mp-news:-धार्मिक-नगरी-के-साथ-प्रॉपर्टी-हब-बन-रहा-है-उज्जैन,-महाकाल-लोक-बनने-के-बाद-श्रद्धालुओं-का-आना-बढ़ा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उज्जैन Published by: प्रिया वर्मा Updated Tue, 25 Jun 2024 09: 33 AM IST उज्जैन द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री महाकालेश्वर भगवान के कारण ही प्रसिद्ध था, लेकिन महाकाल लोक के निर्माण के बाद जैसे-जैसे उज्जैन में पर्यटकों की संख्या बढ़ती गई, वैसे ही उज्जैन भी प्रॉपर्टी हब बन गया। वर्तमान में स्थितियां कुछ ऐसी हैं कि यह शहर चारों ओर से सड़क कनेक्टिविटी से तो जुड़ा ही हुआ है लेकिन इसके साथ ही उज्जैन शहर औद्योगिक क्षेत्र हो या फिर अन्य स्थान सभी जगह पर प्रॉपर्टी बूम साफतौर पर दिखाई दे रहा है।  उज्जैन - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us उज्जैन द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री महाकालेश्वर भगवान के कारण ही प्रसिद्ध था, लेकिन महाकाल लोक के निर्माण के बाद जैसे-जैसे उज्जैन में पर्यटकों की संख्या बढ़ती गई, वैसे ही उज्जैन भी प्रॉपर्टी हब बन गया। वर्तमान में स्थितियां कुछ ऐसी हैं कि यह शहर चारों ओर से सड़क कनेक्टिविटी से तो जुड़ा ही हुआ है लेकिन इसके साथ ही उज्जैन शहर औद्योगिक क्षेत्र हो या फिर अन्य स्थान सभी जगह पर प्रॉपर्टी बूम साफतौर पर दिखाई दे रहा है।  इंदौर के बाद उज्जैन में भी प्रॉपर्टी की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है। इंदौर की तरह उज्जैन संभाग में भी प्रॉपर्टी की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी होने के साथ ही यह शहर भी अब राजस्व में अव्वल आने लगा है। बताया जाता है कि 2 सालों में प्रदेश का सबसे बड़ा निवेश उज्जैन में ही हुआ है। यहां औद्योगिक नगर विक्रम उद्योगपुरी का निर्माण देवास रोड पर किया गया है जो कि 442 हेक्टेयर क्षेत्र में बनी हुई है।  यहां 13000 करोड़ के उद्योग अब तक आ चुके हैं और इन उद्योगों से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि इससे लगभग 78,000 लोगों को रोजगार मिलेगा। जल्द ही यह शहर धार्मिक नगरी के साथ ही औद्योगिक नगरी के नाम से भी जाना जाए, इसीलिए यहां पर एयरपोर्ट, शासकीय मेडिकल कॉलेज, सड़क, बिजली, पानी की ऐसी सभी प्रकार की व्यवस्थाएं की जा रही है, जोकि औद्योगिक क्षेत्र के लिए सबसे आवश्यक होती है।  प्रॉपर्टी खरीदने के पहले यह भी रखना होगा ध्यान जैसे-जैसे उज्जैन शहर का विकास होता जा रहा है, वैसे ही अब प्रॉपर्टी को लेकर कानूनी विवाद भी बढ़ने लगे हैं। भरतपुरी पंजीयक एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं एडवोकेट कैलाश बंसल बताते हैं कि कोई भी संपत्ति खरीदने के पहले हमें यह जान लेना आवश्यक है कि विक्रेता आखिर किस तरीके से इस संपत्ति का स्वामी बना है। उसके पास संपत्ति से संबंधित टाइटल डीड्स नामांतरण व अन्य दस्तावेज हैं भी या नहीं। यह संपत्ति कहीं बंधक या फिर भारग्रस्त तो नहीं है संपत्ति की सर्च रिपोर्ट पूर्णतः स्वच्छ है। इस संपत्ति के विक्रय में विक्रेता के परिवारजनों की कोई आपत्ति तो नहीं है। यदि संपत्ति नगर तथा ग्राम निवेश नगर निगम राजस्व आदि विभागों के अंतर्गत आता है तो यहां से इसके लिए अनुमति ली है ली गई है या नहीं....? संपत्ति यदि कृषि भूमि है तो राजस्व अभिलेखों में उसका नामांतरण, सीमांकन, बटांकन, राजस्व मानचित्र में उसकी आकृति स्पष्ट है या नहीं....? यदि विक्रेता ने यह संपत्ति क्रय की हो तो उसका विक्रय पत्र अथवा अंतरण तथा अन्य दस्तावेज विधिवत रूप से पंजीकृत स्थापित है या नहीं। हमेशा मूल स्वामी से ही संपत्ति का अनुबंध किया जाए तो ही श्रेष्ठ रहता है क्योंकि अनुबंध के आधार पर अगर और किसी से अनुबंध किया जाता है तो इसे वैधानिक नहीं माना जाता है। संपत्ति खरीदने के पहले जाहिर सूचना का प्रकाशन जरूर करवाना चाहिए, जिससे यदि यह संपत्ति अनुबंध, भारग्रस्त या फिर किसी भी विवादों में हो तो इसकी जानकारी हमें मिल सके।  सड़क मार्ग से भी हो रही उज्जैन की कनेक्टिविटी सड़क मार्ग से भी उज्जैन लगातार जुड़ता जा रहा है उज्जैन-झालावाड़ टू लाइन मार्ग, उज्जैन-देवास फोरलेन मार्ग, उज्जैन-बदनावर मार्ग के साथ ही उज्जैन-गरोठ मार्ग का निर्माण कार्य लगातार जारी है। उज्जैन-इंदौर मार्ग पर फोरलेन के बाद अब सिक्स लेन की शुरुआत होने वाली है, वहीं उज्जैन-मक्सी रोड पर भी फोर लेन बनने जा रहा है।  इन कंपनियों के कारण उज्जैन में बढ़ेगा रोजगार विक्रम उद्योगपुरी देवास रोड पर 50 बड़ी कंपनियां 6 से 8 हजार करोड़ का इन्वेस्टमेंट कर चुकी हैं। इससे आने वाले समय में लगभग हजारों लोगों को रोजगार मिल पाएगा बताया जाता है कि औद्योगिक क्षेत्र में पेप्सीको, अमूल, इस्कॉन, बालाजी वेफर्स, सुधाकर पाइप्स, आर्शीवाद पाइप्स, यशोदा लीलैंड, कर्नाटक बायोटिक, सनबायोटिक, रेलस्स, एमडीएच, रिच फूड ने अपने प्लांट डालना शुरू कर दिए हैं, जबकि उज्जैन संभाग में अडानी ग्रुप सीमेंट की फैक्ट्री भी डालने वाला है।  पर्यटकों की आ गई बाढ़ महाकाल लोक बनने के बाद यहां पर्यटकों का भी जैसे मेला लगने लगा है। ऐसे में यहां के व्यापार-व्यवसाय को भी नए आयाम मिले हैं। यहां आने वाले श्रद्धालु महाकाल लोक की सुंदरता से आकर्षित हो रहे हैं, जिसके चलते यहां के प्रॉपर्टी बाजार में निवेशकों का इन्वेस्टमेंट भी बढ़ा है।  पांच गुना बढ़ गई कीमतें भरतपुरी पंजीयक एसोसिएशन के सचिव सुरेंद्र मरमट के अनुसार महाकाल लोक के बाद प्रॉपर्टी मार्केट में बूम की स्थिति है। इंदौर रोड पर सर्वाधिक निवेश हो रहा है। यहां तपोभूमि के पास मुख्य रोड से लगी जमीन के भाव 10 से 15 हजार वर्गफीट पहुंच गए हैं। फोरलेन के आसपास जमीन 40 से 1.50 करोड़ तक के भाव हैं। कॉलोनियों में भूखंड रेट 3 से 5 हजार रुपए पहुंच गई। इसके पीछे बाहरी लोगों का प्रॉपर्टी में निवेश करना है। वही आरके डेपवलपर्स, उज्जैन के राकेश अग्रवाल बताते हैं कि महाकाल लोक बनने के बाद रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी से ग्रोथ हुई है। व्यावसायिक के साथ आवासीय प्रॉपर्टी के साथ जमीनों में निवेश बढ़ा है। बाहरी लोग अब उज्जैन में संपत्ति खरीदना पसंद कर रहे हैं। इसके पीछे उज्जैन में आने वाले समय में और विकास होना है। तिरुपति डेवलपर्स के डायरेक्टर महेश परियानी के मुताबिक महाकाल लोक की प्रसिद्धी ने उज्जैन का नाम देशभर में फैला दिया है। प्रदेशभर से आ रहे इन्वेस्टर जमीन में पैसा लगा रहे हैं। कई बड़े प्रोजेक्ट भी आ रहे है। संपत्ति खरीद का दायरा भी बढ़ गया है। आने वाले समय में रियल इस्टेट में ऐसी ही तेजी रहेगी। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

You can share this post!

Related News

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उज्जैन Published by: प्रिया वर्मा Updated Tue, 25 Jun 2024 09: 33 AM IST

उज्जैन द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री महाकालेश्वर भगवान के कारण ही प्रसिद्ध था, लेकिन महाकाल लोक के निर्माण के बाद जैसे-जैसे उज्जैन में पर्यटकों की संख्या बढ़ती गई, वैसे ही उज्जैन भी प्रॉपर्टी हब बन गया। वर्तमान में स्थितियां कुछ ऐसी हैं कि यह शहर चारों ओर से सड़क कनेक्टिविटी से तो जुड़ा ही हुआ है लेकिन इसके साथ ही उज्जैन शहर औद्योगिक क्षेत्र हो या फिर अन्य स्थान सभी जगह पर प्रॉपर्टी बूम साफतौर पर दिखाई दे रहा है।  उज्जैन – फोटो : अमर उजाला

विस्तार Follow Us

उज्जैन द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री महाकालेश्वर भगवान के कारण ही प्रसिद्ध था, लेकिन महाकाल लोक के निर्माण के बाद जैसे-जैसे उज्जैन में पर्यटकों की संख्या बढ़ती गई, वैसे ही उज्जैन भी प्रॉपर्टी हब बन गया। वर्तमान में स्थितियां कुछ ऐसी हैं कि यह शहर चारों ओर से सड़क कनेक्टिविटी से तो जुड़ा ही हुआ है लेकिन इसके साथ ही उज्जैन शहर औद्योगिक क्षेत्र हो या फिर अन्य स्थान सभी जगह पर प्रॉपर्टी बूम साफतौर पर दिखाई दे रहा है। 

इंदौर के बाद उज्जैन में भी प्रॉपर्टी की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है। इंदौर की तरह उज्जैन संभाग में भी प्रॉपर्टी की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी होने के साथ ही यह शहर भी अब राजस्व में अव्वल आने लगा है। बताया जाता है कि 2 सालों में प्रदेश का सबसे बड़ा निवेश उज्जैन में ही हुआ है। यहां औद्योगिक नगर विक्रम उद्योगपुरी का निर्माण देवास रोड पर किया गया है जो कि 442 हेक्टेयर क्षेत्र में बनी हुई है। 

यहां 13000 करोड़ के उद्योग अब तक आ चुके हैं और इन उद्योगों से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि इससे लगभग 78,000 लोगों को रोजगार मिलेगा। जल्द ही यह शहर धार्मिक नगरी के साथ ही औद्योगिक नगरी के नाम से भी जाना जाए, इसीलिए यहां पर एयरपोर्ट, शासकीय मेडिकल कॉलेज, सड़क, बिजली, पानी की ऐसी सभी प्रकार की व्यवस्थाएं की जा रही है, जोकि औद्योगिक क्षेत्र के लिए सबसे आवश्यक होती है। 

प्रॉपर्टी खरीदने के पहले यह भी रखना होगा ध्यान

जैसे-जैसे उज्जैन शहर का विकास होता जा रहा है, वैसे ही अब प्रॉपर्टी को लेकर कानूनी विवाद भी बढ़ने लगे हैं। भरतपुरी पंजीयक एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं एडवोकेट कैलाश बंसल बताते हैं कि कोई भी संपत्ति खरीदने के पहले हमें यह जान लेना आवश्यक है कि विक्रेता आखिर किस तरीके से इस संपत्ति का स्वामी बना है। उसके पास संपत्ति से संबंधित टाइटल डीड्स नामांतरण व अन्य दस्तावेज हैं भी या नहीं। यह संपत्ति कहीं बंधक या फिर भारग्रस्त तो नहीं है संपत्ति की सर्च रिपोर्ट पूर्णतः स्वच्छ है। इस संपत्ति के विक्रय में विक्रेता के परिवारजनों की कोई आपत्ति तो नहीं है। यदि संपत्ति नगर तथा ग्राम निवेश नगर निगम राजस्व आदि विभागों के अंतर्गत आता है तो यहां से इसके लिए अनुमति ली है ली गई है या नहीं….?

संपत्ति यदि कृषि भूमि है तो राजस्व अभिलेखों में उसका नामांतरण, सीमांकन, बटांकन, राजस्व मानचित्र में उसकी आकृति स्पष्ट है या नहीं….? यदि विक्रेता ने यह संपत्ति क्रय की हो तो उसका विक्रय पत्र अथवा अंतरण तथा अन्य दस्तावेज विधिवत रूप से पंजीकृत स्थापित है या नहीं। हमेशा मूल स्वामी से ही संपत्ति का अनुबंध किया जाए तो ही श्रेष्ठ रहता है क्योंकि अनुबंध के आधार पर अगर और किसी से अनुबंध किया जाता है तो इसे वैधानिक नहीं माना जाता है। संपत्ति खरीदने के पहले जाहिर सूचना का प्रकाशन जरूर करवाना चाहिए, जिससे यदि यह संपत्ति अनुबंध, भारग्रस्त या फिर किसी भी विवादों में हो तो इसकी जानकारी हमें मिल सके। 

सड़क मार्ग से भी हो रही उज्जैन की कनेक्टिविटी

सड़क मार्ग से भी उज्जैन लगातार जुड़ता जा रहा है उज्जैन-झालावाड़ टू लाइन मार्ग, उज्जैन-देवास फोरलेन मार्ग, उज्जैन-बदनावर मार्ग के साथ ही उज्जैन-गरोठ मार्ग का निर्माण कार्य लगातार जारी है। उज्जैन-इंदौर मार्ग पर फोरलेन के बाद अब सिक्स लेन की शुरुआत होने वाली है, वहीं उज्जैन-मक्सी रोड पर भी फोर लेन बनने जा रहा है। 

इन कंपनियों के कारण उज्जैन में बढ़ेगा रोजगार

विक्रम उद्योगपुरी देवास रोड पर 50 बड़ी कंपनियां 6 से 8 हजार करोड़ का इन्वेस्टमेंट कर चुकी हैं। इससे आने वाले समय में लगभग हजारों लोगों को रोजगार मिल पाएगा बताया जाता है कि औद्योगिक क्षेत्र में पेप्सीको, अमूल, इस्कॉन, बालाजी वेफर्स, सुधाकर पाइप्स, आर्शीवाद पाइप्स, यशोदा लीलैंड, कर्नाटक बायोटिक, सनबायोटिक, रेलस्स, एमडीएच, रिच फूड ने अपने प्लांट डालना शुरू कर दिए हैं, जबकि उज्जैन संभाग में अडानी ग्रुप सीमेंट की फैक्ट्री भी डालने वाला है। 

पर्यटकों की आ गई बाढ़

महाकाल लोक बनने के बाद यहां पर्यटकों का भी जैसे मेला लगने लगा है। ऐसे में यहां के व्यापार-व्यवसाय को भी नए आयाम मिले हैं। यहां आने वाले श्रद्धालु महाकाल लोक की सुंदरता से आकर्षित हो रहे हैं, जिसके चलते यहां के प्रॉपर्टी बाजार में निवेशकों का इन्वेस्टमेंट भी बढ़ा है। 

पांच गुना बढ़ गई कीमतें

भरतपुरी पंजीयक एसोसिएशन के सचिव सुरेंद्र मरमट के अनुसार महाकाल लोक के बाद प्रॉपर्टी मार्केट में बूम की स्थिति है। इंदौर रोड पर सर्वाधिक निवेश हो रहा है। यहां तपोभूमि के पास मुख्य रोड से लगी जमीन के भाव 10 से 15 हजार वर्गफीट पहुंच गए हैं। फोरलेन के आसपास जमीन 40 से 1.50 करोड़ तक के भाव हैं। कॉलोनियों में भूखंड रेट 3 से 5 हजार रुपए पहुंच गई। इसके पीछे बाहरी लोगों का प्रॉपर्टी में निवेश करना है। वही आरके डेपवलपर्स, उज्जैन के राकेश अग्रवाल बताते हैं कि महाकाल लोक बनने के बाद रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी से ग्रोथ हुई है। व्यावसायिक के साथ आवासीय प्रॉपर्टी के साथ जमीनों में निवेश बढ़ा है। बाहरी लोग अब उज्जैन में संपत्ति खरीदना पसंद कर रहे हैं। इसके पीछे उज्जैन में आने वाले समय में और विकास होना है। तिरुपति डेवलपर्स के डायरेक्टर महेश परियानी के मुताबिक महाकाल लोक की प्रसिद्धी ने उज्जैन का नाम देशभर में फैला दिया है। प्रदेशभर से आ रहे इन्वेस्टर जमीन में पैसा लगा रहे हैं। कई बड़े प्रोजेक्ट भी आ रहे है। संपत्ति खरीद का दायरा भी बढ़ गया है। आने वाले समय में रियल इस्टेट में ऐसी ही तेजी रहेगी।

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

Posted in MP