विश्व-संगीत-दिवस:-सुकून-देने-वाला-संगीत-किसी-एक-दिन-का-मोहताज-नहीं,-भोपाल-में-सजी-महफिल-में-दिल-तक-उतरीं-गजलें
भोपाल में स्वर सरिता का आयोजन - फोटो : सोशल मीडिया विस्तार Follow Us मन को सुकून और दिल को तरोताजा करने वाला संगीत किसी एक दिन का मोहताज नहीं है, लेकिन बात दस्तूर निभाई की हो तो किसी दिन को खास मौका छोड़ा भी नहीं जा सकता। आकाशवाणी के भोपाल केंद्र ने विश्व संगीत दिवस पर ऐसी ही एक महफिल सजाई। इसमें गीत, गजल, भजन श्रोताओं पर गहरी छाप छोड़ गए।  विश्व संगीत दिवस पर आकाशवाणी भोपाल द्वारा "स्वर सरिता" का दूसरा अंक प्रस्तुत किया गया। इसमें विख्यात ग़ज़लकार और तबला नवाज उस्ताद सलीम अल्लाह वाले की गजलों  ने सभागार में उपस्थित लोगों को वाह-वाह करने पर मजबूर किया। वहीं युवा गायिका प्राची कोकण ठाणकर ने अपने भजनों के माध्यम से जन समूह को भक्ति रस में डुबोया। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए प्राची ने सर्वप्रथम अपने गुरु सरवत हुसैन की संगीतबद्ध की गई मीराबाई की रचना प्रस्तुत की। इसके बोल थे "जोगिया से प्रीत किए" जिस संगीत स्टूडियो में कभी उस्ताद सरवत हुसैन की आवाज गूंजती थी, वहीं उनकी शिष्या के माध्यम से उनकी संगीत रचना को सुनना उपस्थित जन समूह के लिए एक यादगार अवसर बन गया। तत्पश्चात  प्राची ने आकाशवाणी भोपाल के पूर्व निदेशक विश्वास केलकर की संगीत रचना "तुम मेरी राखो लाज हरी" को प्रस्तुत कर इस अद्भुत  आनंद को दोगुना कर दिया। इस भजन के रचयिता थे सूरदास। प्राची ने इसके बाद दो और भजनों के साथ अपने गायन का समापन किया।  इसके बाद देश के ख्याति लब्ध तबला नवाज और ग़ज़ल गायक उस्ताद सलीम अल्लाह वाले मंच पर आए। जिन्होंने सबसे पहले अल्लामा इक़बाल के सुप्रसिद्ध ग़ज़ल "सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा" को स्वर दिया। तत्पश्चात स्वयं की संगीतबद्ध और प्रसिद्ध शायर कृष्ण बिहारी नूर की ग़ज़ल "जिंदगी से बड़ी सजा ही नहीं" प्रस्तुत कर उपस्थित जानसमूह क मन मोह लिया। शकील आज़मी की ग़ज़ल खुद को इतना भी ना बचाया कर को भी लोगों ने बहुत पसंद किया। अंत में आपने श्रोताओं की फरमाइश पर "छाप तिलक" और "दमा दम मस्त कलंदर" से कार्यक्रम को एक अलग ऊंचाई प्रदान की। दोनों कलाकारों के साथ वायलिन पर संगत पंडित महेश मलिक ने की। तबले पर मोहम्मद शमी और  कीबोर्ड के साथ संगत शाहिद ने की। संचालन आकाशवाणी भोपाल के वरिष्ठ उद्घोषक डॉक्टर अरविंद सोनी ने किया। आकाशवाणी भोपाल के कार्यक्रम प्रमुख राजेश भट्ट ने बताया कि स्वर सरिता शृंखला आकाशवाणी भोपाल के कलाकारों को प्रतिष्ठित मंच देने का महत्वपूर्ण कार्य कर रही है। आकाशवाणी भोपाल में विश्व योग दिवस भी सभी कर्मचारियों और अधिकारियों ने मनाया। इस अवसर पर विख्यात योग प्रशिक्षक डॉ. निधि ठक्कर ने आकाशवाणी के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को योग का अभ्यास कराया। आकाशवाणी भोपाल के उप महानिदेशक यशवंत चिवंडे ने इस अवसर पर मौजूद थे। आकाशवाणी भोपाल की कार्यक्रम अधिकारी अनामिका ने आभार व्यक्त किया।

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भोपाल में स्वर सरिता का आयोजन – फोटो : सोशल मीडिया

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मन को सुकून और दिल को तरोताजा करने वाला संगीत किसी एक दिन का मोहताज नहीं है, लेकिन बात दस्तूर निभाई की हो तो किसी दिन को खास मौका छोड़ा भी नहीं जा सकता। आकाशवाणी के भोपाल केंद्र ने विश्व संगीत दिवस पर ऐसी ही एक महफिल सजाई। इसमें गीत, गजल, भजन श्रोताओं पर गहरी छाप छोड़ गए। 

विश्व संगीत दिवस पर आकाशवाणी भोपाल द्वारा “स्वर सरिता” का दूसरा अंक प्रस्तुत किया गया। इसमें विख्यात ग़ज़लकार और तबला नवाज उस्ताद सलीम अल्लाह वाले की गजलों  ने सभागार में उपस्थित लोगों को वाह-वाह करने पर मजबूर किया। वहीं युवा गायिका प्राची कोकण ठाणकर ने अपने भजनों के माध्यम से जन समूह को भक्ति रस में डुबोया। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए प्राची ने सर्वप्रथम अपने गुरु सरवत हुसैन की संगीतबद्ध की गई मीराबाई की रचना प्रस्तुत की। इसके बोल थे “जोगिया से प्रीत किए” जिस संगीत स्टूडियो में कभी उस्ताद सरवत हुसैन की आवाज गूंजती थी, वहीं उनकी शिष्या के माध्यम से उनकी संगीत रचना को सुनना उपस्थित जन समूह के लिए एक यादगार अवसर बन गया। तत्पश्चात  प्राची ने आकाशवाणी भोपाल के पूर्व निदेशक विश्वास केलकर की संगीत रचना “तुम मेरी राखो लाज हरी” को प्रस्तुत कर इस अद्भुत  आनंद को दोगुना कर दिया। इस भजन के रचयिता थे सूरदास। प्राची ने इसके बाद दो और भजनों के साथ अपने गायन का समापन किया। 

इसके बाद देश के ख्याति लब्ध तबला नवाज और ग़ज़ल गायक उस्ताद सलीम अल्लाह वाले मंच पर आए। जिन्होंने सबसे पहले अल्लामा इक़बाल के सुप्रसिद्ध ग़ज़ल “सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा” को स्वर दिया। तत्पश्चात स्वयं की संगीतबद्ध और प्रसिद्ध शायर कृष्ण बिहारी नूर की ग़ज़ल “जिंदगी से बड़ी सजा ही नहीं” प्रस्तुत कर उपस्थित जानसमूह क मन मोह लिया। शकील आज़मी की ग़ज़ल खुद को इतना भी ना बचाया कर को भी लोगों ने बहुत पसंद किया। अंत में आपने श्रोताओं की फरमाइश पर “छाप तिलक” और “दमा दम मस्त कलंदर” से कार्यक्रम को एक अलग ऊंचाई प्रदान की। दोनों कलाकारों के साथ वायलिन पर संगत पंडित महेश मलिक ने की। तबले पर मोहम्मद शमी और  कीबोर्ड के साथ संगत शाहिद ने की। संचालन आकाशवाणी भोपाल के वरिष्ठ उद्घोषक डॉक्टर अरविंद सोनी ने किया। आकाशवाणी भोपाल के कार्यक्रम प्रमुख राजेश भट्ट ने बताया कि स्वर सरिता शृंखला आकाशवाणी भोपाल के कलाकारों को प्रतिष्ठित मंच देने का महत्वपूर्ण कार्य कर रही है।

आकाशवाणी भोपाल में विश्व योग दिवस भी सभी कर्मचारियों और अधिकारियों ने मनाया। इस अवसर पर विख्यात योग प्रशिक्षक डॉ. निधि ठक्कर ने आकाशवाणी के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को योग का अभ्यास कराया। आकाशवाणी भोपाल के उप महानिदेशक यशवंत चिवंडे ने इस अवसर पर मौजूद थे। आकाशवाणी भोपाल की कार्यक्रम अधिकारी अनामिका ने आभार व्यक्त किया।

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