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पर्यावरण प्रेमी साइकिल चलाने और पर्यावरण बचाने का देंगे संदेश विस्तार Follow Us पर्यावरण संरक्षण एवं साइकिल के प्रति जागरूकता फैलाने 4 अगस्त 2024 रविवार को चारद्वार यात्रा नगर में निकाली जाएगी। यह यात्रा सोसायटी ऑफ ग्लोबल साइकिल द्वारा संस्था द्वारा निकाली जाएगी। जानकारी देते हुए संस्था के अध्यक्ष उत्कर्ष सिंह सेंगर और सचिव विवेक मेश्राम ने बताया कि संस्था गत तीन वर्ष से पर्यावरण संरक्षण एवं साइकिल के प्रति जागरूकता अभियान के अंतर्गत श्रावण माह में चार द्वार साइकिल यात्रा का आयोजन करती आ रही है। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य समाज में पर्यावरण संरक्षण का सन्देश देना और समाज के प्रत्येक नागरिक को सप्ताह में एक दिन साइकिल चलाने के लिए प्रेरित करना है। साथ ही शहर के युवा वर्ग को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करने और साइकिल के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ उन्हें धार्मिक नगरी उज्जैन के पौराणिक और धार्मिक महत्व से भी अवगत कराना है। चारद्वार साइकिल यात्रा क्या है उत्कर्ष ने बताया कि अब तक तीन बार इस यात्रा का आयोजन हो चुका है। पहली बार वर्ष 2021 में यात्रा निकाली गई थी। 2024 में चौथी चारद्वार साइकिल यात्रा निकाली जाएगी। यह यात्रा उज्जैन नगर की सीमा की रक्षा में चारों दिशाओं में 118 किलोमीटर के पंचक्रोशी मार्ग में शिव रूप में तैनात चार द्वारपाल से जुड़ी है। इन चार द्वारपालों की परिक्रमा साइकिल से एक दिन में की जाती हैं, इसलिए इस यात्रा को चारद्वार साइकिल यात्रा नाम दिया गया है। यह यात्रा साइकिल यात्रियों को धार्मिक, शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत करने का कार्य करती है। इस यात्रा में भाग लेने वाले यात्रियों में सभी आयु वर्ग के लोग शामिल होते हैं। पंचक्रोशी की तरह ही है इस यात्रा का धार्मिक महत्व चारद्वार साइकिल यात्रा-2024 के प्रभारी अमित पंडिया के अनुसार चारद्वार साइकिल यात्रा का धार्मिक महत्व 118 किलोमीटर के पंचक्रोशी मार्ग पर शिव रूप में मौजूद चार द्वारपाल की परिक्रमा करने से ही है। हालांकि हिंदू धर्मशास्त्र में इस तरह की यात्रा का कोई उल्लेख नहीं हैं। इसके बावजूद इस यात्रा का धार्मिक महत्व है, क्योंकि यह यात्रा सावन माह में निकाली जाती है। इस माह में शिव जी की पूजा और दर्शन करने का विशेष महत्व है। यात्रा के दौरान साइकिल यात्री चारों शिव मंदिर पर पूजन-अर्चन कर शिव जी को जल अर्पित करते है। बाबा महाकाल की जयकारे के साथ साइकिल चलाएंगे पर्यावरण बचाएंगे का आव्हान भी करते हैं। जो लोग पंचक्रोशी यात्रा नही कर पाते उनके लिए यह यात्रा किसी धार्मिक यात्रा से कम नहीं है। इसलिए चारद्वार साइकिल यात्रा का धार्मिक महत्व पंचक्रोशी यात्रा की तरह ही है। इस तरह की यात्रा पूरे भारत में केवल उज्जैन में सोसायटी ऑफ ग्लोबल साइकिल द्वारा ही निकाली जाती है। चार दिशा में स्थित उज्जैन के चार द्वार पहला द्वार - पूर्व दिशा में ग्राम पिंगलेश्वर में स्थित पिंगलेश्वर महादेव मंदिर दूसरा द्वार - दक्षिण दिशा में ग्राम करोहन में स्थित कायावरणेश्वर महादेव मंदिर  तीसरा द्वार - पश्चिम दिशा में ग्राम अंबोदिया में स्थित बिलकेश्वर महादेव मंदिर चौथा द्वार - उत्तर दिशा में ग्राम जैथल में स्थित दुर्देश्वर महादेव मंदिर।   साइकिल यात्रा को लेकर चर्चा की गई। 

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पर्यावरण प्रेमी साइकिल चलाने और पर्यावरण बचाने का देंगे संदेश

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पर्यावरण संरक्षण एवं साइकिल के प्रति जागरूकता फैलाने 4 अगस्त 2024 रविवार को चारद्वार यात्रा नगर में निकाली जाएगी। यह यात्रा सोसायटी ऑफ ग्लोबल साइकिल द्वारा संस्था द्वारा निकाली जाएगी।

जानकारी देते हुए संस्था के अध्यक्ष उत्कर्ष सिंह सेंगर और सचिव विवेक मेश्राम ने बताया कि संस्था गत तीन वर्ष से पर्यावरण संरक्षण एवं साइकिल के प्रति जागरूकता अभियान के अंतर्गत श्रावण माह में चार द्वार साइकिल यात्रा का आयोजन करती आ रही है। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य समाज में पर्यावरण संरक्षण का सन्देश देना और समाज के प्रत्येक नागरिक को सप्ताह में एक दिन साइकिल चलाने के लिए प्रेरित करना है। साथ ही शहर के युवा वर्ग को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करने और साइकिल के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ उन्हें धार्मिक नगरी उज्जैन के पौराणिक और धार्मिक महत्व से भी अवगत कराना है।

चारद्वार साइकिल यात्रा क्या है
उत्कर्ष ने बताया कि अब तक तीन बार इस यात्रा का आयोजन हो चुका है। पहली बार वर्ष 2021 में यात्रा निकाली गई थी। 2024 में चौथी चारद्वार साइकिल यात्रा निकाली जाएगी। यह यात्रा उज्जैन नगर की सीमा की रक्षा में चारों दिशाओं में 118 किलोमीटर के पंचक्रोशी मार्ग में शिव रूप में तैनात चार द्वारपाल से जुड़ी है। इन चार द्वारपालों की परिक्रमा साइकिल से एक दिन में की जाती हैं, इसलिए इस यात्रा को चारद्वार साइकिल यात्रा नाम दिया गया है। यह यात्रा साइकिल यात्रियों को धार्मिक, शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत करने का कार्य करती है। इस यात्रा में भाग लेने वाले यात्रियों में सभी आयु वर्ग के लोग शामिल होते हैं।

पंचक्रोशी की तरह ही है इस यात्रा का धार्मिक महत्व
चारद्वार साइकिल यात्रा-2024 के प्रभारी अमित पंडिया के अनुसार चारद्वार साइकिल यात्रा का धार्मिक महत्व 118 किलोमीटर के पंचक्रोशी मार्ग पर शिव रूप में मौजूद चार द्वारपाल की परिक्रमा करने से ही है। हालांकि हिंदू धर्मशास्त्र में इस तरह की यात्रा का कोई उल्लेख नहीं हैं। इसके बावजूद इस यात्रा का धार्मिक महत्व है, क्योंकि यह यात्रा सावन माह में निकाली जाती है। इस माह में शिव जी की पूजा और दर्शन करने का विशेष महत्व है। यात्रा के दौरान साइकिल यात्री चारों शिव मंदिर पर पूजन-अर्चन कर शिव जी को जल अर्पित करते है। बाबा महाकाल की जयकारे के साथ साइकिल चलाएंगे पर्यावरण बचाएंगे का आव्हान भी करते हैं। जो लोग पंचक्रोशी यात्रा नही कर पाते उनके लिए यह यात्रा किसी धार्मिक यात्रा से कम नहीं है। इसलिए चारद्वार साइकिल यात्रा का धार्मिक महत्व पंचक्रोशी यात्रा की तरह ही है। इस तरह की यात्रा पूरे भारत में केवल उज्जैन में सोसायटी ऑफ ग्लोबल साइकिल द्वारा ही निकाली जाती है।

चार दिशा में स्थित उज्जैन के चार द्वार
पहला द्वार – पूर्व दिशा में ग्राम पिंगलेश्वर में स्थित पिंगलेश्वर महादेव मंदिर
दूसरा द्वार – दक्षिण दिशा में ग्राम करोहन में स्थित कायावरणेश्वर महादेव मंदिर 
तीसरा द्वार – पश्चिम दिशा में ग्राम अंबोदिया में स्थित बिलकेश्वर महादेव मंदिर
चौथा द्वार – उत्तर दिशा में ग्राम जैथल में स्थित दुर्देश्वर महादेव मंदिर।
 

साइकिल यात्रा को लेकर चर्चा की गई। 

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