न्यूज डेस्क, अमर उजाला, ग्वालियर Published by: शबाहत हुसैन Updated Sat, 20 Jul 2024 11: 34 AM IST
MP: जिले में खाद का संकट इस बार भी बना है। जब मुरैना के सांसद केंद्र सरकार के कृषि मंत्री थे, तब भी जिले में खाद का संकट था और अब जिले के विधायक एंदल सिंह कंसाना प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री हैं, तब भी किसानों को मांग अनुसार खाद नहीं मिल रहा। लाइन में खड़े लोग – फोटो : अमर उजाला
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खाद की कमी से इन दिनों ग्वालियर-चंबल संभाग के किसान परेशान हैं। जिस किसान को 20 बोरे यूरिया की जरूरत है, उसे पांच से सात-सात घंटे लाइन में लगने के बाद पांच बोरे यूरिया मिल पा रहा है। जिला प्रशासन का दावा है कि खाद भरपूर मात्रा में है, लेकिन वितरण केंद्रों का नजारा यह है कि खाद के लिए मारामारी बढ़ती जा रही है, इसलिए पुलिस सुरक्षा में खाद बंटवाया जा रहा है।
जिला मुख्यालय पर खाद का वितरण एमपी एग्रो के गोदाम के अलावा विपणन संघ के गोदाम से किया जा रहा है। इन दोनों जगहों पर हालत यह है कि सुबह पांच बजे से किसानों की लाइन लगना शुरू हो जाता है। सुबह 10 बजे गोदाम खुलते हैं। पहले किसानों को टोकन के लिए दो से तीन घंटे लाइन में लगना पड़ता है, फिर खाद लेने के लिए कतार में चार से पांच-पांच घंटे तक जूझना पड़ रहा है। एक किसान को आधार कार्ड दिखाने पर पांच बोरे यूरिया मिल रहा है। ऐसे में किसान खाद के लिए घर की महिला, बुजुर्गों को भी लाइन में खड़ा कर रहे हैं, जिससे खेती के लिए भरपूर खाद मिल सके।
वहीं मुरैना जिला मुख्यालय जैसी हालत जौरा और कैलारस में दिख रही है। जौरा व कैलारस में भी खाद के लिए सुबह पांच से छह बजे से ही किसानों की कतारें लग जाती हैं। कई किसान दो से तीन-तीन दिन की जद्दोजहद के पास खाद ले पा रहे हैं। माफिया सक्रिय, बाजार में एक बोरे पर 130 रुपये तक की कालाबाजरी बीते चार साल से मुरैना जिले में खाद का संकट इसी तरह देखा जा रहा है। रवी हो या खरीफ का सीजन हर सीजन में खाद के लिए किसान इसी तरह परेशान होता है। यह देखकर कालाबाजारी भी सक्रिय हो उठते हैं।
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