न्यूज डेस्क, अमर उजाला, छतरपुर Published by: अरविंद कुमार Updated Sun, 28 Jul 2024 02: 59 PM IST
छतरपुर। वर्षा की कमी से जूझ रहे छतरपुर जिले में रविवार सुबह गधा-गधी के विवाह का टोटका किया गया। यह शादी शहर के बीच बाजार गांधी चौक में कराई गई। इस दौरान यहां के लोग मजाकिया अंदाज में गधा-गधी पक्ष की भूमिका में नजर आए और इस टोटके के साक्षी बने। इतना ही नहीं इस दौरान गधों को मिठाई खिलाई और बांटी गई। साथ ही ढोल-नगाड़े बजे और गाजे बाजे के साथ जमकर नाच हुआ।
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लोगों की माने तो पहले मेंढक और मेंढकी के विवाह कराए जाते थे, जिससे अच्छी बारिश होने लगती थी, पर इस ट्रैक को चेंज कर दिया है और अन्य शहरों की भांति और दूसरों की देखा-देखी गधा-गधी का विवाह बीच चौराहे पर कराया गया है।
अन्य लोगों की माने तो जैसे अब मजे के लिए कुछ भी करने लगे हैं। नया करने के चक्कर में लोग कुछ भी किए जा रहे हैं। ऐसे तो आने वाले समय में इस तरह से तो परम्पराओं का भी मजाक बनने लगेगा। पहले मेंढक-मेंढकी का विवाह और अब गधा-गधाईया का विवाह महज़ एक उपहास बनकर रह गया है। कई लोगों का कहना है कि इंसान अपने मजे मजाक बनने के लिए इस तरह के काम करता है और टोने-टोटके का सहारा लेता है।
लोगों की मानें तो पहले मेंढक और मेंढकी के विवाह कराए जाते थे, जिससे अच्छी बारिश होने लगती थी, पर इस टोटके को बदल दिया है। अन्य शहरों की भांति और दूसरों की देखा-देखी गधा-गधी का विवाह बीच चौराहे पर कराया गया है। अन्य लोगों की मानें तो जैसे अब मजे के लिए लोग कुछ भी करने लगे हैं। नया करने के चक्कर में लोग कुछ भी किए जा रहे हैं। इस तरह से आने वाले समय में परंपराओं का भी मजाक बनने लगेगा। पहले मेंढक-मेंढकी का विवाह और अब गधा-गधी का विवाह महज एक उपहास बनकर रह गया है।
यहां गधों की बात करें तो पहले गधों को मूर्ख कहा जाता था और लोग इसे देखकर दूर भागते थे, पर अब आलम यह है कि लोग इसे अपने पास लाकर रस्म अदायगी कर रहे हैं। फिर चाहे वह भले ही कुछ समय के लिए ही क्यों न हो। गधों को अपने करीब ला रहे हैं और उनकी आवभगत कर शादियां तक कर और करा रहे हैं। गधा भी सोचता होगा कि चलो हम मेहनत में तो लोगों के काम आते ही हैं, आज इनके इस काम के लिए भी काम आ गए।
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