न्यूज डेस्क, अमर उजाला, शहडोल Published by: शहडोल ब्यूरो Updated Tue, 25 Jun 2024 05: 35 PM IST
नए कानूनों की सटीक जानकारी देने पर जयप्रकाश शर्मा थाना प्रभारी अमलाई को पुरस्कृत किया गया। वहीं, दूसरी ओर उप निरीक्षक उपेन्द्र त्रिपाठी को बिना हेलमेट के बाइक चलाते पाए जाने पर जुर्माना भरना पड़ा। थाना प्रभारी अमलाई जेपी शर्मा, उप निरीक्षक का कटा गया चालान। – फोटो : अमर उजाला
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देश में तीन नए आपराधिक कानून आगामी एक जुलाई से लागू होने जा रहे हैं। इनमें भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम शामिल है। इस संबंध में सुधीर कुमार सक्सेना पुलिस महानिदेशक मध्य प्रदेश के निर्देशानुसार प्रशिक्षण शाखा पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा नए कानूनों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिसके परिपालन में डीसी सागर एडीजीपी द्वारा अपने कार्यालय में पुलिस के अधिकारियों की बैठक और परिचर्चा आयोजित की गई।
परिचर्चा के दौरान निरीक्षक जयप्रकाश शर्मा थाना प्रभारी अमलाई द्वारा नए कानून की सटीक और उपयुक्त जानकारी दिए जाने पर एडीजीपी डीसी सागर द्वारा उन्हें 500 रुपये के इनाम से पुरस्कृत किया गया। वहीं, दूसरी ओर उप निरीक्षक उपेन्द्र त्रिपाठी को बिना हेलमेट के मोटर सायकल चलाते पाए जाने पर थाना यातायात पुलिस से 300 रुपए का चालान कटवाकर रसीद दी गई। एडीजीपी ने बताया कि इन तीन नए कानूनों का मुख्य लक्ष्य ऐसी आपराधिक न्याय प्रणाली बनाना है जो न केवल नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करती है, बल्कि कानून व्यवस्था को भी और अधिक मजबूत बनाती है। जिससे सभी के लिए सुलभ और त्वरित न्याय सुनिश्चित हो। यह सुधार भारत में एक निष्पक्ष, आधुनिक और न्यायपूर्ण कानूनी ढांचे की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह हैं नए कानून
बैठक के दौरान कुछ प्रमुख धाराओं जैसे – भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 173 में संज्ञेय मामलों में इत्तिला, धारा 173(1)(i) : मौखिक, धारा 173(1)(ii): इलेक्ट्रॉनिक संसूचना (e-FIR) परंतु संसूचना देने वाले व्यक्ति को तीन दिन के भीतर उस सूचना पर हस्ताक्षर कर अपनी एफआईआर लेखबद्ध कराने का प्रावधान है, धारा 174 में असंज्ञेय मामलों के बारे में इत्तिला और ऐसे मामलों में अन्वेषण, धारा 176 में अन्वेषण की प्रक्रिया, धारा 176(3) में ऐसे अपराध जिनमें सात साल या इससे अधिक की सजा है। फोरेंसिक साक्ष्य संकलन करना अनिवार्य है। इसी प्रकार, भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 137 (अपहरण), 64 (बलात्संग), 103 (हत्या) आदि तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) की धारा 23 में पुलिस अफसर से की गई संस्वीकृति आदि धाराओं पर परिचर्चा की गई। बैठक में सविता सोहाने डीआईजी शहडोल रेंज, अभिषेक दीवान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहडोल, अनुविभागीय पुलिस अधिकारीगण, जिले के समस्त थाना प्रभारी और विवेचकगण उपस्थित रहे।
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