tikamgarh:-वन-विभाग-ने-80-हेक्टेयर-भूमि-को-अतिक्रमण-से-मुक्त-कराया,-दबंगों-ने-बो-दी-थी-फसल
टीकमगढ़ में वन भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया गया। - फोटो : सोशल मीडिया विस्तार Follow Us टीकमगढ़ जिले के वन क्षेत्र जतारा के अंतर्गत आने वाले करई बीट में वन विभाग की टीम ने 80 हेक्टेयर वन भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया है। यह कार्रवाई वन विभाग को मिली सूचना के आधार पर की गई थी, जिसमें बताया गया था कि कुछ लोगों द्वारा इस क्षेत्र में अतिक्रमण कर फसल की बुवाई की गई है। सोमवार सुबह वन विभाग की टीम ने जेसीबी और ट्रैक्टरों की मदद से खड़ी फसल को नष्ट कर दिया और वन भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया। जतारा रेंज के रेंजर ने बताया कि वन विभाग के आदेश अनुसार यह कार्रवाई की गई है। पौधारोपण की योजना रेंजर ने बताया कि मुक्त कराई गई भूमि पर जल्द ही पौधारोपण किया जाएगा, जिससे इस क्षेत्र में हरियाली और पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित हो सके। यह कदम मध्य प्रदेश शासन के वन क्षेत्र की जमीन को दबंगों से मुक्त कराने के आदेश के तहत उठाया गया है। विरोध और समझाइश अतिक्रमण हटाने के दौरान स्थानीय लोगों ने विरोध किया और महिलाओं को आगे कर दिया। हालांकि, समझाइस के बाद सभी लोग मान गए और अतिक्रमण शांतिपूर्ण तरीके से हटा दिया गया। वन विभाग का प्रयास इस कार्रवाई के तहत सोमवार की सुबह वन क्षेत्र के कर्मचारियों ने करई बीट पर 80 हेक्टेयर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया है, जिससे वन विभाग की जमीन पर पुनः हरियाली लौट सके। इस कदम से वन क्षेत्र की सुरक्षा और संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी।

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टीकमगढ़ में वन भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया गया। – फोटो : सोशल मीडिया

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टीकमगढ़ जिले के वन क्षेत्र जतारा के अंतर्गत आने वाले करई बीट में वन विभाग की टीम ने 80 हेक्टेयर वन भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया है। यह कार्रवाई वन विभाग को मिली सूचना के आधार पर की गई थी, जिसमें बताया गया था कि कुछ लोगों द्वारा इस क्षेत्र में अतिक्रमण कर फसल की बुवाई की गई है।

सोमवार सुबह वन विभाग की टीम ने जेसीबी और ट्रैक्टरों की मदद से खड़ी फसल को नष्ट कर दिया और वन भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया। जतारा रेंज के रेंजर ने बताया कि वन विभाग के आदेश अनुसार यह कार्रवाई की गई है।

पौधारोपण की योजना
रेंजर ने बताया कि मुक्त कराई गई भूमि पर जल्द ही पौधारोपण किया जाएगा, जिससे इस क्षेत्र में हरियाली और पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित हो सके। यह कदम मध्य प्रदेश शासन के वन क्षेत्र की जमीन को दबंगों से मुक्त कराने के आदेश के तहत उठाया गया है।

विरोध और समझाइश
अतिक्रमण हटाने के दौरान स्थानीय लोगों ने विरोध किया और महिलाओं को आगे कर दिया। हालांकि, समझाइस के बाद सभी लोग मान गए और अतिक्रमण शांतिपूर्ण तरीके से हटा दिया गया।

वन विभाग का प्रयास
इस कार्रवाई के तहत सोमवार की सुबह वन क्षेत्र के कर्मचारियों ने करई बीट पर 80 हेक्टेयर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया है, जिससे वन विभाग की जमीन पर पुनः हरियाली लौट सके। इस कदम से वन क्षेत्र की सुरक्षा और संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी।

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