sagar:-सागर-में-बाल-विवाह-की-कोशिश,-एनमौके-पर-रोकी-गई-15-साल-की-बालिका-की-शादी
सागर में बाल विवाह नहीं करने की समझाइश देती टीम - फोटो : सोशल मीडिया विस्तार Follow Us बुंदेलखंड अंचल में कम उम्र में शादी कराने की कुरीति अब भी जारी है, लेकिन प्रशासन की सक्रियता से इस समस्या पर नियंत्रण पाया जा रहा है। हाल ही में एक बार फिर प्रशासन ने एक बाल विवाह को सफलतापूर्वक रुकवा दिया। बता दें कि गौरझामर थाना क्षेत्र के बरकोटी कला गांव में एक प्राचीन मंदिर में 15 साल की नाबालिग बालिका की शादी की तैयारी की जा रही थी। इस बालिका का जन्म 25 अक्टूबर 2009 को हुआ था और उसकी शादी बरकोटी निवासी एक युवक से की जा रही थी। सूचना और कार्रवाई महिला बाल विकास विभाग की देवरी टीम को चाइल्डलाइन और पुलिस की विशेष शाखा सागर द्वारा इस बाल विवाह की सूचना प्राप्त हुई। सूचना मिलने पर महिला बाल विकास विभाग की टीम ने तत्काल कार्रवाई की। टीम में परियोजना अधिकारी बगला नायक और पर्यवेक्षक सरस्वती पटेल शामिल थे, जिन्होंने विवाह स्थल पर पहुंचकर दोनों पक्षों को बाल विवाह के कानून और इसके गंभीर परिणामों के बारे में समझाया। समझाइश और रोकथाम महिला बाल विकास की टीम ने दोनों पक्षों को बालिका के वयस्क होने के बाद ही विवाह करने की सलाह दी। इसके परिणामस्वरूप, दोनों पक्षों ने इस पर सहमति जताई और शादी को तुरंत रोक दिया गया। इसके साथ ही, पुलिस और चाइल्डलाइन ने इस कुरीति को रोकने के लिए स्थानीय लोगों से अपील की और भविष्य में बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता फैलाने की आवश्यकता बताई। इस घटना के दौरान पंचनामा बनाया गया और दोनों पक्षों को कानूनी प्रक्रिया की जानकारी दी गई। महिला बाल विकास की टीम और ग्रामवासी इस पूरी प्रक्रिया में उपस्थित रहे और मामले को निपटाने में सहयोग किया। 

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सागर में बाल विवाह नहीं करने की समझाइश देती टीम – फोटो : सोशल मीडिया

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बुंदेलखंड अंचल में कम उम्र में शादी कराने की कुरीति अब भी जारी है, लेकिन प्रशासन की सक्रियता से इस समस्या पर नियंत्रण पाया जा रहा है। हाल ही में एक बार फिर प्रशासन ने एक बाल विवाह को सफलतापूर्वक रुकवा दिया।

बता दें कि गौरझामर थाना क्षेत्र के बरकोटी कला गांव में एक प्राचीन मंदिर में 15 साल की नाबालिग बालिका की शादी की तैयारी की जा रही थी। इस बालिका का जन्म 25 अक्टूबर 2009 को हुआ था और उसकी शादी बरकोटी निवासी एक युवक से की जा रही थी।

सूचना और कार्रवाई
महिला बाल विकास विभाग की देवरी टीम को चाइल्डलाइन और पुलिस की विशेष शाखा सागर द्वारा इस बाल विवाह की सूचना प्राप्त हुई। सूचना मिलने पर महिला बाल विकास विभाग की टीम ने तत्काल कार्रवाई की। टीम में परियोजना अधिकारी बगला नायक और पर्यवेक्षक सरस्वती पटेल शामिल थे, जिन्होंने विवाह स्थल पर पहुंचकर दोनों पक्षों को बाल विवाह के कानून और इसके गंभीर परिणामों के बारे में समझाया।

समझाइश और रोकथाम
महिला बाल विकास की टीम ने दोनों पक्षों को बालिका के वयस्क होने के बाद ही विवाह करने की सलाह दी। इसके परिणामस्वरूप, दोनों पक्षों ने इस पर सहमति जताई और शादी को तुरंत रोक दिया गया।

इसके साथ ही, पुलिस और चाइल्डलाइन ने इस कुरीति को रोकने के लिए स्थानीय लोगों से अपील की और भविष्य में बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता फैलाने की आवश्यकता बताई। इस घटना के दौरान पंचनामा बनाया गया और दोनों पक्षों को कानूनी प्रक्रिया की जानकारी दी गई। महिला बाल विकास की टीम और ग्रामवासी इस पूरी प्रक्रिया में उपस्थित रहे और मामले को निपटाने में सहयोग किया। 

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