न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: अर्जुन रिछारिया Updated Mon, 15 Jul 2024 01: 31 PM IST
22 जुलाई से सावन (sawan 2024) शुरू होने वाला है। लाखों की संख्या में कांवड़ यात्री और भक्त यहां पहुंचेंगे। 19 अगस्त तक चलने वाले सावन के लिए ओंकारेश्वर (omkareshwar jyotirlinga) में भी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। मप्र के साथ ही देश के कोने कोने से लाखों भक्त इस दौरान यहां पर आएंगे। प्रशासन द्वारा तीर्थयात्रियों के लिए आवास, भोजन और परिवहन की व्यवस्था की जा रही है। सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। इन सबके बीच भीड़ को नियंत्रित करना और इंदौर खंडवा रोड पर लगने वाले जाम को रोकना बड़ी चुनौती नजर आ रहा है। विधायक गोलू शुक्ला ने इस विषय पर कलेक्टर का पत्र लिखा है। इंदौर के संभागायुक्त दीपक सिंह ने भी इस सिलसिले में ओंकारेश्वर में मीटिंग ली है।
विधायक बोले कांवड़ यात्रियों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता
अगले सप्ताह से कांवड़ यात्राएं शुरू होने वाली हैं। कई बार ट्रक और भारी वाहनों की चपेट में आने से कांवड़ियों की जान चली जाती है। अभी पूरे रास्ते में निर्माण कार्य चलने से कांवड़ियों की सुरक्षा की चिंता भी बढ़ गई है। इंदौर के विधायक गोलू शुक्ला ने कहा कि प्रशासन को कांवड़ यात्राओं की सूचना दे दी गई है। हमने कलेक्टर से मांग की है कि एक महीने तक खंडवा रोड पर भारी वाहनों का प्रवेश बंद किया जाए। रास्ते में हो रहे निर्माण और जाम की समस्या से भी अवगत करवा दिया गया है। ट्रैफिक पुलिस और अन्य दल दिन और रात पूरे समय वाहनों की आवाजाही पर नजर रखेंगे।
कई जगह रोके जाएंगे वाहन
संभागायुक्त दीपक सिंह ने इंदौर, खंडवा और खरगोन के अधिकारियों से कहा है कि ओंकारेश्वर में वाहनों की अधिकता होने पर बड़वाह, सनावद एवं मोरटक्का में कुछ समय के लिए उन्हें रोका जाएगा। इसके साथ पार्किंग व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए होल्डिंग एरिया भी विकसित किए जाएंगे, ताकि भीड़ को कंट्रोल किया जा सके।
बारिश में और अधिक जाम बढ़ने की संभावना
इंदौर खंडवा रोड पर लगातार जाम लग रहा है। वाहन चालक घंटों जाम में फंस रहे हैं। यहां पर सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है और जगह जगह गिट्टी, मलबा भी बिखरा हुआ है। पांच से आठ घंटे तक भी लोग जाम में फंस रहे हैं। सावन को देखते हुए प्रशासन ने कई जगह निर्माण कार्य का मलबा हटाया है और अस्थाई व्यवस्था के रूप में सड़कों पर गिट्टी डलवाकर उन्हें समतल करने का प्रयास किया है। हालांकि बारिश आने पर इस सभी मार्गों पर वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
उज्जैन महाकाल लोक (mahakaleshwar temple) आने वाले भक्त भी ओंकारेश्वर जाते हैं
इस बार उज्जैन महाकाल में सावन के दौरान लाखों भक्त देशभर से आएंगे। उज्जैन महाकाल लोक आने वाले भक्त ओंकारेश्वर भी जाते हैं। भक्त दोनों ही ज्योतिर्लिंग में दर्शन करके जाते हैं। बड़ी संख्या में भक्त इंदौर रुककर खजराना गणेश मंदिर भी जाते हैं।
सावन महीने में क्या रहेगा खास
मंदिरों की सजावट: मंदिरों को रंगीन रोशनी, फूलों और मालाओं से सजाया जाएगा।
विशेष पूजा और अनुष्ठान: सावन महीने में कई विशेष पूजा और अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं, जैसे कि भस्म आरती, रुद्राभिषेक, और शिव विवाह।
भक्तों के लिए सुविधाएं: तीर्थयात्रियों के लिए आवास, भोजन और परिवहन की व्यवस्था की जाएगी।
सुरक्षा: भीड़ को नियंत्रित करने और भक्तों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। हर जगह सीसीटीवी कैमरे लगेंगे। बारिश और बाढ़ से निपटने के लिए विशेष टास्क फोर्स तैनात किए जाएंगे।
सावन का विशेष महत्व
सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस महीने में लाखों भक्त देश भर के शिव मंदिरों में दर्शन करने और पूजा अर्चना करने के लिए उमड़ते हैं। मध्य प्रदेश के उज्जैन और ओंकारेश्वर, अपने प्राचीन शिव मंदिरों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। इस दौरान यह दोनों ज्योतिर्लिंग विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र बन जाते हैं।
ओंकारेश्वर मंदिर
यह मप्र में दूसरा ज्योतिर्लिंग है, यहां पर भी सावन में श्रद्धालुओं की भारी संख्या रहती है। मंदिर नर्मदा नदी के द्वीप पर स्थित है, और भक्त नावों से इसकी यात्रा करते हैं। गौरी कुंड में स्नान करना और ओंकारेश्वर और ममलेश्वर ज्योतिर्लिंगों की पूजा करना माना जाता है कि यह पापों को धोता है और मोक्ष प्रदान करता है।
उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर
यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। सावन महीने में यहां पर भक्तों की भारी भीड़ आती है। मंदिर को रंगीन रोशनी और फूलों से सजाया जाता है और विशेष पूजा और अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं। नंदी की प्रतिमा के सामने भक्तों की लंबी कतारें लगती हैं, और “हर हर महादेव” के जयकारे से पूरा माहौल गूंज उठता है।
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