omkareshwar:-सावन-के-दूसरे-सोमवार-तीर्थ-नगरी-में-होंगे-महाआयोजन,-निकलेंगी-ओंकारेश्वर-ममलेश्वर-की-सवारियां
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, ओंकारेश्वर Published by: दिनेश शर्मा Updated Sun, 28 Jul 2024 04: 56 PM IST श्रावण मास के चलते सोमवार को भगवान ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग का शाम 6 बजे महाशृंगार किया जाएगा। इस समय गर्भगृह को अनेक प्रकार के सुगंधित फूलों से सुसज्जित किया जाएगा। खास बात यह है कि इस दौरान महाशृंगार करने भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन से पंडित यहां पहुंचेंगे।  भगवान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग महादेव मंदिर का दृश्य। - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us देशभर में इस समय पवित्र श्रावण मास चल रहा है। ऐसे में मध्य प्रदेश के खंडवा जिले की धार्मिक तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर में ज्योतिर्लिंग भगवान ओमकारेश्वर और ज्योतिर्लिंग भगवान ममलेश्वर के दर्शन करने भक्तों की भारी भीड़ जुट रही है। दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं को सप्ताह के तीन दिन शनिवार, रविवार और सोमवार को तो करीब तीन से चार घंटे के इंतजार के बाद ही ज्योतिर्लिंग भगवान के दर्शन हो पा रहे हैं। हालांकि मंदिर प्रशासन लगातार श्रद्धालुओं की सुविधा के अनुसार व्यवस्थाएं बनाने में जुटा हुआ है। वहीं रविवार को सप्ताह का छुट्टी वाला दिन होने के चलते करीब 50000 से अधिक भक्तों के तीर्थ नगरी में पहुंचने की संभावना है। जिसको लेकर जिला प्रशासन ने भी विशेष व्यवस्थाएं कर रखी है।  Trending Videos रविवार के दिन यहां सुबह से ही किसी भी वाहन को नगर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है, साथ ही बस स्टैंड तक भी सिर्फ बसों को ही आने की अनुमति है। इसके साथ ही सभी छोटे वाहनों को तो फिलहाल नगर से पांच किलोमीटर पहले ही अस्थाई पार्किंग में पार्क करवाया जा रहा है। दर्शन से पहले किया जाएगा मां नर्मदा में स्नान इधर रविवार और श्रावण मास के दूसरे सोमवार को भी बड़ी संख्या में भगवान ओंकारेश्वर के दर्शन करने यहां पहुंचने वाले भक्त पहले, नर्मदा मैया में स्नान करने के पश्चात ही दोनों प्रमुख मंदिरों में दर्शन करने पहुंचेंगे । जहां पंडित पुजारियों से अभिषेक पूजन करवाकर ओंकार पर्वत की परिक्रमा भी लगाई जाती है। बता दें कि सावन माह में भगवान भोलेनाथ को जल, बेलपत्र, फूल, नारियल इत्यादि का प्रसाद अर्पित किया जाता है। इस के साथ ही सावन माह के दूसरे सोमवार को भी यहां पहुंचने वाले श्रद्धालु मां नर्मदा में स्नान करने के बाद भगवान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग और ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग में पहुंचकर दर्शन लाभ लेंगे।  महा शृंगार करने बाबा महाकाल की नगरी से आएंगे पंडित श्रावण मास के चलते सोमवार को भगवान ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग का शाम 6 बजे महाशृंगार किया जाएगा। इस समय गर्भगृह को अनेक प्रकार के सुगंधित फूलों से सुसज्जित किया जाएगा। खास बात यह है कि इस दौरान महाशृंगार करने भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन से पंडित यहां पहुंचेंगे। जिसके बाद पहले भगवान ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग का नर्मदा के महानिर्वाणी घाट पर दूध, दही, शहद, मिश्री, मक्खन, भांग, और भस्म से महाअभिषेक किया जाएगा। जो कि नर्मदा के तट पर शाम  के समय संपन्न होगा। इसके बाद दोनों ही भगवानों की सवारियां नगर भ्रमण करने निकलेंगी। इस दौरान हजारों भोलेनाथ के भक्त दोनों सवारियों के साथ साथ चलते हुए आगे-आगे बम बम भोले और हर हर महादेव के साथ ही जय जय शिव शंकर के जयकारों के साथ भगवान को नगर भ्रमण करवाएंगे। शाम को होंगे दूर से दर्शन, जल अर्पित करना भी होगा बंद इधर ओंकारेश्वर मंदिर ट्रस्ट के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और पुनासा एसडीएम शिवम प्रजापति सहित सहायक मुख्य कार्यपालन अधिकारी अशोक महाजन ने बताया कि सावन माह के दूसरे सोमवार को मंदिर के पट प्रातः 4 बजे से ही श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए जाएंगे। इसके बाद दोपहर के समय 12: 20 से लेकर 1: 20 तक मंदिर के द्वार बंद कर दिए जाएंगे। वहीं शाम 4 बजे से मंदिर में भगवान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग को जल अर्पित करना भी बंद कर दिया जाएगा। इसके बाद मंदिर की साफ सफाई करने के बाद भगवान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का महा शृंगार किया जाएगा। भगवान का मेवा-मिष्ठान्नों से शृंगार किया जाएगा। शाम 6 बजे से भगवान के दूर से ही दर्शन करवाए जाएंगे। यही नहीं, मंदिर परिसर में ही निकासी द्वार के सामने भगवान को 56 प्रकार के मिष्ठान्नों का महाभोग भी लगाया जाएगा।  भगवान ओंकारेश्वर की सवारी को लेकर इस तरह रहेंगी व्यवस्थाएं इधर मंदिर ट्रस्ट से निकलने वाली सवारियों के प्रभारी आशीष दीक्षित ने बताया कि भगवान ओंकारेश्वर कि सावन माह की दूसरी सवारी मंदिर से आरती पूजा पाठ करने के बाद शाम 4 बजे कोटि तीर्थघाट के लिए रवाना होगी। घाट पर भगवान के पंचमुखी मुखोटे का नर्मदा के जल से स्नान करवाया जाएगा। तत्पश्चात ओंकारेश्वर के वेद आचार्य पंडित राजराजेश्वर दीक्षित के आचार्यत्व में नगर के विद्वान पंडित द्वारा अभिषेक किया जाएगा। भगवान के सभी कार्यक्रम संपूर्ण होने के बाद 6 बजे भगवान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की सवारी नावों में विराजमान होकर नौकाविहार करेगी।  इस वर्ष बदला है सवारियों का रूट बता दें कि प्रतिवर्ष अनुसार भगवान ओकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की सवारी सावन माह के दूसरे सोमवार को गोमुखघाट से विष्णु मंदिर से होते हुए मुख्य बाजार स्थित जेपी चौक पहुंचकर मंदिर में रात्रि विश्राम के लिए जाती है। हालांकि इस मार्ग में परिवर्तन करते हुए इस वर्ष यह सवारीयां बालवाड़ी से पुराने बस स्टैंड होते हुए अपने-अपने मंदिरों को पहुंचेगी। भगवान ओंकारेश्वर की सवारी पुराने पुल से होती हुई, शिवपुरी मुख्य बाजार से मंदिर में रात्रि 10 बजे तक पहुंचेगी। जहां मंदिर के पुजारी पंडित डंकेश्वर दीक्षित द्वारा भगवान कि शयन आरती की जाएगी। इसके बाद भगवान मंदिर में रात्रि विश्राम के लिए चले जाएंगे ।  भगवान ममलेश्वर की सवारी को लेकर इस तरह रहेंगी व्यवस्थाएं श्रावण मास के दूसरे सोमवार को निकलने वाली भगवान ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग की सवारी शाम 4 बजे मंदिर से निकलेगी। इसके बाद करीब 5 बजे महानिर्वाणी घाट पर पहुंचकर सभी धार्मिक अनुष्ठान संपूर्ण किए जाएंगे। पंडित श्रीकांत जोशी ने बताया कि भगवान ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग महादेव का 151 किलो दूध, दही, मिश्री, शहद, मक्खन, भस्म, भांग एवं अन्य प्रकार के धार्मिक द्रव्य से महाभिषेक संपन्न होगा। सभी धार्मिक  कार्यक्रम संपूर्ण होने के बाद भगवान ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग की सवारी शाम 6 बजे भगवान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की सवारी के साथ नौका विहार करेगी।  गुलाब के फूलों की वर्षा कर श्रद्धालु करेंगे सवारी का स्वागत नोका विहार के बाद भगवान की ममलेश्वर की सवारी गोमुखघाट, चंद्रमौलेश्वर, काशी विश्वनाथ मंदिर से होती हुई बालवाड़ी बाजार, पुराना बस स्टैंड, मुख्य बाजार, विष्णु मंदिर, श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा, पुराने पुल के पास से जेपी चौक पहुंचेगी। यहां पर दोनों सवारियों का नगर के लोगों के साथ श्रद्धालु गुलाल एवं गुलाब के फूलों की वर्षा कर भगवान का स्वागत करेंगे। इसके बाद भगवान ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग की सवारी जेपी चौक से गोमुख घाट होते हुए वापस ममलेश्वर मंदिर पहुंचेगी। जहां रात्रि करीब 10 बजे भगवान का विश्राम होगा।   रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi 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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, ओंकारेश्वर Published by: दिनेश शर्मा Updated Sun, 28 Jul 2024 04: 56 PM IST

श्रावण मास के चलते सोमवार को भगवान ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग का शाम 6 बजे महाशृंगार किया जाएगा। इस समय गर्भगृह को अनेक प्रकार के सुगंधित फूलों से सुसज्जित किया जाएगा। खास बात यह है कि इस दौरान महाशृंगार करने भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन से पंडित यहां पहुंचेंगे।  भगवान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग महादेव मंदिर का दृश्य। – फोटो : अमर उजाला

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देशभर में इस समय पवित्र श्रावण मास चल रहा है। ऐसे में मध्य प्रदेश के खंडवा जिले की धार्मिक तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर में ज्योतिर्लिंग भगवान ओमकारेश्वर और ज्योतिर्लिंग भगवान ममलेश्वर के दर्शन करने भक्तों की भारी भीड़ जुट रही है। दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं को सप्ताह के तीन दिन शनिवार, रविवार और सोमवार को तो करीब तीन से चार घंटे के इंतजार के बाद ही ज्योतिर्लिंग भगवान के दर्शन हो पा रहे हैं। हालांकि मंदिर प्रशासन लगातार श्रद्धालुओं की सुविधा के अनुसार व्यवस्थाएं बनाने में जुटा हुआ है। वहीं रविवार को सप्ताह का छुट्टी वाला दिन होने के चलते करीब 50000 से अधिक भक्तों के तीर्थ नगरी में पहुंचने की संभावना है। जिसको लेकर जिला प्रशासन ने भी विशेष व्यवस्थाएं कर रखी है। 

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रविवार के दिन यहां सुबह से ही किसी भी वाहन को नगर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है, साथ ही बस स्टैंड तक भी सिर्फ बसों को ही आने की अनुमति है। इसके साथ ही सभी छोटे वाहनों को तो फिलहाल नगर से पांच किलोमीटर पहले ही अस्थाई पार्किंग में पार्क करवाया जा रहा है।

दर्शन से पहले किया जाएगा मां नर्मदा में स्नान
इधर रविवार और श्रावण मास के दूसरे सोमवार को भी बड़ी संख्या में भगवान ओंकारेश्वर के दर्शन करने यहां पहुंचने वाले भक्त पहले, नर्मदा मैया में स्नान करने के पश्चात ही दोनों प्रमुख मंदिरों में दर्शन करने पहुंचेंगे । जहां पंडित पुजारियों से अभिषेक पूजन करवाकर ओंकार पर्वत की परिक्रमा भी लगाई जाती है। बता दें कि सावन माह में भगवान भोलेनाथ को जल, बेलपत्र, फूल, नारियल इत्यादि का प्रसाद अर्पित किया जाता है। इस के साथ ही सावन माह के दूसरे सोमवार को भी यहां पहुंचने वाले श्रद्धालु मां नर्मदा में स्नान करने के बाद भगवान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग और ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग में पहुंचकर दर्शन लाभ लेंगे। 

महा शृंगार करने बाबा महाकाल की नगरी से आएंगे पंडित
श्रावण मास के चलते सोमवार को भगवान ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग का शाम 6 बजे महाशृंगार किया जाएगा। इस समय गर्भगृह को अनेक प्रकार के सुगंधित फूलों से सुसज्जित किया जाएगा। खास बात यह है कि इस दौरान महाशृंगार करने भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन से पंडित यहां पहुंचेंगे। जिसके बाद पहले भगवान ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग का नर्मदा के महानिर्वाणी घाट पर दूध, दही, शहद, मिश्री, मक्खन, भांग, और भस्म से महाअभिषेक किया जाएगा। जो कि नर्मदा के तट पर शाम  के समय संपन्न होगा। इसके बाद दोनों ही भगवानों की सवारियां नगर भ्रमण करने निकलेंगी। इस दौरान हजारों भोलेनाथ के भक्त दोनों सवारियों के साथ साथ चलते हुए आगे-आगे बम बम भोले और हर हर महादेव के साथ ही जय जय शिव शंकर के जयकारों के साथ भगवान को नगर भ्रमण करवाएंगे।

शाम को होंगे दूर से दर्शन, जल अर्पित करना भी होगा बंद
इधर ओंकारेश्वर मंदिर ट्रस्ट के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और पुनासा एसडीएम शिवम प्रजापति सहित सहायक मुख्य कार्यपालन अधिकारी अशोक महाजन ने बताया कि सावन माह के दूसरे सोमवार को मंदिर के पट प्रातः 4 बजे से ही श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए जाएंगे। इसके बाद दोपहर के समय 12: 20 से लेकर 1: 20 तक मंदिर के द्वार बंद कर दिए जाएंगे। वहीं शाम 4 बजे से मंदिर में भगवान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग को जल अर्पित करना भी बंद कर दिया जाएगा। इसके बाद मंदिर की साफ सफाई करने के बाद भगवान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का महा शृंगार किया जाएगा। भगवान का मेवा-मिष्ठान्नों से शृंगार किया जाएगा। शाम 6 बजे से भगवान के दूर से ही दर्शन करवाए जाएंगे। यही नहीं, मंदिर परिसर में ही निकासी द्वार के सामने भगवान को 56 प्रकार के मिष्ठान्नों का महाभोग भी लगाया जाएगा। 

भगवान ओंकारेश्वर की सवारी को लेकर इस तरह रहेंगी व्यवस्थाएं
इधर मंदिर ट्रस्ट से निकलने वाली सवारियों के प्रभारी आशीष दीक्षित ने बताया कि भगवान ओंकारेश्वर कि सावन माह की दूसरी सवारी मंदिर से आरती पूजा पाठ करने के बाद शाम 4 बजे कोटि तीर्थघाट के लिए रवाना होगी। घाट पर भगवान के पंचमुखी मुखोटे का नर्मदा के जल से स्नान करवाया जाएगा। तत्पश्चात ओंकारेश्वर के वेद आचार्य पंडित राजराजेश्वर दीक्षित के आचार्यत्व में नगर के विद्वान पंडित द्वारा अभिषेक किया जाएगा। भगवान के सभी कार्यक्रम संपूर्ण होने के बाद 6 बजे भगवान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की सवारी नावों में विराजमान होकर नौकाविहार करेगी। 

इस वर्ष बदला है सवारियों का रूट
बता दें कि प्रतिवर्ष अनुसार भगवान ओकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की सवारी सावन माह के दूसरे सोमवार को गोमुखघाट से विष्णु मंदिर से होते हुए मुख्य बाजार स्थित जेपी चौक पहुंचकर मंदिर में रात्रि विश्राम के लिए जाती है। हालांकि इस मार्ग में परिवर्तन करते हुए इस वर्ष यह सवारीयां बालवाड़ी से पुराने बस स्टैंड होते हुए अपने-अपने मंदिरों को पहुंचेगी। भगवान ओंकारेश्वर की सवारी पुराने पुल से होती हुई, शिवपुरी मुख्य बाजार से मंदिर में रात्रि 10 बजे तक पहुंचेगी। जहां मंदिर के पुजारी पंडित डंकेश्वर दीक्षित द्वारा भगवान कि शयन आरती की जाएगी। इसके बाद भगवान मंदिर में रात्रि विश्राम के लिए चले जाएंगे । 

भगवान ममलेश्वर की सवारी को लेकर इस तरह रहेंगी व्यवस्थाएं
श्रावण मास के दूसरे सोमवार को निकलने वाली भगवान ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग की सवारी शाम 4 बजे मंदिर से निकलेगी। इसके बाद करीब 5 बजे महानिर्वाणी घाट पर पहुंचकर सभी धार्मिक अनुष्ठान संपूर्ण किए जाएंगे। पंडित श्रीकांत जोशी ने बताया कि भगवान ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग महादेव का 151 किलो दूध, दही, मिश्री, शहद, मक्खन, भस्म, भांग एवं अन्य प्रकार के धार्मिक द्रव्य से महाभिषेक संपन्न होगा। सभी धार्मिक  कार्यक्रम संपूर्ण होने के बाद भगवान ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग की सवारी शाम 6 बजे भगवान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की सवारी के साथ नौका विहार करेगी। 

गुलाब के फूलों की वर्षा कर श्रद्धालु करेंगे सवारी का स्वागत
नोका विहार के बाद भगवान की ममलेश्वर की सवारी गोमुखघाट, चंद्रमौलेश्वर, काशी विश्वनाथ मंदिर से होती हुई बालवाड़ी बाजार, पुराना बस स्टैंड, मुख्य बाजार, विष्णु मंदिर, श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा, पुराने पुल के पास से जेपी चौक पहुंचेगी। यहां पर दोनों सवारियों का नगर के लोगों के साथ श्रद्धालु गुलाल एवं गुलाब के फूलों की वर्षा कर भगवान का स्वागत करेंगे। इसके बाद भगवान ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग की सवारी जेपी चौक से गोमुख घाट होते हुए वापस ममलेश्वर मंदिर पहुंचेगी। जहां रात्रि करीब 10 बजे भगवान का विश्राम होगा।
 

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