न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उज्जैन Published by: उज्जैन ब्यूरो Updated Wed, 26 Jun 2024 09: 31 AM IST
Ujjain: इस वर्ष श्रावण मास में 72 वर्षों बाद एक ऐसा महासंयोग बन रहा है, जब इस मास का आरंभ 22 जुलाई 2024 सोमवार से हो रहा है और इसके समापन यानी 19 अगस्त 2024 को भी सोमवार ही है। वैसे तो यह मास भगवान शिव के सभी भक्तों के लिए खास है, लेकिन धार्मिक नगरी उज्जैन में इस मास में बाबा महाकाल 5 बार नगर भ्रमण पर निकलेंगे। इस वर्ष 29 दिनों का होगा श्राॉ
विस्तार Follow Us
अन्नपूर्णा ज्योतिष केंद्र के पंडित सतीश नागर ने बताया कि इस वर्ष सावन मास काफी खास है, क्योंकि सोमवार के दिन से शुरू हो रहा है। इसके अलावा प्रीति, आयुष्मान योग के साथ सर्वार्थसिद्धि योग भी बन रहा है। इस शुभ योग में भोलेनाथ की पूजा करने से कई गुना अधिक फलों की प्राप्ति होगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रीति योग सुबह से लेकर शाम 5 बजकर 58 मिनट तक है। इसके बाद आयुष्मान योग लग जाएगा। वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 5 बजकर 57 मिनट से आरंभ होकर राक 10 बजकर 21 मिनट तक रहेगा। उन्होंने बताया कि श्रावण मास भगवान शिव की भक्ति का एक प्रमुख अवसर माना जाता है। यही कारण है कि भक्त भगवान की इस मास में सबसे अधिक पूजा अर्चना, अभिषेक और अनुष्ठान करते हैं। वैसे इस वर्ष श्रावण मास कुल 29 दिनों का ही होगा।
बाबा महाकाल की निकलेगी 5 सवारी
श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित अभिषेक शर्मा बाला गुरु बताते हैं कि श्रावण मास बाबा महाकाल के भक्तों के लिए खुशियां लेकर आया है, क्योंकि इस मास में बाबा महाकाल अपने भक्तों को राजसी स्वरूप में दर्शन देने के लिए 5 बार भव्य सवारी के रूप में निकलेंगे। उन्होंने बताया कि पहली सवारी 22 जुलाई, दूसरी सवारी 29 जुलाई, तीसरी सवारी 5 अगस्त, चौथी सवारी 12 अगस्त और पांचवी सवारी 19 अगस्त को धूमधाम से नगर भ्रमण पर निकलेगी।
श्रावण मास की शिवरात्रि भी है खास
श्रावण महीने की शिवरात्रि बहुत खास होती है। हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। शुक्रवार, 2 अगस्त 2024 को श्रावण महीने की शिवरात्रि पड़ेगी। पंचांग के अनुसार, श्रावण कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का आरंभ 2 अगस्त को दोपहर 3: 26 बजे से होगा और 3 अगस्त को दोपहर 3: 50 बजे समाप्त होगा। शिवरात्निरि की पूजा निशिता काल में की जाती है, इसलिए श्रावण की शिवरात्रि 2 अगस्त को मनाई जाएगी।
यह है श्रावण मास का महत्व
हिंदू धर्म में श्रावण माह का विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की एकादशी को देवशयनी एकादशी पड़ती है। इस दिन सृष्टि के पालनहार झीर सागर में योगनिद्रा में चले जाते हैं। इसके साथ ही वह सृष्टि के संचार का बागडोर भोलेनाथ के हाथ में दे जाते हैं। ऐसे में भोलेनाथ अपने हर एक भक्त की पुकार सुनते हैं। कहा जाता है कि भोलेनाथ को श्रद्धा के साथ सिर्फ जल चढ़ाने से ही वह अति प्रसन्न हो जाते हैं। इसके अलावा श्रावण मास मे ही कांवड़ यात्रा आरम्भ होती है।
श्रावण मास को लेकर महाकाल मंदिर में शुरू हुई तैयारी
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर में अभी से श्रावण मास की तैयारी शुरू हो चुकी है। अभी बाबा महाकाल के दर्शन करने आने वाले भक्तों की बात की जाए तो प्रति शनिवार, रविवार और सोमवार को उज्जैन में एक लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन करते हैं, जबकि सप्ताह के अन्य दिनों में लगभग 50 से 60 हजार श्रद्धालु प्रतिदिन बाबा महाकाल के दर्शन करने उज्जैन आ रहे हैं। आपने बताया कि अभी तो सब कुछ सामान्य चल रहा है, लेकिन जैसे ही श्रावण मास की शुरुआत होगी, वैसे ही प्रतिदिन 3 लाख श्रद्धालुओं का बाबा महाकाल के दर्शन करने आने का अनुमान है। यही कारण है कि बाबा महाकाल के भक्तों को 6 प्रवेश द्वारों से इस बार दर्शन करवाए जाएंगे।
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
Comments