mp-news-:-प्रदेश-के-कॉलेजों-की-बागडोर-संभाले-वाले-अतिथि-विद्वानों-ने-सरकार-से-लगाई-गुहार,-फिक्स-वेतन-की-मांग
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: संदीप तिवारी Updated Sun, 28 Jul 2024 08: 53 PM IST  मध्य प्रदेश के कॉलेजों की बागडोर संभाले वाले अतिथि विद्वानों ने एक बार फिर से सरकार से गुहार लगाई है।अतिथि विद्वानों ने सरकार से फिक्स वेतन और,स्थाईत्व की मांग की है।  2019 में शुरु हुआ अतिथि विद्वानों का आंदोलन - फोटो : SOCIAL MEDIA विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें मध्य प्रदेश के कॉलेजों में सालों से अपनी सेवाएं देने वाले तिथि विद्वानों ने सरकार से एक बार फिर से गुहार लगाई है। भाजपा सरकार से अपने भविष्य सुरक्षित करने की मांग की है। जुलाई माह से फिर प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग एवं कॉलेजों का नया सत्र शुरू हो गया है जिसमें वही पूर्व से कार्य कर रहे अतिथि विद्वानों को उन्ही सेवा शर्तों में विधिवत कंटिन्यू कर दिया गया है।अतिथि विद्वान महासंघ ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए सरकार से मांग की है कि दिहाड़ी मजदूरी एवं शोषणकारी अतिथि नाम से छुटकारा दिया जाए साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं उस समय के उच्च शिक्षा मंत्री  वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने जो घोषणा एलान वादा किये थे कि इनको फिक्स वेतन एवं निकाला नही जाएगा स्थाई किया जाएगा उसका आदेश जारी करें। Trending Videos सार्थक एप को लेकर तनातनी  वहीं कॉलजों में इस समय प्राध्यापकों एवं सरकार के बीच काफ़ी तनातनी देखने को मिल रही है।जबसे विभाग ने सार्थक एप से अटेंडेंस का आदेश जारी किया है तबसे काफ़ी आक्रोश प्राध्यापकों में देखा जा रहा है।वहीं अतिथि विद्वान महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ देवराज सिंह ने बयान जारी करते हुए कहा कि अतिथि विद्वानों के भरोसे ही कॉलेज संचालित हो रहे हैं प्रदेश के।सार्थक एप से कोई गुरेज नही।अतिथि विद्वान पूरी तन्मयता लगन के साथ सेवा करते हैं।वहीं डॉ सिंह ने कहा कि सरकार की घोषणाओं का क्या जो फिक्स वेतन एवं स्थाई/नियमित/सनयोजन का वादा किया गया है महापंचायत में।इस तरफ़ सरकार को शीर्ष अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए। महापंचायत की घोषणा पूरी ना होने से खफ़ा है अतिथि विद्वान अतिथि विद्वान महासंघ के मीडिया प्रभारी डॉ आशीष पांडेय कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह एवं डॉ मोहन यादव उच्च शिक्षा मंत्री रहते महापंचायत में फ़िक्स मासिक वेतन एवं स्थाई,नियमित,समायोजन का वादा किए थे घोषणा करके लेकिन विभागीय आदेश ने उन घोषणाओं की धज्जियां उड़ाते हुए वही दिहाड़ी मजदूरी एवं स्थाई/नियमित/समायोजन को विलोपित करते हुए आदेश जारी किया जिससे प्रदेश के अतिथि विद्वान अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं।  प्रवेश,परीक्षा,प्रबंधन,अध्यापन,नैक,मूल्यांकन,रूसा आदि समस्त कार्य अतिथि विद्वान वर्षों से कर रहे है फिर भी स्थाई नही।अतिथि कोई दो-चार दिन होता यहां तो दो दशक से अतिथि ही रह गए।फ़िक्स वेतन एवं स्थाई/नियमित/समायोजन करे सरकार रिक्त पदों में सेवा कर रहे अतिथि विद्वानों को और अपना वादा पूरा करे। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

You can share this post!

Related News

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: संदीप तिवारी Updated Sun, 28 Jul 2024 08: 53 PM IST

 मध्य प्रदेश के कॉलेजों की बागडोर संभाले वाले अतिथि विद्वानों ने एक बार फिर से सरकार से गुहार लगाई है।अतिथि विद्वानों ने सरकार से फिक्स वेतन और,स्थाईत्व की मांग की है।  2019 में शुरु हुआ अतिथि विद्वानों का आंदोलन – फोटो : SOCIAL MEDIA

विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें

मध्य प्रदेश के कॉलेजों में सालों से अपनी सेवाएं देने वाले तिथि विद्वानों ने सरकार से एक बार फिर से गुहार लगाई है। भाजपा सरकार से अपने भविष्य सुरक्षित करने की मांग की है। जुलाई माह से फिर प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग एवं कॉलेजों का नया सत्र शुरू हो गया है जिसमें वही पूर्व से कार्य कर रहे अतिथि विद्वानों को उन्ही सेवा शर्तों में विधिवत कंटिन्यू कर दिया गया है।अतिथि विद्वान महासंघ ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए सरकार से मांग की है कि दिहाड़ी मजदूरी एवं शोषणकारी अतिथि नाम से छुटकारा दिया जाए साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं उस समय के उच्च शिक्षा मंत्री  वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने जो घोषणा एलान वादा किये थे कि इनको फिक्स वेतन एवं निकाला नही जाएगा स्थाई किया जाएगा उसका आदेश जारी करें।

Trending Videos

सार्थक एप को लेकर तनातनी 
वहीं कॉलजों में इस समय प्राध्यापकों एवं सरकार के बीच काफ़ी तनातनी देखने को मिल रही है।जबसे विभाग ने सार्थक एप से अटेंडेंस का आदेश जारी किया है तबसे काफ़ी आक्रोश प्राध्यापकों में देखा जा रहा है।वहीं अतिथि विद्वान महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ देवराज सिंह ने बयान जारी करते हुए कहा कि अतिथि विद्वानों के भरोसे ही कॉलेज संचालित हो रहे हैं प्रदेश के।सार्थक एप से कोई गुरेज नही।अतिथि विद्वान पूरी तन्मयता लगन के साथ सेवा करते हैं।वहीं डॉ सिंह ने कहा कि सरकार की घोषणाओं का क्या जो फिक्स वेतन एवं स्थाई/नियमित/सनयोजन का वादा किया गया है महापंचायत में।इस तरफ़ सरकार को शीर्ष अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए।

महापंचायत की घोषणा पूरी ना होने से खफ़ा है अतिथि विद्वान
अतिथि विद्वान महासंघ के मीडिया प्रभारी डॉ आशीष पांडेय कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह एवं डॉ मोहन यादव उच्च शिक्षा मंत्री रहते महापंचायत में फ़िक्स मासिक वेतन एवं स्थाई,नियमित,समायोजन का वादा किए थे घोषणा करके लेकिन विभागीय आदेश ने उन घोषणाओं की धज्जियां उड़ाते हुए वही दिहाड़ी मजदूरी एवं स्थाई/नियमित/समायोजन को विलोपित करते हुए आदेश जारी किया जिससे प्रदेश के अतिथि विद्वान अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं।  प्रवेश,परीक्षा,प्रबंधन,अध्यापन,नैक,मूल्यांकन,रूसा आदि समस्त कार्य अतिथि विद्वान वर्षों से कर रहे है फिर भी स्थाई नही।अतिथि कोई दो-चार दिन होता यहां तो दो दशक से अतिथि ही रह गए।फ़िक्स वेतन एवं स्थाई/नियमित/समायोजन करे सरकार रिक्त पदों में सेवा कर रहे अतिथि विद्वानों को और अपना वादा पूरा करे।

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

Posted in MP