न्यूज डेस्क, अमर उजाला, ओंकारेश्वर Published by: दिनेश शर्मा Updated Sun, 21 Jul 2024 10: 30 PM IST
गुरुपूर्णिमा पर्व के अवसर पर भगवान ओंकारेश्वर ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के पट सुबह 4: 30 बजे ही श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए गए थे। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने ओंकारेश्वर पहुंचकर नर्मदा स्नान किया और भगवान ओंकारेश्वर ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में दर्शन किए। ओंकार पर्वत की परिक्रमा भी लगाई।
बता दें कि श्रद्धालुओं का आगमन रविवार सुबह से ही शुरू हो गया था। दादाजी दरबार खंडवा में दर्शन करने के बाद श्रद्धालु ओंकारेश्वर पहुंचे। पूरे दिन मंदिरों में लंबी-लंबी लाइनों में श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। पुनासा एसडीएम मंदिर ट्रस्ट के मुख्य कार्यपालन अधिकारी शिवम प्रजापति और सहायक कार्यपालन अधिकारी अशोक महाजन ने जानकारी दी कि गुरु पूर्णिमा के दिन श्रद्धालुओं की दर्शन का सिलसिला लगातार चलता रहा। 12: 20 बजे भगवान को भोग के समय मंदिर के पट बंद होने के कारण कुछ भीड़ का दबाव मंदिर के साधारण द्वार पर हुआ, लेकिन सभी श्रद्धालुओं को दर्शन करवाए गए। प्रशासन ने भी श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए रविवार सुबह से ही वाहनों के नगर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था।
गुरुपूर्णिमा का महापर्व ओंकारेश्वर में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। महानिर्माण अखाड़े में महंत श्री कैलाश भारतीजी, मार्कंडेय संन्यास आश्रम में श्री प्रणवानंद जी, अन्नपूर्णा मंदिर महामंडलेश्वर श्री सच्चिदानंद जी, नरसिंह टेकरी में महंत श्री श्याम सुंदरदास जी, जोड़ गणपति हनुमान मंदिर में महंत मंगलदास जी त्यागी महाराजों के सानिध्य में गुरुपूर्णिमा का पर्व मनाया गया। नर्मदा कावेरी संगमघाट पर स्थित ऋणमुक्तेश्वर मंदिर सहित नर्मदा तट के अनेकों घाटों पर बने मठ, मंदिर और आश्रमों में भी गुरुपूर्णिमा का पर्व मनाया गया। सभी आश्रमों में भक्तों के लिए भोजन प्रसादी का इंतजाम किया गया था, जिसमें सभी ने प्रसादी ग्रहण की।
एसडीएम शिवम प्रजापति ने बताया कि तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर में श्रद्धालुओं और भक्तों के लिए प्रशासन द्वारा सरल, सुलभ और व्यवस्थित तरीके से सभी व्यवस्थाएं की गई थीं। सोमवार को सभी प्रकार के वाहनों की पार्किंग ओंकारेश्वर से 5 किलोमीटर पहले निर्धारित स्थानों पर की जाएगी। बसों से भक्तों को लाया जाएगा। ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर मंदिर प्रातः 4 बजे खुलेगा और संध्या कालीन आरती के पश्चात समस्त श्रद्धालुओं को दर्शन के बाद मंदिर बंद किया जाएगा। सोमवार को नौका विहार संपूर्ण तरीके से बंद रहेगा और शनिवार-रविवार को श्रद्धालुओं की स्थिति एवं समय के अनुसार नौका विहार बंद या चालू किया जा सकता है। नगरवासी अपने-अपने वाहन स्वयं के पार्किंग स्थान पर लगाएंगे, अन्यथा आम रास्ते पर मिलने वाले वाहनों को जब्त कर पुलिस थाने पहुंचाया जाएगा और प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
ओंकारेश्वर मंदिर और ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग तक पहुंचने के लिए विभिन्न पदगामी मार्ग निर्धारित किए गए हैं। नए झूला पुल और पुराने ब्रिज के माध्यम से ओंकार पर्वत की परिक्रमा की जा सकती है। प्रशासन ने सुनिश्चित किया कि किसी को भी परेशानी का सामना ना करना पड़े।
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