्हें तीन साल की सजा करवाई जा सकती है। वहीं, उन्होंने बताया कि मोबाइल भी अब आपका हथियार बन चुका है। ऐसे समय में आपको अपना मोबाइल अपडेट रखना होगा। इसके साथ ही बगैर नोटिस दिए किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने पर पुलिसकर्मियों पर भी जुर्माना या सजा का प्रावधान किया जा सकता है। साथ ही उन्होंने आईटीआई के बारे में भी कार्यक्रम में मौजूद लोगों को जानकारी दी। इसके बाद वर्तमान परिवेश में आम आदमी पर किस तरह से जुल्म किये जा रहे हैं और इसको लेकर किस तरह से एपीसीआर संस्था की स्थापना की गई। इस पर संस्था के सेक्रेटरी सय्यद जावेद ने बताया कि 2006 में इसकी स्थापना हुई है। उन्होंने बताया कि किस तरह से कुछ साल पहले हुए दंगे के बाद संस्था से जुड़े कुछ लोगों ने देखा कि लोग डर के मारे घरों से बाहर तक नहीं निकल पा रहे हैं और पुलिस तक जाकर अपनी शिकायत तक दर्ज नहीं कर पा रहे थे, जिसके बाद उनके द्वारा लोगों को अपने अधिकारों से जागरुक करने का बीड़ा उठाया और संस्था की स्थापना करते हुए दिल्ली में इसका रजिस्ट्रेशन कराया गया। इसके बाद इसका पूरे देश भर में लोगों को जागरुक करने का प्रोग्राम शुरू किया गया। उन्होंने कहा कि एपीसीआर टीम की कोशिश रहती है कि लोग यदि वाकई में बेकसूर हैं और उन्हें न्याय की दरकार है तो ऐसे लोगों की मदद एपीसीआर हमेशा करता रहा है। यही नहीं उन्होंने उदाहरण देकर बताया कि खंडवा में ही 40 लोगों पर दंगे के जुर्म के चलते गंभीर धारा लगा दी गई। ऐसे में एपीसीआर संस्था ने इस मामले को इंसाफ के लिए लड़ते हुए न्यायालय में पेश किया और वहां से सभी को जमानत दिलवाई। इसी तरह के कई मामलों में जुल्म करने वालों को सजा दिलाते हुए जुर्म सहने वालों को इंसाफ दिलवाया गया है। इसके बाद संस्था के स्टेट कोऑर्डिनेटर जैद पठान ने संस्था की कई उपलब्धियां गिनाते हुए अब तक के संस्था के पूरे कार्यकलापों को आम लोगों के सामने रखा। तो वहीं इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद गणमान्य नागरिकों ने भी कानून से जुड़े अपने संदर्भ आम लोगों को सुनाए, जिनमें शहर काजी सैयद निसार अली के साथ ही वरिष्ठ पत्रकार जय नागड़ा ने किस तरह से कानून से मदद ली जा सकती है, इस बारे में लोगों को जागरुक किया।

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खंडवा में हुआ एपीसीआर संस्था की जिला इकाई का गठन – फोटो : अमर उजाला

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समाज के शोषित और वंचित लोगों को आवश्यकता पड़ने पर कानूनी सहायता मुहैया कराने के साथ ही आम लोगों में कानून के प्रति जागरुकता लाने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश के खंडवा नगर में एपीसीआर संस्था की जिला इकाई का गठन किया गया। दरअसल, एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ़ सिविल राइट्स के नाम से मशहूर यह संस्था मुख्य रूप से देश की राजधानी दिल्ली से संचालित होती है। वहीं, देश भर के कई राज्यों और कई जिलों में इसके कार्यालय मौजूद हैं। जहां से आम लोगों को उनके कानूनी अधिकारों के लिए जागरुक किया जाता है। इसके साथ ही गरीब और मजलूमों के कानूनी अधिकारों की रक्षा के लिए जिला कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक में उनके मुकदमों की पैरवी भी की जाती है।

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खंडवा नगर के खानशाह वली कॉलोनी क्षेत्र स्थित शहनाई पैलेस में हुए एक कार्यक्रम के दौरान कानून के क्षेत्र में काम करने वाले सामाजिक संगठन एपीसीआर की जिला इकाई का गठन किया गया। जहां संस्था के नव नियुक्त खंडवा जिला अध्यक्ष सैयद अशफाक काजी के साथ ही करीब 15 सदस्यीय स्थानीय टीम मौजूद रही। वहीं, इस दौरान संस्था के भोपाल से आए स्टेट सेक्रेटरी सैयद जावेद अख्तर और इंदौर से आए संस्था के स्टेट कोऑर्डिनेटर जैद पठान के साथ ही भोपाल से आए स्टेट कमेटी के सदस्य तारिक अहमद और अनवर पठान भी मौजूद रहे। इस दौरान बड़ी संख्या में स्टेट टीम से आए सदस्यों को सुनने के लिए आम लोग भी मौजूद रहे। वहीं, इस दौरान शहर के कई गणमान्य नागरिक और जनप्रतिनिधि भी इस कार्यक्रम में श्रोता के रूप में उपस्थित रहे, जिनमें जय नागड़ा, लव जोशी, सलीम पटेल, रियाज हुसैन, अहमद पटेल शामिल रहे।

प्रोग्राम की शुरुआत में बोलते हुए एपीसीआर टीम के तारीख अहमद ने बताया कि भारत में नागरिकों को किस तरह के अधिकार दिए गए हैं। इसके साथ ही कानून के बारे में आम लोगों को जानकारी देते हुए उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को आईपीसी और सीआरपीसी की धाराओं के बारे में समझाया। नए कानून में नागरिकों को क्या सुविधाएं मिलेंगी तो वहीं पुलिस को इस कानून के बाद किस तरह से अधिकार दिए गए हैं, इसको लेकर उन्होंने बताया कि अब नए कानून में पुलिस को और अधिक मजबूत किया गया है।

उन्होंने बताया कि यदि आपकी एफआईआर दर्ज नहीं होती है तो आप बड़े अधिकारियों के साथ ही न्यायालय का दरवाजा भी खटखटा सकते हैं। वहीं, नए कानून के तहत गलत रिपोर्ट लिखने पर पुलिसकर्मियों पर भी मामला दर्ज कर उन्हें तीन साल की सजा करवाई जा सकती है। वहीं, उन्होंने बताया कि मोबाइल भी अब आपका हथियार बन चुका है। ऐसे समय में आपको अपना मोबाइल अपडेट रखना होगा। इसके साथ ही बगैर नोटिस दिए किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने पर पुलिसकर्मियों पर भी जुर्माना या सजा का प्रावधान किया जा सकता है। साथ ही उन्होंने आईटीआई के बारे में भी कार्यक्रम में मौजूद लोगों को जानकारी दी।

इसके बाद वर्तमान परिवेश में आम आदमी पर किस तरह से जुल्म किये जा रहे हैं और इसको लेकर किस तरह से एपीसीआर संस्था की स्थापना की गई। इस पर संस्था के सेक्रेटरी सय्यद जावेद ने बताया कि 2006 में इसकी स्थापना हुई है। उन्होंने बताया कि किस तरह से कुछ साल पहले हुए दंगे के बाद संस्था से जुड़े कुछ लोगों ने देखा कि लोग डर के मारे घरों से बाहर तक नहीं निकल पा रहे हैं और पुलिस तक जाकर अपनी शिकायत तक दर्ज नहीं कर पा रहे थे, जिसके बाद उनके द्वारा लोगों को अपने अधिकारों से जागरुक करने का बीड़ा उठाया और संस्था की स्थापना करते हुए दिल्ली में इसका रजिस्ट्रेशन कराया गया।

इसके बाद इसका पूरे देश भर में लोगों को जागरुक करने का प्रोग्राम शुरू किया गया। उन्होंने कहा कि एपीसीआर टीम की कोशिश रहती है कि लोग यदि वाकई में बेकसूर हैं और उन्हें न्याय की दरकार है तो ऐसे लोगों की मदद एपीसीआर हमेशा करता रहा है। यही नहीं उन्होंने उदाहरण देकर बताया कि खंडवा में ही 40 लोगों पर दंगे के जुर्म के चलते गंभीर धारा लगा दी गई। ऐसे में एपीसीआर संस्था ने इस मामले को इंसाफ के लिए लड़ते हुए न्यायालय में पेश किया और वहां से सभी को जमानत दिलवाई। इसी तरह के कई मामलों में जुल्म करने वालों को सजा दिलाते हुए जुर्म सहने वालों को इंसाफ दिलवाया गया है।

इसके बाद संस्था के स्टेट कोऑर्डिनेटर जैद पठान ने संस्था की कई उपलब्धियां गिनाते हुए अब तक के संस्था के पूरे कार्यकलापों को आम लोगों के सामने रखा। तो वहीं इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद गणमान्य नागरिकों ने भी कानून से जुड़े अपने संदर्भ आम लोगों को सुनाए, जिनमें शहर काजी सैयद निसार अली के साथ ही वरिष्ठ पत्रकार जय नागड़ा ने किस तरह से कानून से मदद ली जा सकती है, इस बारे में लोगों को जागरुक किया।

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