पुणे-पोर्श-केस:-आरोपी-के-पिता-को-जमानत,-पीड़ित-परिवार-में-नाराजगी,-कहा-सबूतों-से-छेड़छाड़-कर-चुका,-फिर-करेगा
इसी कार की टक्कर से हुई थी दो की मौत। - फोटो : सोशल मीडिया विस्तार Follow Us पुणे के हिट एंड रन मामले में जबलपुर की युवा इंजीनियर अश्वनी कोष्टा और बिरसिंहपुर पाली निवासी अनीस अवधिया की मौत हो गई थी। अश्वनी के पिता सुरेश कुमार कोष्टा का कहना है कि जमानत के लिए कोई नाबालिग बनकर तो कोई बुजुर्ग बनकर याचिका दायर कर रहा है। जमानत देने से पहले उनके कृत्य को भी देखना चाहिए था। नाबालिग आरोपी के पिता को जमानत मिलने का विरोध करते हुए उन्होंने यह बात कही।  कोर्ट ने मामले में आरोपी के पिता, बार संचालक और कर्मचारियों को जमानत दे दी है। इससे पीड़ित परिवार में नाराजगी है। पीड़ित परिवार ने कहा कि न्यायालय को यह देखना चाहिए था कि पूर्व में साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास किया गया था। जमानत का लाभ मिलने से निश्चित तौर आरोपी बचाव का प्रयास करेंगे। खुद को बचाने के लिए व्यक्ति किसी भी हद तक जा सकता है। जमानत देने से पहले उनके कृत्य को भी देखना चाहिए था। बार में जाकर नशे में धुत होने के बाद बिना नंबर की गाड़ी से टक्कर मारकर दो युवा इंजीनियरों को मौत के घाट उतार दिया गया। उसका दादा नाबालिग को बार में जाने के लिए गाड़ी देता है। इसके बाद दोनों जमानत के लिए अपनी उम्र का हवाला देते हैं। ऐसे मामलों में उम्र नहीं, आरोपियों के कृत्य को देखना चाहिए। सुरेश कुमार कोष्टा ने कहा कि दोनों युवा इंजीनियर का करियर शुरू होने से पहले ही खत्म हो गया। उनके बेटी अधिकांश समय पढ़ाई करती थी और उसका सपना था कि वह नौकरी कर परिवार की आर्थिक मदद करे। नशे में धुत होकर कथित नाबालिग ने सपनों के साथ उसे भी खत्म कर दिया। मेरी बेटी जैसी थे, उसे वैसे वापस कर दें तो मैं लिखित में प्रकरण वापस लेने की सिफारिश करूंगा।  हादसे में जान गंवाने वाले अनीस के चाचा सूर्या अवधिया ने कहा कि न्यायालय को यह देखना चाहिए था कि घटना के बाद साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की गई थी। जेल में निरुद्ध रहने के दौरान भी अपने बचाव में लगे हुए हैं। प्रकरण में आरोपी बनाए गए आरोपी जमानत याचिकाएं लगा रहे हैं। वे जेल से बाहर आने के बाद प्रकरण को प्रभावित करने की कोशिश अवश्य करेंगे। 

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इसी कार की टक्कर से हुई थी दो की मौत। – फोटो : सोशल मीडिया

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पुणे के हिट एंड रन मामले में जबलपुर की युवा इंजीनियर अश्वनी कोष्टा और बिरसिंहपुर पाली निवासी अनीस अवधिया की मौत हो गई थी। अश्वनी के पिता सुरेश कुमार कोष्टा का कहना है कि जमानत के लिए कोई नाबालिग बनकर तो कोई बुजुर्ग बनकर याचिका दायर कर रहा है। जमानत देने से पहले उनके कृत्य को भी देखना चाहिए था। नाबालिग आरोपी के पिता को जमानत मिलने का विरोध करते हुए उन्होंने यह बात कही। 

कोर्ट ने मामले में आरोपी के पिता, बार संचालक और कर्मचारियों को जमानत दे दी है। इससे पीड़ित परिवार में नाराजगी है। पीड़ित परिवार ने कहा कि न्यायालय को यह देखना चाहिए था कि पूर्व में साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास किया गया था। जमानत का लाभ मिलने से निश्चित तौर आरोपी बचाव का प्रयास करेंगे। खुद को बचाने के लिए व्यक्ति किसी भी हद तक जा सकता है। जमानत देने से पहले उनके कृत्य को भी देखना चाहिए था। बार में जाकर नशे में धुत होने के बाद बिना नंबर की गाड़ी से टक्कर मारकर दो युवा इंजीनियरों को मौत के घाट उतार दिया गया। उसका दादा नाबालिग को बार में जाने के लिए गाड़ी देता है। इसके बाद दोनों जमानत के लिए अपनी उम्र का हवाला देते हैं। ऐसे मामलों में उम्र नहीं, आरोपियों के कृत्य को देखना चाहिए।

सुरेश कुमार कोष्टा ने कहा कि दोनों युवा इंजीनियर का करियर शुरू होने से पहले ही खत्म हो गया। उनके बेटी अधिकांश समय पढ़ाई करती थी और उसका सपना था कि वह नौकरी कर परिवार की आर्थिक मदद करे। नशे में धुत होकर कथित नाबालिग ने सपनों के साथ उसे भी खत्म कर दिया। मेरी बेटी जैसी थे, उसे वैसे वापस कर दें तो मैं लिखित में प्रकरण वापस लेने की सिफारिश करूंगा। 

हादसे में जान गंवाने वाले अनीस के चाचा सूर्या अवधिया ने कहा कि न्यायालय को यह देखना चाहिए था कि घटना के बाद साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की गई थी। जेल में निरुद्ध रहने के दौरान भी अपने बचाव में लगे हुए हैं। प्रकरण में आरोपी बनाए गए आरोपी जमानत याचिकाएं लगा रहे हैं। वे जेल से बाहर आने के बाद प्रकरण को प्रभावित करने की कोशिश अवश्य करेंगे। 

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