पीयूसी जांच – फोटो : SOCIAL MEDIA
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मध्य प्रदेश में यात्री और व्यावसायिक वाहनों की फिटनेस के नाम पर खानापूर्ति करने वाले पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश में अब ऑटोमेटिक टेस्टिंग सेंटर के माध्यम से वाहनों की फिटनेस अब मशीनों के जरिये होगी। सोमवार 15 जुलाई से परिवहन विभाग भोपाल, ग्वालियर, इंदौर सहित कुछ शहरों में ऑटोमेटिक टेस्टिंग सेंटर के माध्यम से वाहनों की फिटनेस हो सकेगी।परिवहन विभाग ने इसको लेकर तैयारियां लगभग पूरी कर लीं हैं। दरअसल अभी तक वाहन की फोटो खींचकर फिटनेस के नाम पर खानापूर्ति की शिकायतें ज्यादा सामने आतीं हैं और इसके मापदंडों का भी पूरी तरह पालन नहीं होता है।
अब ऐसे होगी वाहनों की जांच अब वाहनों की फिटनेस की जांच सेंसर युक्त मशीनों से होगी। माना जा रहा है कि अब वही वाहन फिटनेस टेस्ट में पास होंगे, जो पूरी तरह से फिट हैं। सोमवार से एटीएस पर ही वाहनों की फिटनेस जांच होगी।
अभी ऐसे होती है वाहनों की फिटनेस
गौरतलब है कि अभी तक आरटीओ कार्यालय में फिटनेस सेंटर में फिटनेस होती है और वाहन की किसी तरह की जांच नहीं की जाती, बस फोटो खींचकर फिटनेस सर्टिफिकेट प्रदान कर दिया जाता है। इसमें भी एजेंट सक्रिय रहते हैं जो शुल्क के अलावा अतिरिक्त राशि लेकर कार्य कराते हैं। अब ऑटोमेटिक मशीनों से फिटनेस की जांच होगी और वाहन की हकीकत में कमी भी दूर हो सकेगी।
वाहन जांच के नए रेट
वाहन श्रेणी- मौजूदा- एटीएस
दोपहिया- 200 400
हल्का वाहन- 400 600
मध्यम/भारी- 600 1000
प्रमुख शहरों में खुलेंगे 11 स्वचलित फिटनेस केंद्र
केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने स्वचलित फिटनेस सेंटर खोलने लिए सितंबर 2021 में अधिसूचना जारी की थी। इसी अधिसूचना के तहत मध्य प्रदेश में पहले चरण 11 स्वचलित फिटनेस केंद्र खोले जाएंगे। वर्तमान में परिवहन कार्यालय में संचालित फिटनेस सेंटर के कैमरे के सामने वाहन को खड़ा किया जाता है और फोटो खींचने के बाद सर्टिफिकेट जारी हो जाता है, लेकिन वाहन की जांच की व्यवस्था नहीं है।
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