indore-news:-युगपुरुष-धाम-के-अध्यक्ष,-सचिव-और-संचालिका-को-हटाया,-दस-बच्चों-की-मौत-पर-कलेक्टर-का-एक्शन
चाचा नेहरू अस्पताल में बच्चों को देखने पहुंचे थे इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह। - फोटो : अमर उजाला, डिजिटल, इंदौर विस्तार Follow Us इंदौर के युग पुरुष धाम आश्रम में 30 जून से 5 जुलाई के बीच 10 दिव्यांग बच्चों की मौत हो गई थी। जिला प्रशासन ने आश्रम प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसके बाद उच्च स्तरीय जांच कमेटी ने रिपोर्ट दी है जिसमें आश्रम प्रबंधन को दोषी ठहराया गया है। कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि आश्रम के अध्यक्ष, सचिव और संचालिका को पद से हटा दिया गया है। बाल आयोग और शासन को रिपोर्ट भेजी गई है। आगे की कार्रवाई कानूनी सलाह और आयोग/शासन के निर्देशों के आधार पर की जाएगी। Trending Videos इस मामले में आश्रम प्रबंधन पर लापरवाही और अनियमितताओं का आरोप है। बताया जा रहा है कि बच्चों को अधिक संख्या में रखा गया था और उन्हें उचित चिकित्सा देखभाल नहीं मिली। कुछ बच्चों के शवों को बिना पोस्टमार्टम किए परिजन को सौंप दिया गया था। बच्चों की मौत के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है क्योंकि पोस्टमार्टम नहीं किया गया था। केंद्र सरकार का दल भी कर रहा जांच यह आश्रम 15 सालों से काम कर रहा था। आश्रम को अनुदान राशि दी जाती थी, जिसमें भी नियमों का उल्लंघन पाया गया है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा भी जांच की जा रही है। आश्रम ने वित्तीय लेनदेन से संबंधित जानकारी अभी तक नहीं दी है।  आश्रम प्रबंधन का दावा 5 बिंदुओं में जवाब पेश करते हुए, आश्रम प्रबंधन ने मौतों का कारण डिहाइड्रेशन और डायरिया बताया है। खराब मौसम को "प्राकृतिक आपदा" बताया गया है जिसके कारण यह स्थिति पैदा हुई। जांच में मिली खामियां उच्च स्तरीय जांच कमेटी ने आश्रम प्रबंधन पर लापरवाही और अनियमितताओं का आरोप लगाया है। अतिरिक्त बच्चों को रखने और उचित चिकित्सा देखभाल न देने के प्रमाण मिले हैं। कुछ बच्चों के शवों को बिना पोस्टमार्टम किए परिजनों को सौंप दिया गया था। विरोधाभास आश्रम प्रबंधन द्वारा डिहाइड्रेशन और डायरिया को मौत का कारण बताना, अनियमितताओं और अनुचित देखभाल के आरोपों के साथ विरोधाभासी लगता है। खराब मौसम को "प्राकृतिक आपदा" बताना जवाबदेही से बचने का एक प्रयास प्रतीत होता है।  

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चाचा नेहरू अस्पताल में बच्चों को देखने पहुंचे थे इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह। – फोटो : अमर उजाला, डिजिटल, इंदौर

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इंदौर के युग पुरुष धाम आश्रम में 30 जून से 5 जुलाई के बीच 10 दिव्यांग बच्चों की मौत हो गई थी। जिला प्रशासन ने आश्रम प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसके बाद उच्च स्तरीय जांच कमेटी ने रिपोर्ट दी है जिसमें आश्रम प्रबंधन को दोषी ठहराया गया है। कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि आश्रम के अध्यक्ष, सचिव और संचालिका को पद से हटा दिया गया है। बाल आयोग और शासन को रिपोर्ट भेजी गई है। आगे की कार्रवाई कानूनी सलाह और आयोग/शासन के निर्देशों के आधार पर की जाएगी।

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इस मामले में आश्रम प्रबंधन पर लापरवाही और अनियमितताओं का आरोप है। बताया जा रहा है कि बच्चों को अधिक संख्या में रखा गया था और उन्हें उचित चिकित्सा देखभाल नहीं मिली। कुछ बच्चों के शवों को बिना पोस्टमार्टम किए परिजन को सौंप दिया गया था। बच्चों की मौत के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है क्योंकि पोस्टमार्टम नहीं किया गया था।

केंद्र सरकार का दल भी कर रहा जांच
यह आश्रम 15 सालों से काम कर रहा था। आश्रम को अनुदान राशि दी जाती थी, जिसमें भी नियमों का उल्लंघन पाया गया है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा भी जांच की जा रही है। आश्रम ने वित्तीय लेनदेन से संबंधित जानकारी अभी तक नहीं दी है। 

आश्रम प्रबंधन का दावा
5 बिंदुओं में जवाब पेश करते हुए, आश्रम प्रबंधन ने मौतों का कारण डिहाइड्रेशन और डायरिया बताया है। खराब मौसम को “प्राकृतिक आपदा” बताया गया है जिसके कारण यह स्थिति पैदा हुई।

जांच में मिली खामियां
उच्च स्तरीय जांच कमेटी ने आश्रम प्रबंधन पर लापरवाही और अनियमितताओं का आरोप लगाया है। अतिरिक्त बच्चों को रखने और उचित चिकित्सा देखभाल न देने के प्रमाण मिले हैं। कुछ बच्चों के शवों को बिना पोस्टमार्टम किए परिजनों को सौंप दिया गया था।

विरोधाभास
आश्रम प्रबंधन द्वारा डिहाइड्रेशन और डायरिया को मौत का कारण बताना, अनियमितताओं और अनुचित देखभाल के आरोपों के साथ विरोधाभासी लगता है। खराब मौसम को “प्राकृतिक आपदा” बताना जवाबदेही से बचने का एक प्रयास प्रतीत होता है।
 

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