न्यूज डेस्क, अमर उजाला, अनूपपुर Published by: उदित दीक्षित Updated Tue, 25 Jun 2024 06: 48 PM IST
किसानों का कहना है कि हमारी भूमि ले ली गई जिसके कारण अब हम खेती भी नहीं कर पा रहे हैं। दूसरी ओर कंपनी के द्वारा दी जा रही बेरोजगारी भत्ता समेत अन्य सुविधा भी बंद कर दी गई हैं। मांगों को लेकर दिया ज्ञापन। – फोटो : अमर उजाला
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कोतमा जनपद के ग्राम पंचायत मझौली, उमरदा, गुलीडांड के सैकड़ों किसान मंगलवार को जनसुनवाई में कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। इस दौरान शिकायत दर्ज कराते हुए किसानों ने बताया कि भूमि अधिग्रहण के 12 वर्ष बीत जाने के बाद भी वेलस्पन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा उन्हें दी जा रहीं बेरोजगारी भत्ता, चिकित्सा, शिक्षा और पेयजल सुविधा की व्यवस्था बंद कर दी गई है। साथ ही अब तक कंपनी के द्वारा पावर प्लांट शुरू नहीं किया गया है और ना ही किसानों को नौकरी दी गई। ऐसे में किसानों की जमीन भी चली गई और उन्हें रोजगार भी नहीं मिला।
यह है मामला
कोतमा जनपद की ग्राम पंचायत मझौली, उमरदा, गुलीडांड के किसानों की लगभग 1300 एकड़ भूमि का अधिग्रहण 14 फरवरी 2012 को वेलस्पन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा किया गया था। यहां 1200 मेगावाट क्षमता का पावर प्लांट शुरू किया जाना था। लेकिन, यह शुरू नहीं हुआ। किसानों का कहना है कि हमारी भूमि ले ली गई जिसके कारण अब हम खेती भी नहीं कर पा रहे हैं। दूसरी ओर कंपनी के द्वारा दी जा रही बेरोजगारी भत्ता समेत अन्य सुविधा भी बंद कर दी गई हैं।
इन मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन
किसानों ने अपनी मांगों को लेकर बताया कि वेलस्पन कंपनी के द्वारा अधिग्रहित भूमि को अदानी पावर को बेच दिया गया है, जिसके आधार पर नया करारनामा अदानी पावर के साथ कराया जाए। पूर्व में वेलस्पन कंपनी के द्वारा जो बेरोजगारी भत्ता दिया जाता था उसे आज के महंगाई अनुसार दिया जाए। पूर्व में प्रदत्त करारनामा के अनुसार स्थाई और स्थानीय नौकरी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर दें। जिनकी 1 एकड़ से कम जमीन हो उसे भी नौकरी दी जाए और जिनकी एक एकड़ से ज्यादा जमीन हो उनको प्रति एकड़ के हिसाब से नौकरी दी जाए। प्रभावित परिवार को दी जा रही मूलभूत सुविधाएं शुरू की जाएं। सिविल वर्क के जो भी काम हो सीधे कंपनी से प्रभावित किसान को दिया जाए और स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाए। पेसा एक्ट के तहत कंपनी द्वारा जो भी कार्य प्रस्तावित हैं, उसे करने से पहले ग्राम पंचायत से अनापत्ति ली जाए। यदि, यह शर्तें कंपनी पूरी नहीं करती है तो किसानों की भूमि वापस उन्हें लैटाई जाए। ज्ञापन सौंपने के दौरान प्रभावित तीनों ग्राम पंचायत के सरपंच और ग्रामीण उपस्थित रहे।
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