damoh-news:-शिक्षकों-पर-आरोप-छात्रों-के-माता-पिता-के-नाम-में-कर-देते-हैं-गड़बड़,-स्कूल-छोड़-रहे-हैं-छात्र
दमोह जिले के तेजगढ़ से अजीब मामला सामने आया है। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों पर लापरवाही करने के आरोप लगे हैं। छात्रों का कहना है कि उनके नामांकन, माता-पिता के नाम और जन्मतिथि में गड़बड़ की जाती है।   तेजगढ़ हाई स्कूल विस्तार Follow Us दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लाक अंतर्गत आने वाले तेजगढ़ के शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल में शिक्षकों और कर्मचारियों पर लापरवाही के आरोप लगे हैं। इससे छात्र स्कूल से नाम कटवा रहे हैं। हर साल दस से 15 बच्चों के नामांकन और अंक सूची में माता-पिता का का नाम, जाति और जन्मतिथि में गड़बड़ हो जाती है। उसे सुधारने के लिए बच्चों के माता-पिता सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने को मजबूर हो जाते हैं।  कक्षा नौ के छात्र निशांत भट्ट की जन्म तिथि 23/03/2011 है। नामांकन में जन्म दिनांक 23/03/2010 दर्ज कर दी गई। अक्टूबर में नामांकन में जन्मतिथि गड़बड़ हुई तो स्कूल की ओर से अभिभावकों को सूचना नहीं दी गई। 15 अप्रैल तक नामांकन में पोर्टल से सुधार होता रहा, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने ध्यान नहीं दिया। जून माह में नवमी की अंकसूची वितरित की गई। अभिभावक ने गड़बड़ी पकड़ी तो पता चला कि निशांत ही नहीं बल्कि कई छात्रों के रिकॉर्ड में गड़बड़ी की गई है। इस वजह से उनके अभिभावक अब स्कूलों और सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। परेशान होकर निशांत के पिता धर्मेंद्र ने बेटे का दाखिला दूसरे विद्यालय में कर दिया। जिला शिक्षा अधिकारी को भी इस मामले की शिकायत की गई है। अभिभावकों का आरोप है कि प्राचार्य कोई सहयोग नहीं करते। मामले को लेकर तेंदूखेड़ा बीईओ नीतेश पांडे ने कहा कि मैं आज ही तेजगढ़ हाईस्कूल जाकर पूरी जानकारी लेता हूं। जिला शिक्षा अधिकारी एसके नेमा का कहना है कि यदि इस प्रकार की लापरवाही हुई है तो वह मामले की जांच करवाएंगे।  कई बच्चों ने छोड़ दिया स्कूल  धर्मेंद भट्ट ने बताया कि स्कूल में पदस्थ शिक्षक और कर्मचारियों का छात्रों के भविष्य पर कोई ध्यान नहीं है। मेरे बेटे के नामांकन का मामला सामने आया तो मैंने जानकारी निकाली। पता चला कि हर्रई गांव के कई बच्चों को भी दस्तावेजों में सुधार के लिए कई बार स्कूल के चक्कर लगाने पड़े। उनके दस्तावेजों में सुधार नहीं हुआ तो थक-हारकर उन्होंने स्कूल ही छोड़ दिया। जिन छात्रों ने पढ़ाई छोड़ी है, उनमें आकांक्षा निगम, सूरज विश्वकर्मा, आकाश विश्वकर्मा, ओंकार गौड, हेमराज गौड शामिल है। यह गरीब परिवारों के बच्चे हैं जो अंकसूची में सुधार की राशि खर्च नहीं कर पाए।  रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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दमोह जिले के तेजगढ़ से अजीब मामला सामने आया है। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों पर लापरवाही करने के आरोप लगे हैं। छात्रों का कहना है कि उनके नामांकन, माता-पिता के नाम और जन्मतिथि में गड़बड़ की जाती है।   तेजगढ़ हाई स्कूल

विस्तार Follow Us

दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लाक अंतर्गत आने वाले तेजगढ़ के शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल में शिक्षकों और कर्मचारियों पर लापरवाही के आरोप लगे हैं। इससे छात्र स्कूल से नाम कटवा रहे हैं। हर साल दस से 15 बच्चों के नामांकन और अंक सूची में माता-पिता का का नाम, जाति और जन्मतिथि में गड़बड़ हो जाती है। उसे सुधारने के लिए बच्चों के माता-पिता सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने को मजबूर हो जाते हैं। 

कक्षा नौ के छात्र निशांत भट्ट की जन्म तिथि 23/03/2011 है। नामांकन में जन्म दिनांक 23/03/2010 दर्ज कर दी गई। अक्टूबर में नामांकन में जन्मतिथि गड़बड़ हुई तो स्कूल की ओर से अभिभावकों को सूचना नहीं दी गई। 15 अप्रैल तक नामांकन में पोर्टल से सुधार होता रहा, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने ध्यान नहीं दिया। जून माह में नवमी की अंकसूची वितरित की गई। अभिभावक ने गड़बड़ी पकड़ी तो पता चला कि निशांत ही नहीं बल्कि कई छात्रों के रिकॉर्ड में गड़बड़ी की गई है। इस वजह से उनके अभिभावक अब स्कूलों और सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। परेशान होकर निशांत के पिता धर्मेंद्र ने बेटे का दाखिला दूसरे विद्यालय में कर दिया। जिला शिक्षा अधिकारी को भी इस मामले की शिकायत की गई है। अभिभावकों का आरोप है कि प्राचार्य कोई सहयोग नहीं करते। मामले को लेकर तेंदूखेड़ा बीईओ नीतेश पांडे ने कहा कि मैं आज ही तेजगढ़ हाईस्कूल जाकर पूरी जानकारी लेता हूं। जिला शिक्षा अधिकारी एसके नेमा का कहना है कि यदि इस प्रकार की लापरवाही हुई है तो वह मामले की जांच करवाएंगे। 

कई बच्चों ने छोड़ दिया स्कूल 
धर्मेंद भट्ट ने बताया कि स्कूल में पदस्थ शिक्षक और कर्मचारियों का छात्रों के भविष्य पर कोई ध्यान नहीं है। मेरे बेटे के नामांकन का मामला सामने आया तो मैंने जानकारी निकाली। पता चला कि हर्रई गांव के कई बच्चों को भी दस्तावेजों में सुधार के लिए कई बार स्कूल के चक्कर लगाने पड़े। उनके दस्तावेजों में सुधार नहीं हुआ तो थक-हारकर उन्होंने स्कूल ही छोड़ दिया। जिन छात्रों ने पढ़ाई छोड़ी है, उनमें आकांक्षा निगम, सूरज विश्वकर्मा, आकाश विश्वकर्मा, ओंकार गौड, हेमराज गौड शामिल है। यह गरीब परिवारों के बच्चे हैं जो अंकसूची में सुधार की राशि खर्च नहीं कर पाए। 

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