‘कोरोनिल’-से-कोरोना-का-इलाज?-बाबा-रामदेव-से-जुड़े-मामले-में-आज-दिल्ली-हाई-कोर्ट-सुनाएगा-फैसला-–-prabhat-khabar
दिल्ली हाई कोर्ट में ‘कोरोनिल’ से कोरोना वायरस का इलाज होने के दावे को लेकर योग गुरु रामदेव के खिलाफ कई चिकित्सक संघों की ओर से दायर याचिका पर आज अपना फैसला सुनाएगा. यह याचिका चिकित्सक संघों द्वारा रामदेव, उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ 2021 में दायर एक मुकदमे का हिस्सा है. न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी ने पक्षकारों की दलीलें सुनीं थीं और इसके बाद 21 मई को इस मुद्दे पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. याचिका में क्या कहा गया है ? याचिका में इस बात का उल्लेख किया गया है कि, रामदेव ने ‘कोरोनिल’ के बारे में निराधार दावे किए थे. उन्होंने कहा था कि यह कोविड​​-19 के इलाज यानी कोरोना संक्रमण के इलाज में कारगर है. याचिका में कहा गया है कि कोरोनिल को केवल प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवा के रूप में लाइसेंस दिया गया था, जबकि रामदेव का दावा इसके ठीक उलट था. वादी पक्ष की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने प्रतिवादियों को भविष्य में इस तरह के बयान देने से रोकने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया है. Read Also : मुझे अपनी पहचान बताने में कोई दिक्कत नहीं तो रहमान को क्यों? बाबा रामदेव ने कहा याचिकाकर्ता की ओर से आरोप लगाया गया है कि बाबा रामदेव ने उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिए एक गलत सूचना अभियान चलाया. इसके साथ ही मार्केटिंग की रणनीति अपनाई, जिसमें ‘कोरोनिल’ भी शामिल था, जिसे कोविड-19 के लिए वैकल्पिक इलाज के रूप में पेश किया गया. हाई कोर्ट ने 27 अक्टूबर 2021 को इस याचिका पर रामदेव और अन्य को नोटिस जारी किया था.

You can share this post!

Related News

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

दिल्ली हाई कोर्ट में ‘कोरोनिल’ से कोरोना वायरस का इलाज होने के दावे को लेकर योग गुरु रामदेव के खिलाफ कई चिकित्सक संघों की ओर से दायर याचिका पर आज अपना फैसला सुनाएगा. यह याचिका चिकित्सक संघों द्वारा रामदेव, उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ 2021 में दायर एक मुकदमे का हिस्सा है. न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी ने पक्षकारों की दलीलें सुनीं थीं और इसके बाद 21 मई को इस मुद्दे पर फैसला सुरक्षित रख लिया था.

याचिका में क्या कहा गया है ? याचिका में इस बात का उल्लेख किया गया है कि, रामदेव ने ‘कोरोनिल’ के बारे में निराधार दावे किए थे. उन्होंने कहा था कि यह कोविड​​-19 के इलाज यानी कोरोना संक्रमण के इलाज में कारगर है. याचिका में कहा गया है कि कोरोनिल को केवल प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवा के रूप में लाइसेंस दिया गया था, जबकि रामदेव का दावा इसके ठीक उलट था. वादी पक्ष की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने प्रतिवादियों को भविष्य में इस तरह के बयान देने से रोकने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया है.

Read Also : मुझे अपनी पहचान बताने में कोई दिक्कत नहीं तो रहमान को क्यों? बाबा रामदेव ने कहा

याचिकाकर्ता की ओर से आरोप लगाया गया है कि बाबा रामदेव ने उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिए एक गलत सूचना अभियान चलाया. इसके साथ ही मार्केटिंग की रणनीति अपनाई, जिसमें ‘कोरोनिल’ भी शामिल था, जिसे कोविड-19 के लिए वैकल्पिक इलाज के रूप में पेश किया गया. हाई कोर्ट ने 27 अक्टूबर 2021 को इस याचिका पर रामदेव और अन्य को नोटिस जारी किया था.