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400 साल पुराने राम मंदिर के पुनर्निर्माण का विरोध - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us पूरे मामले की जानकारी देते हुए तराना के जनपद अध्यक्ष और इस मामले में कलेक्टर को शिकायत करने पहुंचे रुद्र प्रताप सिंह ने बताया कि तराना के ग्राम कड़ोदिया में भगवान श्री राम का लगभग 400 वर्ष पुराना मंदिर है। इस मंदिर में वर्षों से पुजारी अशोक दास भगवान का पूजन करते आ रहे हैं। उन्होंने ने बताया कि ग्रामीणजनों की मंशा सिर्फ इतनी है कि अति प्राचीन भगवान श्री राम के इस मंदिर का भव्य रूप से पुनर्निर्माण किया जाए, लेकिन मंदिर के पुजारी अशोक दास मंदिर निर्माण के जैसे खिलाफ है। स्थितियां यह है कि पिछले दो माह से ग्रामीणजनों का मंदिर में प्रवेश ही वर्जित है। मंदिर में नियमित भगवान का पूजन अर्चन और आरती होती है, लेकिन यह सब बंद दरवाजे के बीच होता है। ग्रामीण जन भगवान श्री राम के प्रति अगाध आस्था लेकर मंदिर पहुंचते तो हैं, लेकिन उन्हें भगवान के दर्शन नहीं होते। वह सिर्फ मंदिर के गेट पर खड़े होकर भगवान की आरती सुनते हैं तालियां बजाते हैं और मंदिर के द्वार पर ही माथा टेककर वापस लौट जाते हैं।  कुछ ऐसी है मंदिर की स्थिति.... बताया जाता है कि लगभग 400 वर्ष पुराने इस मंदिर की स्थिति कुछ ऐसी हो चुकी है कि यहां की दीवारें कच्ची हैं और मंदिर के ऊपरी भाग में कवेलू लगे होने से बारिश के मौसम में दौरान भगवान श्री राम की प्रतिमा पर पानी तक गिरता है। मंदिर के अति प्राचीन होने के कारण ही ग्रामीणजनों की आस्था है कि जब हम अच्छे मकान में रहते हैं तो हमारे आराध्य का मंदिर भी भव्य होना चाहिए, इसीलिए ग्रामीण जन इस मंदिर का पुनर्निर्माण करना चाहते हैं।  इसीलिए मंदिर का निर्माण नहीं चाहते पुजारी मंदिर में श्रद्धालुओं का प्रवेश रोके जाने और इसके निर्माण में बाधा उत्पन्न करने वाले पुजारी की शिकायत लेकर लगभग 50 से 60 ग्रामीण जनसुनवाई में पहुंचे थे, जहां उन्होंने कलेक्टर को ज्ञापन दिया और बताया कि पुजारी अशोक दास के पास इस मंदिर की लगभग 50 बीघा जमीन है। पुजारी परिवार इस भूमि का उपयोग करता ही है लेकिन मंदिर परिसर को भी उन्होंने अपने घर की तरह उपयोग करना शुरू कर दिया है। स्थितियां यह हो चुकी है कि यहां पर एक शौचालय का निर्माण कर दिया गया है। मंदिर में भले ही ग्रामीण जनों के प्रवेश पर रोक लगी हो, लेकिन पुजारी परिवार के लोग इस पूरे मंदिर परिसर का उपयोग अपने घर की तरह ही करते हैं।  आवेदन आया है इस पर जांच करवाई जाएगी- कलेक्टर इस मामले में कलेक्टर नीरज कुमार सिंह से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि तराना जनपद अध्यक्ष रुद्र प्रताप सिंह के साथ काफी ग्रामीण जन इस समस्या को लेकर मुझे मिले थे। जिन्होंने मुझे एक आवेदन भी दिया है। इस मामले की जांच के लिए मैंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित कर दिया है, जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।

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400 साल पुराने राम मंदिर के पुनर्निर्माण का विरोध – फोटो : अमर उजाला

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पूरे मामले की जानकारी देते हुए तराना के जनपद अध्यक्ष और इस मामले में कलेक्टर को शिकायत करने पहुंचे रुद्र प्रताप सिंह ने बताया कि तराना के ग्राम कड़ोदिया में भगवान श्री राम का लगभग 400 वर्ष पुराना मंदिर है। इस मंदिर में वर्षों से पुजारी अशोक दास भगवान का पूजन करते आ रहे हैं। उन्होंने ने बताया कि ग्रामीणजनों की मंशा सिर्फ इतनी है कि अति प्राचीन भगवान श्री राम के इस मंदिर का भव्य रूप से पुनर्निर्माण किया जाए, लेकिन मंदिर के पुजारी अशोक दास मंदिर निर्माण के जैसे खिलाफ है।

स्थितियां यह है कि पिछले दो माह से ग्रामीणजनों का मंदिर में प्रवेश ही वर्जित है। मंदिर में नियमित भगवान का पूजन अर्चन और आरती होती है, लेकिन यह सब बंद दरवाजे के बीच होता है। ग्रामीण जन भगवान श्री राम के प्रति अगाध आस्था लेकर मंदिर पहुंचते तो हैं, लेकिन उन्हें भगवान के दर्शन नहीं होते। वह सिर्फ मंदिर के गेट पर खड़े होकर भगवान की आरती सुनते हैं तालियां बजाते हैं और मंदिर के द्वार पर ही माथा टेककर वापस लौट जाते हैं। 

कुछ ऐसी है मंदिर की स्थिति….
बताया जाता है कि लगभग 400 वर्ष पुराने इस मंदिर की स्थिति कुछ ऐसी हो चुकी है कि यहां की दीवारें कच्ची हैं और मंदिर के ऊपरी भाग में कवेलू लगे होने से बारिश के मौसम में दौरान भगवान श्री राम की प्रतिमा पर पानी तक गिरता है। मंदिर के अति प्राचीन होने के कारण ही ग्रामीणजनों की आस्था है कि जब हम अच्छे मकान में रहते हैं तो हमारे आराध्य का मंदिर भी भव्य होना चाहिए, इसीलिए ग्रामीण जन इस मंदिर का पुनर्निर्माण करना चाहते हैं। 

इसीलिए मंदिर का निर्माण नहीं चाहते पुजारी
मंदिर में श्रद्धालुओं का प्रवेश रोके जाने और इसके निर्माण में बाधा उत्पन्न करने वाले पुजारी की शिकायत लेकर लगभग 50 से 60 ग्रामीण जनसुनवाई में पहुंचे थे, जहां उन्होंने कलेक्टर को ज्ञापन दिया और बताया कि पुजारी अशोक दास के पास इस मंदिर की लगभग 50 बीघा जमीन है। पुजारी परिवार इस भूमि का उपयोग करता ही है लेकिन मंदिर परिसर को भी उन्होंने अपने घर की तरह उपयोग करना शुरू कर दिया है। स्थितियां यह हो चुकी है कि यहां पर एक शौचालय का निर्माण कर दिया गया है। मंदिर में भले ही ग्रामीण जनों के प्रवेश पर रोक लगी हो, लेकिन पुजारी परिवार के लोग इस पूरे मंदिर परिसर का उपयोग अपने घर की तरह ही करते हैं। 

आवेदन आया है इस पर जांच करवाई जाएगी- कलेक्टर
इस मामले में कलेक्टर नीरज कुमार सिंह से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि तराना जनपद अध्यक्ष रुद्र प्रताप सिंह के साथ काफी ग्रामीण जन इस समस्या को लेकर मुझे मिले थे। जिन्होंने मुझे एक आवेदन भी दिया है। इस मामले की जांच के लिए मैंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित कर दिया है, जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।

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