mp-cabinet-expansion:-मोहन-सरकार-में-राम-निवास-रावत-हुए-शामिल,-कैबिनेट-मंत्री-पद-की-ली-शपथ
विधायक रामनिवास रावत - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us कांग्रेस से भाजपा में आए रामनिवास रावत ने सोमवार सुबह कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। इससे डॉ. मोहन यादव सरकार में मुख्यमंत्री समेत 31 मंत्री हो गए हैं। राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने सोमवार सुबह नौ बजे रावत को मंत्री पद की शपथ दिलाई। राजभवन में हुए इस संक्षिप्त कार्यक्रम में मुख्यमंत्री समेत राज्य के कई मंत्री मौजूद रहे।  कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष न बनाए जाने से नाराज चल रहे श्योपुर जिले की विजयपुर सीट से विधायक रामनिवास रावत ने लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा में आमद दी थी। इससे ग्वालियर-चंबल अंचल में भाजपा की स्थिति मजबूत हुई है। फिलहाल रावत ने कांग्रेस विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है। मंत्री बनने के बाद उनका इस्तीफा तय है। इस्तीफा देने के बाद रावत को छह महीने के भीतर विधायक बनना होगा वरना उनका मंत्री पद स्वतः ही खत्म हो जाएगा। कैबिनेट विस्तार के बाद मध्य प्रदेश में कुल मंत्रियों की संख्या 31 हो गई है।  LIVE: राजभवन, भोपाल में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह https://t.co/msDGLgIXHN — Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) July 8, 2024   रावत की जुबान फिसली रावत को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली तो उनकी जुबान फिसल गई। उन्होंने राज्य के मंत्री के बजाय कह दिया कि - "मैं मध्य प्रदेश के राज्यमंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक और शुद्ध अंतःकरण से निर्वहन करूंगा।" इससे गफलत हुई कि वह राज्यमंत्री बनाए गए हैं। हालांकि, बाद में स्पष्ट हुआ कि वे कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं।  कौन हैं रामनिवास रावत  श्योपुर की विजयपुर सीट से विधायक रामनिवास रावत छह बार के विधायक हैं। वह कांग्रेस के उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष बनाने से नाराज थे। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़कर भाजपा की सदस्यता ले ली थी। रावत पहली बार 1990 में विधायक बने थे। वह 1993 में दिग्विजय सिंह कैबिनेट का हिस्सा रहे। रावत को दो बार विधानसभा चुनाव में हार का भी सामना करना पड़ा। 64 वर्षीय रावत ने 2019 में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में लोकसभा का चुनाव भी लड़ा, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। उनके परिवार में पत्नी उमा रावत के अलावा दो बेटे और दो बेटियां है। उनका पेशा वकालत है। उन्होंने बीएससी, एमए, एलएलबी की पढ़ाई की है। ग्वालियर-चंबल में भाजपा की स्थिति होगी मजबूत  छह बार के विधायक रामनिवास रावत को मंत्री बनाने से भाजपा ग्वालियर-चंबल में मजबूत होगी। रावत ओबीसी समुदाय के बड़ा चेहरा माने जाते हैं। मंत्री बनने से रावत का स्वाभाविक रूप से कद बढ़ेगा। कांग्रेस के तेजतर्रार नेताओं में उनकी गिनती होती है। इसका फायदा भाजपा को पूरे अंचल में मिलेगा। रावत ने 30 अप्रैल को पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ली थी। रविवार को रावत ने भागवत कथा के लिए कलश यात्रा का आयोजन किया था। इस बीच शाम को उन्हें भोपाल बुलाया गया। 

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विधायक रामनिवास रावत – फोटो : अमर उजाला

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कांग्रेस से भाजपा में आए रामनिवास रावत ने सोमवार सुबह कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। इससे डॉ. मोहन यादव सरकार में मुख्यमंत्री समेत 31 मंत्री हो गए हैं। राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने सोमवार सुबह नौ बजे रावत को मंत्री पद की शपथ दिलाई। राजभवन में हुए इस संक्षिप्त कार्यक्रम में मुख्यमंत्री समेत राज्य के कई मंत्री मौजूद रहे। 

कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष न बनाए जाने से नाराज चल रहे श्योपुर जिले की विजयपुर सीट से विधायक रामनिवास रावत ने लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा में आमद दी थी। इससे ग्वालियर-चंबल अंचल में भाजपा की स्थिति मजबूत हुई है। फिलहाल रावत ने कांग्रेस विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है। मंत्री बनने के बाद उनका इस्तीफा तय है। इस्तीफा देने के बाद रावत को छह महीने के भीतर विधायक बनना होगा वरना उनका मंत्री पद स्वतः ही खत्म हो जाएगा। कैबिनेट विस्तार के बाद मध्य प्रदेश में कुल मंत्रियों की संख्या 31 हो गई है। 

LIVE: राजभवन, भोपाल में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह https://t.co/msDGLgIXHN

— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) July 8, 2024
 
रावत की जुबान फिसली
रावत को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली तो उनकी जुबान फिसल गई। उन्होंने राज्य के मंत्री के बजाय कह दिया कि – “मैं मध्य प्रदेश के राज्यमंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक और शुद्ध अंतःकरण से निर्वहन करूंगा।” इससे गफलत हुई कि वह राज्यमंत्री बनाए गए हैं। हालांकि, बाद में स्पष्ट हुआ कि वे कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं। 

कौन हैं रामनिवास रावत 
श्योपुर की विजयपुर सीट से विधायक रामनिवास रावत छह बार के विधायक हैं। वह कांग्रेस के उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष बनाने से नाराज थे। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़कर भाजपा की सदस्यता ले ली थी। रावत पहली बार 1990 में विधायक बने थे। वह 1993 में दिग्विजय सिंह कैबिनेट का हिस्सा रहे। रावत को दो बार विधानसभा चुनाव में हार का भी सामना करना पड़ा। 64 वर्षीय रावत ने 2019 में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में लोकसभा का चुनाव भी लड़ा, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। उनके परिवार में पत्नी उमा रावत के अलावा दो बेटे और दो बेटियां है। उनका पेशा वकालत है। उन्होंने बीएससी, एमए, एलएलबी की पढ़ाई की है।

ग्वालियर-चंबल में भाजपा की स्थिति होगी मजबूत 
छह बार के विधायक रामनिवास रावत को मंत्री बनाने से भाजपा ग्वालियर-चंबल में मजबूत होगी। रावत ओबीसी समुदाय के बड़ा चेहरा माने जाते हैं। मंत्री बनने से रावत का स्वाभाविक रूप से कद बढ़ेगा। कांग्रेस के तेजतर्रार नेताओं में उनकी गिनती होती है। इसका फायदा भाजपा को पूरे अंचल में मिलेगा। रावत ने 30 अप्रैल को पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ली थी। रविवार को रावत ने भागवत कथा के लिए कलश यात्रा का आयोजन किया था। इस बीच शाम को उन्हें भोपाल बुलाया गया। 

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